उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में, आवारा कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अब बच्चों के स्कूल जाने से डरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। एक ऐसा ही मामला हाल ही में घटित हुआ, जब एक पांचवीं कक्षा का छात्र, अविरल अग्रवाल, स्कूल लौटते समय आवारा कुत्तों के द्वारा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना ने न केवल उसके जीवन को संकट में डाल दिया, बल्कि उसने स्कूल जाने की इच्छा भी खो दी है।
अविरल ने रोते हुए महापौर और जिलाधिकारी से अपील की है कि कॉलोनी से और स्कूल के आस-पास के कुत्तों को पकड़कर हटाया जाए। उसने यह भी कहा कि जब तक कुत्ते नहीं पकड़े जाएंगे, वह स्कूल नहीं जाएगा। इस वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है, और जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने नगर निगम को आदेश दिया है कि जल्द से जल्द कुत्तों को पकड़ा जाए और उनका वैक्सीनेशन कराया जाए।
घटना का विवरण और इसके प्रभाव
राम वाटिका कॉलोनी का निवासी अविरल अग्रवाल अपने दोस्तों के साथ घर लौट रहा था, तभी अचानक कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। कुत्तों ने उसके पैर को बुरी तरह से काटा और मांस का एक टुकड़ा नोचकर ले गए। जब लोग उसकी चीखें सुनकर वहां पहुंचे, तब उसकी जान बचाई जा सकी। गंभीर स्थिति में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
बच्चे पर पहले भी हुए हमले
अविरल ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है जब उसे कुत्तों ने निशाना बनाया है। वह पहले भी कॉलोनी में साइकिल चलाते समय आवारा कुत्तों के हमले का शिकार हो चुका है। ऐसे हालात ने न केवल अविरल बल्कि अन्य बच्चों को भी भयभीत कर दिया है।
- पहला हमला: साइकिल चलाने के दौरान हुआ था।
- दूसरा हमला: स्कूल से लौटते समय हुआ।
- कुत्तों की संख्या: कॉलोनी में बहुत अधिक संख्या में हैं।
चिकित्सा और उपचार के उपाय
अविरल का इलाज करने वाले चिकित्सक, प्रवेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि उसकी हालत गंभीर है और उसे एंटी रैबीज इंजेक्शन दिए गए हैं। घाव गहरा है, इसलिए बच्चे की प्लास्टिक सर्जरी करनी पड़ेगी। नगर निगम ने कुत्तों को पकड़ने और उनका वैक्सीनेशन कराने के लिए एक कैटल टीम का गठन किया है। जिलाधिकारी ने भी इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश दिया है।
बच्चे की अपील और उसके डर का सामना
अविरल ने अपनी आपबीती साझा करते हुए कहा, "मैं स्कूल से वैन में लौट रहा था जब अचानक कुत्तों ने मुझ पर हमला कर दिया। यह मेरा दूसरा हमला है। पहले मैं बच गया था, लेकिन इस बार नहीं। कॉलोनी में इतनी कुत्ते हैं कि मैं ठीक से साइकिल भी नहीं चला पाता। मैं डीएम अंकल और मेयर अंकल से अनुरोध करता हूँ कि जल्दी से जल्दी कुत्तों को पकड़वाया जाए। जब तक कुत्ते नहीं पकड़े जाएंगे, मैं स्कूल नहीं जाऊंगा।" उसके शब्दों में स्पष्ट भय झलकता है जो बच्चों के लिए चिंता का विषय है।
कुत्तों का नसबंदी और वैक्सीनेशन कार्यक्रम
जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि हाल के दिनों में कई छोटे बच्चों और अन्य लोगों को कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं बढ़ी हैं। यह स्थिति रेबीज का खतरा पैदा करती है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया है कि जो भी जरूरतमंद मरीज अस्पताल आएं, उनका तुरंत रेबीज वैक्सीनेशन किया जाए।
इसके साथ ही, प्राइवेट अस्पतालों को भी निर्देश दिया गया है कि वे जरूरतमंदों को वैक्सीनेशन सेवाएं प्रदान करें। नगर निगम को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और वैक्सीनेशन किया जाए। इससे न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी सुरक्षा का वातावरण बनेगा।
इस स्थिति ने बरेली शहर में आवारा कुत्तों की समस्या को एक गंभीर मुद्दा बना दिया है, जिसका समाधान जल्द से जल्द आवश्यक है। इस घटना ने न केवल एक बच्चे की जिंदगी प्रभावित की है, बल्कि पूरे समुदाय को जागरूक करने की आवश्यकता भी पैदा की है।
यहां एक वीडियो है जो इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है:
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बरेली में इस तरह के मामले पहले भी सामने आए हैं, और यह स्पष्ट है कि समस्या का समाधान आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनसे होने वाले हमले केवल बरेली ही नहीं, बल्कि अन्य शहरों में भी चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।