दिल्ली हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर पत्नी को गुजारा भत्ता खारिज किया

सूची
  1. गुजारा भत्ता का कानूनी आधार
  2. अदालत का निर्णय और उसके आधार
  3. मामले की पृष्ठभूमि
  4. महिला की आर्थिक आत्मनिर्भरता
  5. सामाजिक न्याय का दृष्टिकोण
  6. कानूनी दृष्टिकोण और आगे की चुनौतियाँ

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट किया है कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर पत्नी को स्थायी गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता। यह निर्णय न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को भी परिभाषित करता है।

कोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ता केवल उन लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिन्हें वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। यह एक ऐसा उपाय है जिसका उद्देश्य सामाजिक असमानताओं को कम करना है, न कि सक्षम व्यक्तियों के बीच धन का पुनर्वितरण करना।

गुजारा भत्ता का कानूनी आधार

दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर शामिल थे, ने स्पष्ट किया कि गुजारा भत्ता मांगने वाले व्यक्ति को अपनी वित्तीय आवश्यकता साबित करनी होगी। इस संदर्भ में, अदालत ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 25 का उल्लेख किया, जो न्यायिक विवेकाधिकार का प्रयोग करने की अनुमति देती है।

कोर्ट ने कहा कि इस धारा के तहत गुजारा भत्ता देने के लिए विवेकाधिकार का प्रयोग केवल तभी किया जा सकता है जब आवेदक आर्थिक रूप से निर्बल हो। यदि व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्षम है, तो गुजारा भत्ता देने का कोई आधार नहीं है।

अदालत का निर्णय और उसके आधार

कोर्ट ने एक पारिवारिक न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा, जिसने एक महिला को स्थायी गुजारा भत्ता देने से इनकार किया था। इस मामले में महिला ने अपने पति से तलाक लिया था, जिसमें क्रूरता का आरोप शामिल था। अदालत ने कहा कि यह निर्णय विभिन्न कारकों पर आधारित था:

  • महिला की आर्थिक स्थिति
  • पति और पत्नी के बीच की सहवास अवधि
  • बच्चों की अनुपस्थिति
  • पारिवारिक न्यायालय का पहले का निर्णय

मामले की पृष्ठभूमि

इस मामले में पति एक पेशेवर वकील थे, जबकि पत्नी भारतीय रेलवे यातायात सेवा की ग्रुप ए अधिकारी थीं। उनकी शादी जनवरी 2010 में हुई, लेकिन 14 महीने के भीतर ही वे अलग हो गए। पति ने पत्नी पर मानसिक और शारीरिक क्रूरता के आरोप लगाए, जिसमें गाली-गलौज और अपमानजनक संदेश भेजने का आरोप शामिल था। वहीं, पत्नी ने इन आरोपों का खंडन किया और पति के खिलाफ भी क्रूरता का आरोप लगाया।

फैमिली कोर्ट ने यह फैसला करते हुए कहा कि पत्नी ने तलाक के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह मांग उसके हलफनामे और जिरह में स्वीकार की गई थी।

महिला की आर्थिक आत्मनिर्भरता

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि पत्नी ने पति और उनके माता-पिता के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया, जिसे मानसिक क्रूरता माना गया। इसके अतिरिक्त, यह भी देखा गया कि महिला एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं।

इस प्रकार, कोर्ट ने पाया कि:

  • पति और पत्नी की सहवास अवधि कम थी।
  • कोई संतान नहीं थी।
  • महिला की आर्थिक स्थिति मजबूत थी।

इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि स्थायी गुजारा भत्ता देने का कोई आधार नहीं है।

सामाजिक न्याय का दृष्टिकोण

गुजारा भत्ता का उद्देश्य उन व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इस निर्णय ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि समाज में वित्तीय असमानताएं कैसे ठीक की जाएं।

इस संदर्भ में, अदालत ने कहा कि:

  • गुजारा भत्ता सामाजिक न्याय का एक उपाय है।
  • यह सक्षम व्यक्तियों के बीच वित्तीय समानता का साधन नहीं है।
  • आर्थिक आत्मनिर्भरता रखने वाले व्यक्तियों को गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता।

इस निर्णय से यह भी स्पष्ट होता है कि अदालतें सामाजिक न्याय और वित्तीय समानता के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय ले रही हैं।

कानूनी दृष्टिकोण और आगे की चुनौतियाँ

इस फैसले ने भारतीय कानून प्रणाली में गुजारा भत्ता के मुद्दे को एक नई दिशा दी है। यह न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की आर्थिक स्थिति और अधिकारों को भी प्रभावित करता है।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के निर्णयों से यह स्पष्ट होता है कि:

  • महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को महत्व दिया जाएगा।
  • सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।
  • कानूनी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

इस निर्णय ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या हर महिला को गुजारा भत्ता मिलना चाहिए, या केवल उन महिलाओं को जो आर्थिक रूप से निर्बल हैं। अदालत का यह निर्णय निश्चित रूप से इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस विषय पर और जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं।

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