IAS आंजनेय कुमार सिंह को BJP सरकार ने 7वीं बार एक्सटेंशन दिया

सूची
  1. आंजनेय कुमार सिंह का प्रारंभिक करियर
  2. यूपी में प्रतिनियुक्ति का सफर
  3. आंजनेय का प्रमोशन और कार्यकाल में वृद्धि
  4. योगी सरकार के तहत कार्यभार
  5. आंजनेय कुमार सिंह का प्रभाव और योगदान
  6. आने वाले समय में आंजनेय कुमार सिंह

उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में IAS आंजनेय कुमार सिंह की चर्चा इन दिनों काफी गर्म है। 2005 बैच के इस अधिकारी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मोड़ देखे हैं। आज हम उनकी कहानी को विस्तार से जानेंगे और यह समझेंगे कि उन्होंने यूपी में क्यों इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आंजनेय कुमार सिंह मूलतः उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, लेकिन उनकी आईएएस यात्रा सिक्किम कैडर से शुरू हुई। वह पहले अखिलेश यादव की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर आए और तब से उनकी तैनाती की कहानी कई उतार-चढ़ावों के साथ आगे बढ़ी। हाल ही में उन्हें सातवीं बार यूपी में अपनी प्रतिनियुक्ति का विस्तार मिला है। यह विस्तार उन्हें 2026 तक उत्तर प्रदेश में बने रहने की अनुमति देता है। आइए, इस अधिकारी के करियर के महत्वपूर्ण पड़ावों पर एक नज़र डालते हैं।

आंजनेय कुमार सिंह का प्रारंभिक करियर

आंजनेय कुमार सिंह की यात्रा 2005 में आईएएस में चयन के साथ शुरू हुई। उनका प्रारंभिक प्रशिक्षण और कार्य अनुभव उन्हें कई प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया। उन्होंने अपनी सेवाएं विभिन्न विभागों में दी, जिससे उनकी प्रशासनिक क्षमता में इजाफा हुआ।

  • 2005 में IAS में चयन
  • प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न प्रशासनिक कार्यों में भागीदारी
  • सिक्किम कैडर से जुड़े रहने के बावजूद यूपी में कार्य अनुभव

यूपी में प्रतिनियुक्ति का सफर

मार्च 2015 में, जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, आंजनेय को उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। उन्होंने 16 फरवरी 2015 को यूपी में अपनी सेवाएं शुरू कीं और जल्दी ही सिंचाई विभाग का विशेष सचिव नियुक्त हुए। यह उनकी प्रशासनिक क्षमता का परिचायक था कि उन्हें इतने कम समय में महत्वपूर्ण पद सौंपा गया।

समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में उनकी कार्यशैली ने उन्हें कई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से नवाजा, जैसे कि शारदा सहायक प्रोजेक्ट का अतिरिक्त चार्ज। यह साबित करता है कि वह केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि एक रणनीतिकार भी हैं।

आंजनेय का प्रमोशन और कार्यकाल में वृद्धि

आंजनेय कुमार सिंह का लगातार प्रमोशन इस बात का सबूत है कि उनकी कार्यशैली और परिणामों की सराहना की गई। 25 जुलाई 2016 को, उन्हें बुलंदशहर का डीएम बनाया गया। यह एक महत्वपूर्ण पद था, जहाँ उन्हें स्थानीय प्रशासन के कई मुद्दों से निपटना था।

हालाँकि, मार्च 2017 में जब बीजेपी सत्ता में आई, तो उन्हें 9 महीने बाद बुलंदशहर से हटाकर अतिरिक्त कमिश्नर, जीएसटी बना दिया गया। यहाँ पर भी उन्होंने अहम कार्य किए और जून 2018 तक इसी पद पर रहे।

योगी सरकार के तहत कार्यभार

जून 2018 में आंजनेय को फतेहपुर का डीएम नियुक्त किया गया और इसके बाद फरवरी 2019 में उन्हें रामपुर का डीएम बनाया गया। इस भूमिका में रहते हुए, उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर कार्रवाई की, जो कि एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फैसले के रूप में देखा गया।

आंजनेय कुमार सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे निर्णय लिए, जिन्होंने उनकी प्रशासनिक क्षमता को और उजागर किया। उनके कार्यकाल में आजम खान के कई विवादित बयान और जमीन हड़पने के मामले सामने आए, जिनके चलते उन्हें जेल तक जाना पड़ा।

आंजनेय कुमार सिंह का प्रभाव और योगदान

आंजनेय कुमार सिंह की कार्यशैली ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारा, बल्कि उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू हुईं और कई विवादों का समाधान हुआ।

  • आजम खान के खिलाफ कार्रवाई
  • स्थानीय विकास परियोजनाओं का कार्यान्वयन
  • प्रशासनिक सुधारों का कार्यान्वयन

आने वाले समय में आंजनेय कुमार सिंह

आंजनेय कुमार सिंह की सातवीं बार प्रतिनियुक्ति बढ़ाने का निर्णय यह दर्शाता है कि उनकी सेवाओं की कितनी आवश्यकता है। अब वह अगस्त 2026 तक यूपी में रहेंगे, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि वह अपनी प्रशासनिक क्षमताओं का और विस्तार करेंगे।

यहाँ पर एक वीडियो है जिसमें आंजनेय कुमार सिंह के कार्यकाल और उनकी चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है:

अंततः, आंजनेय कुमार सिंह का प्रशासनिक सफर एक प्रेरणा है। उनकी कार्यशैली, निर्णय लेने की क्षमता और समस्याओं के समाधान में दक्षता ने उन्हें उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है। यह देखना रोचक होगा कि आने वाले वर्षों में वह किस तरह की नई पहलों के साथ सामने आते हैं।

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