UGC का नया सिलेबस विवादों में पंचांग और सावरकर की किताबें

सूची
  1. ड्राफ्ट में नई और विवादास्पद सामग्री
  2. छात्रों और शिक्षकों का विरोध
  3. आंदोलन की तैयारी और प्रदर्शन
  4. UGC के सुझाव आमंत्रित करने की प्रक्रिया
  5. शिक्षा में बदलाव का व्यापक प्रभाव
  6. वीडियो सामग्री

हाल ही में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 9 विषयों के लिए नया लर्निंग आउटकम्स-बेस्ड करिकुलम फ्रेमवर्क (LOCF) ड्राफ्ट जारी किया है। इस नए ड्राफ्ट ने शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। इसमें शामिल विषयों और उनके पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों को लेकर छात्रों और शिक्षकों के बीच गहरा असंतोष व्यक्त किया जा रहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम शिक्षा के भगवाकरण और अवैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने का प्रयास है।

ड्राफ्ट में नई और विवादास्पद सामग्री

UGC के नए ड्राफ्ट में कई विषयों में ऐतिहासिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विवादास्पद सामग्री शामिल की गई है। यहाँ हम कुछ प्रमुख विषयों पर चर्चा करेंगे:

  • केमिस्ट्री: इस विषय की शुरुआत देवी सरस्वती की वंदना से होगी। छात्रों को आयुर्वेद, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके तहत दूध, पानी और शहद की चिकित्सा में भूमिका पर भी ध्यान दिया जाएगा।
  • गणित: इसमें 'काला गणना' या पुरानी समय गिनने की पद्धति और पंचांग-मुहूर्त के सिद्धांतों को सिखाया जाएगा। छात्रों को सूर्य सिद्धांत, आर्यभटियम, युग-कल्प जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों के साथ उज्जैन की प्राइम मेरिडियन लाइन का अध्ययन भी कराना तय है।
  • कॉमर्स: इस विषय में कौटिल्य का अर्थशास्त्र और गीता से संबंधित नेतृत्व के सिद्धांतों को शामिल किया गया है। भारतीय ज्ञान परंपरा को भी इस पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
  • इतिहास: सबसे बड़ा विवाद वी.डी. सावरकर की किताब 'The Indian War of Independence' को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर है। इसे लेकर कई छात्रों और शिक्षाविदों ने विरोध जताया है।

छात्रों और शिक्षकों का विरोध

Students’ Federation of India (SFI) ने इस नए ड्राफ्ट को आजादी के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का प्रयास बताया है। SFI के अध्यक्ष आदर्श एम. साजी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि छात्रों को गद्दारों की लिखी किताबों से आजादी का इतिहास नहीं पढ़ाया जा सकता। उनका मानना है कि संविधान के अनुसार हमें वैज्ञानिक सोच और मानवता को अपनाना चाहिए, लेकिन यह ड्राफ्ट इसके विपरीत है।

उन्हें यह भी चिंता है कि UGC द्वारा ड्राफ्ट पर फीडबैक के लिए 20 सितंबर तक की समय सीमा अपर्याप्त है। इस तरह के बड़े बदलावों पर व्यापक चर्चा के बिना इसे लागू करने का प्रयास गलत है।

आंदोलन की तैयारी और प्रदर्शन

SFI ने इस ड्राफ्ट के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया है। वे 25 और 26 अगस्त को विश्वविद्यालयों के कैंपस में ड्राफ्ट की कॉपियां जलाने का कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इसके बाद, 27 अगस्त 2025 को देशभर में UGC के कार्यालयों की ओर मार्च निकाला जाएगा। यह आंदोलन छात्रों की आवाज को उठाने और उनकी चिंताओं को स्पष्ट करने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

UGC के सुझाव आमंत्रित करने की प्रक्रिया

UGC ने इस ड्राफ्ट पर 20 सितंबर 2025 तक सुझाव और राय मांगी है। लेकिन छात्रों और शिक्षाविदों का कहना है कि इतने कम समय में ऐसे बड़े बदलावों पर चर्चा करना अत्यंत कठिन है। UGC को चाहिए कि वह छात्रों और शिक्षकों को पर्याप्त समय एवं मंच प्रदान करे ताकि वे अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकें।

शिक्षा में बदलाव का व्यापक प्रभाव

इन बदलावों का व्यापक प्रभाव केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहेगा। यह छात्रों के सोचने के तरीके, उनके दृष्टिकोण और उनके भविष्य पर भी गहरा असर डाल सकता है। शिक्षाविदों का मानना है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समर्थन देने वाले पाठ्यक्रमों की जरूरत है, ताकि युवा पीढ़ी सही और समग्र जानकारी प्राप्त कर सके।

इस संदर्भ में, कुछ विशेषज्ञों ने UGC के नए ड्राफ्ट को शिक्षा के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। छात्रों को एक समग्र और विविध दृष्टिकोण से शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक है कि पाठ्यक्रम में विभिन्न विचारधाराओं को शामिल किया जाए।

वीडियो सामग्री

UGC के नए ड्राफ्ट पर आधारित एक महत्वपूर्ण वीडियो चर्चा की गई है, जिसमें विशेषज्ञों और छात्रों की राय को दर्शाया गया है। इस वीडियो को देखना न भूलें:

इस वीडियो में ड्राफ्ट के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई है, जो आपको इस मुद्दे को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगी।

UGC का नया ड्राफ्ट शिक्षण पद्धति में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसे बिना उचित चर्चा और सहमति के लागू करना चिंताजनक है। यह देखना होगा कि क्या UGC छात्रों और शिक्षकों की चिंताओं को सुनता है और क्या वे इस ड्राफ्ट में आवश्यक सुधार करेंगे।

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