जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आई अत्यधिक बारिश ने एक भयानक त्रासदी का रूप ले लिया है। माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अचानक हुए भूस्खलन ने न केवल श्रद्धालुओं को प्रभावित किया, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी खतरे का संकेत है। इस घटना ने ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न की हैं जो ध्यान देने योग्य हैं। आइए, इस घटनाक्रम के विभिन्न पहलुओं पर गौर करें।
भूस्खलन की जानकारी और घटना का विवरण
जम्मू में हुई भारी बारिश के दौरान, माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर मंगलवार को एक बड़ा भूस्खलन हुआ। यह हादसा अर्धकुंवारी के पास हुआ, जो कि हर दिन हजारों श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा के लिए उपयोग किया जाता है। भूस्खलन के साथ पहाड़ी से मलबा और बड़े पत्थर ट्रैक पर गिर पड़े, जिससे एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। इस हादसे में कुल 13 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
घायलों को तुरंत कटरा स्थित अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया। घटना के तुरंत बाद, श्राइन बोर्ड और सुरक्षा बलों ने राहत और बचाव कार्य प्रारंभ किया। ट्रैक पर मौजूद श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर सक्रिय रहे।
भूस्खलन के दृश्य और राहत कार्य
भूस्खलन की घटनाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई हैं। इनमें ट्रैक पर फैले मलबे और चट्टानों का दृश्य स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं को रस्सियों और बैरिकेडिंग की मदद से सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे थे।
यात्रा पर प्रतिबंध और सुरक्षा उपाय
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, माता वैष्णो देवी की यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अर्धकुंवारी से भवन तक का मार्ग बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, निचले ट्रैक पर भी श्रद्धालुओं की आवाजाही सीमित कर दी गई है। जो श्रद्धालु पहले से यात्रा कर रहे थे, उन्हें सुरक्षित स्थलों पर ठहराया जा रहा है।
शिक्षा एवं परीक्षा पर प्रभाव
खराब मौसम के चलते, विभिन्न सुरक्षा बलों में कांस्टेबल पद के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया को भी स्थगित कर दिया गया है। जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 27 अगस्त तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन ने भी कक्षा 10 और 11 की परीक्षाओं को स्थगित करने की घोषणा की है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात प्रभावित
डोडा में बादल फटने के कारण 10 से अधिक मकान तबाह हुए हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है। इसी कारण से वैष्णो देवी यात्रा को भी रोक दिया गया है। रामबन जिले में पहाड़ियों से पत्थर गिरने के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया है। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए वहां वाहनों की आवाजाही सीमित कर दी है।
भविष्य की चेतावनी: मौसम का पूर्वानुमान
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 27 अगस्त तक जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने और अचानक बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है।
तवी नदी का हालात और प्रशासन की तैयारी
उधमपुर में तवी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर जा चुका है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ घंटों में इसका जलस्तर जम्मू शहर में 7 से 10 फीट तक बढ़ सकता है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
जम्मू के डीआईजी शिव कुमार शर्मा ने बताया कि पूरे जम्मू संभाग में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं और प्रशासन के संपर्क में रहें। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालात की गंभीरता को देखते हुए श्रीनगर से जम्मू जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
इस त्रासदी ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमारे तैयारियों की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।