कोटा बूंदी टोंक में बाढ़ राहत कार्य सेना और NDRF का प्रयास

सूची
  1. राजस्थान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
  2. बाढ़ और बारिश से राहत कार्यों की स्थिति
  3. यातायात पर बाढ़ का प्रभाव
  4. निवासियों की सुरक्षा और राहत उपाय
  5. जन जागरूकता और भविष्य की तैयारी

राजस्थान के कई जिलों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, और स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और टोंक जैसे क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं, जिससे सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा है। इस संकट के समय में, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।

राजस्थान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति

राजस्थान के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में हो रही लगातार बारिश ने कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं। विशेष रूप से कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और टोंक में स्थिति गंभीर है। बूंदी में दो महिलाओं की मौत की खबर आई है, और अधिकारियों के अनुसार सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

  • बूंदी जिले में पिछले 24 घंटों में 502 मिमी बारिश हुई है, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी विकराल हो गई है।
  • यहां एक 50 वर्षीय महिला कैलशिबाई बाढ़ के तेज बहाव में बह गई।
  • एक अन्य 65 वर्षीय महिला मनभरबाई की मौत खेत में टिन शेड की दीवार गिरने से हुई।

पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है, जिससे स्थानीय समुदाय में शोक का माहौल है। राहत कार्यों में लगे अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

बाढ़ और बारिश से राहत कार्यों की स्थिति

बूंदी और कोटा में राहत कार्यों के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। बूंदी के नैणवा और केशवरायपाटन क्षेत्रों से करीब 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा, टोंक जिले के निवाई क्षेत्र से सिविल डिफेंस टीमों ने 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है।

कोटा-बूंदी के सांसद ओम बिरला ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की है। राज्य सरकार के मंत्री किरोड़ी मीणा और गृह मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने भी हवाई सर्वेक्षण करके अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।

यातायात पर बाढ़ का प्रभाव

बारिश और बाढ़ के कारण सड़क और रेल यातायात भी बाधित हो गया है। बूंदी के लाबन क्षेत्र में दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक के नीचे मिट्टी बह जाने के कारण कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इसी तरह, जयपुर-कोटा हाईवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भी यातायात प्रभावित हुआ है।

  • धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है।
  • चूरू के सुजानगढ़ में दुकानों में पानी घुस गया है।
  • बिसलपुर डैम के छह गेट और कोटा बैराज के दो गेट खोले गए हैं।

अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो सकती है। मौसम विभाग ने रविवार को दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में भारी से अति भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।

निवासियों की सुरक्षा और राहत उपाय

राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपाय शुरू किए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी आश्रय केंद्र स्थापित किए हैं, जहां बाढ़ से प्रभावित लोग ठहर सकते हैं। इसके अलावा, बुनियादी सुविधाओं जैसे खाने, पानी और चिकित्सा सेवा की व्यवस्था की गई है।

निवासियों से अपील की गई है कि वे बाढ़ के दौरान सुरक्षित स्थान पर रहें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों को भी राहत कार्यों के लिए खोला गया है, ताकि जरूरतमंद लोगों को सहायता मिल सके।

जन जागरूकता और भविष्य की तैयारी

इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जन जागरूकता बेहद जरूरी है। प्रशासन ने लोगों को बाढ़ के समय में सुरक्षित रहने के उपायों के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है। इसके तहत, स्थानीय रेडियो और टीवी चैनलों के माध्यम से जानकारी प्रसारित की जा रही है।

  • बाढ़ के समय में सुरक्षित स्थानों की पहचान करना।
  • बचाव कार्यों में सहयोग करना।
  • बाढ़ के दौरान आवश्यक सामग्री जैसे पानी, भोजन और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

इस बाढ़ के संकट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमारी तैयारियों को और मजबूत करने की आवश्यकता है। भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए एक ठोस योजना बनानी होगी।

अधिक जानकारी और दृश्यता के लिए, बाढ़ राहत कार्यों का लाइव अपडेट देखने के लिए इस वीडियो को देखें:

राजस्थान में बाढ़ के संकट से न केवल स्थानीय समुदाय प्रभावित हुए हैं, बल्कि राज्य के विकास और सुरक्षा के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। सभी को एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा ताकि हम सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की दिशा में बढ़ सकें।

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