बिहार की राजनीति में चुनावी गतिविधियाँ एक बार फिर से तेज़ हो गई हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियाँ तैयार करने में जुटे हैं। इस बीच, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सीट बंटवारे का एक नया फार्मूला पेश किया है, जिससे राजनीतिक समीकरणों में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की रणनीति
रविवार को, NDA ने 243 सदस्यीय विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे की घोषणा की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जबकि शेष सीटें छोटे सहयोगियों के लिए आरक्षित रखी गई हैं। इस निर्णय के पीछे कई राजनीतिक समीकरण और विचारधाराएँ काम कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं, जबकि जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6-6 सीटें आवंटित की गई हैं। यह सीट बंटवारा न केवल गठबंधन की सामूहिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि बिहार की राजनीति में आगे आने वाले समय में होने वाले घटनाक्रमों का भी संकेत है।
उपेंद्र कुशवाहा की भावुक अपील
सीट बंटवारे की घोषणा के बाद, उपेंद्र कुशवाहा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक भावुक संदेश साझा किया। उन्होंने अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिखा कि उन्हें खेद है कि उनकी इच्छानुसार सीटें नहीं मिल पाईं। कुशवाहा ने कहा:
“आप सभी से क्षमा चाहता हूं। आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पाई। मैं समझ रहा हूं इस निर्णय से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों-लाखों लोगों का मन दुखी होगा। आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा। परन्तु आप सभी मेरी एवं पार्टी की विवशता और सीमा को बखूबी समझ रहे होंगे।”
समर्थकों के लिए कुशवाहा की सलाह
कुशवाहा ने आगे कहा कि निर्णय के पीछे कई परिस्थितियाँ हैं, जो बाहर से स्पष्ट नहीं होतीं। उन्होंने अपने समर्थकों से गुस्से को शांत करने और समझने की अपील की:
- “आपके मन में मेरे प्रति गुस्सा भी होगा, जो स्वाभाविक है।”
- “कुछ परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं जो बाहर से नहीं दिखतीं।”
- “आपसे विनम्र आग्रह है कि आप गुस्सा को शांत होने दीजिए।”
कौन सी सीटें किसे मिलीं?
सूत्रों के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा को जो 6 सीटें दी गई हैं, उनमें प्रमुखता से निम्नलिखित सीटें शामिल हैं:
- उजियारपुर
- मधुबनी
- सासाराम
- दिनारा
- महुआ
- बाजपट्टी
इसी प्रकार, जीतन राम मांझी को भी 6 सीटें मिली हैं, जिनमें:
- टेकारी
- कुटुंबा
- अत्री
- इमामगंज
- सिकंदरा
- बराचट्टी
चिराग पासवान ने अपनी पसंदीदा 3 सीटों पर कब्जा जमाया है, जो चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। ये सीटें हैं:
- हिसुआ
- गोविंदगंज
- ब्रह्मपुर
2020 के चुनावों के मुकाबले नई सीट बंटवारे की तुलना
2020 के विधानसभा चुनावों में, नीतीश कुमार की जदयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि भाजपा ने 110 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई थी। इस बार सीटों का बंटवारा कुछ अलग है:
पार्टी | 2020 सीटें | 2025 सीटें |
---|---|---|
जेडीयू | 115 | 101 |
भाजपा | 110 | 101 |
चिराग पासवान की LJP | - | 29 |
मांझी की HAM | 7 | 6 |
कुशवाहा की RLM | - | 6 |
बिहार चुनाव की तारीखें और प्रक्रिया
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने जा रहे हैं। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होगी, इसके बाद दूसरे चरण के लिए वोटिंग 11 नवंबर को निर्धारित की गई है। मतगणना 14 नवंबर को होगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 17 अक्टूबर तक पूरी की जानी है।
इस बीच, राजनीतिक दल धीरे-धीरे अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर रहे हैं। यह चुनावी माहौल ना केवल पार्टियों के लिए, बल्कि आम मतदाताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे चुनावी नतीजे और भविष्य की सरकार का निर्धारण होगा।
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चुनावों की ताजा जानकारी और घटनाक्रमों पर एक नज़र डालते हुए, यहाँ एक महत्वपूर्ण वीडियो है जो वर्तमान राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट करता है:
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