मैंने नर्क देखा डॉक्टर का मरकर जिंदा होने का दावा

सूची
  1. डॉक्टर का अनुभव: नर्क की झलक
  2. डॉक्टर की कहानी: एक सर्जरी का अनुभव
  3. नर्क का अनुभव: अद्भुत दृश्य
  4. परमात्मा का प्रकाश: स्वर्ग का अनुभव
  5. जिंदगी का नया नजरिया: एक बदलाव
  6. अन्य लोग और निकट मृत्यु के अनुभव
  7. विज्ञान और अध्यात्म: एक संयोजन
  8. विज्ञान की दृष्टि: क्या यह संभव है?
  9. वीडियो सामग्री: अनुभव को जानने के लिए

क्या आपने कभी सोचा है कि मृत्यु के बाद क्या होता है? क्या यह सच है कि लोग अपनी जिंदगी के अंत में एक अलग दुनिया का अनुभव करते हैं? ऐसे ही एक अजीबोगरीब अनुभव का खुलासा एक भारतीय डॉक्टर ने किया है, जिसने उनकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया। आइए जानते हैं उनकी कहानी और उनके अनुभव के पीछे छिपे रहस्य को।

डॉक्टर का अनुभव: नर्क की झलक

एक भारतीय डॉक्टर ने अपने मृत्यु के बाद के अनुभव के बारे में चौंकाने वाला दावा किया है। डॉक्टर राजीव पारती, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया में बेकर्सफील्ड हार्ट हॉस्पिटल में मुख्य एनेस्थिसियोलॉजिस्ट थे, ने बताया कि उन्होंने मरने के बाद नर्क देखा था। यह घटना उनके लिए एक जीवन परिवर्तनकारी अनुभव थी।

डॉक्टर की कहानी: एक सर्जरी का अनुभव

डॉ. पारती ने 2008 में प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी के दौरान अपनी हृदय गति रुकने का दावा किया। उनका कहना है कि इस दौरान वे कुछ समय के लिए मृत हो गए थे। इस अनुभव ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। उन्होंने कहा, "जब मैं मृत्यु के बाद की दुनिया में पहुंचा, तो मैंने दर्द और पीड़ा से भरे लोगों की चीखें सुनीं।" यह अनुभव उन्हें नर्क के करीब ले गया।

नर्क का अनुभव: अद्भुत दृश्य

डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने एक जलती हुई घाटी का अनुभव किया, जहां से मांस जलने की गंध आ रही थी। उन्होंने कहा, "मुझे एहसास हुआ कि मैं नर्क के दरवाजे के पास खड़ा हूं।" यह अद्भुत और भयावह अनुभव था, जिसने उनके विचारों को पूरी तरह से बदल दिया।

परमात्मा का प्रकाश: स्वर्ग का अनुभव

इसके बाद, उन्हें दो फरिश्ते मिले, जिन्होंने उन्हें नर्क से बाहर निकाला और एक सुरंग के माध्यम से एक अद्भुत और रोशन स्थान की ओर ले गए। डॉ. पारती ने कहा, "वहां केवल प्रकाश ही प्रकाश था। मुझे एक व्यक्ति को प्रकाश से बाहर निकलते हुए देखने का भी अनुभव हुआ।" इस अनुभव ने उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया और उन्हें अपनी जिंदगी के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया।

जिंदगी का नया नजरिया: एक बदलाव

डॉ. पारती ने कहा कि इस अनुभव के बाद, उन्होंने अपने जीवन को फिर से परिभाषित किया। "मैंने सोचा कि मैंने अपना सारा जीवन बेहतर घरों और कारों की तलाश में क्यों बिताया," उन्होंने कहा। इसके बाद, उन्होंने बेकर्सफील्ड हार्ट हॉस्पिटल से इस्तीफा दे दिया, अपनी कारें और हवेली बेच दी, और 'डाइंग टू वेक अप: ए डॉक्टर्स वॉयेज इनटू द आफ्टरलाइफ एंड द विजडम ही ब्रॉट बैक' नामक पुस्तक लिखी।

अन्य लोग और निकट मृत्यु के अनुभव

डॉ. राजीव पारती पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने निकट मृत्यु के अनुभव का दावा किया है। अनेक लोग हैं, जिन्होंने मृत्यु के बाद की दुनिया देखने या अपने परिजनों को रोते हुए देखने का दावा किया है। ऐसे अनुभवों ने न केवल उनके जीवन को बदल दिया, बल्कि शोधकर्ताओं के लिए भी एक नई दिशा खोली है।

विज्ञान और अध्यात्म: एक संयोजन

निकट मृत्यु के अनुभवों पर कई अध्ययन किए गए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि जब लोग मौत के करीब पहुंचते हैं, तो उनके मस्तिष्क में कुछ विशेष क्रियाएं होती हैं। ये अनुभव अक्सर निम्नलिखित विषयों पर केंद्रित होते हैं:

  • अंधेरे और प्रकाश का अनुभव
  • शांतता और आनंद का अहसास
  • पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ पुनर्मिलन
  • जीवन की समीक्षा करना
  • स्वर्ग या नर्क के अनुभव

विज्ञान की दृष्टि: क्या यह संभव है?

कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि निकट मृत्यु के अनुभव तंत्रिका गतिविधि के कारण होते हैं। मस्तिष्क जब ऑक्सीजन की कमी का सामना करता है, तब ये अनुभव हो सकते हैं। हालांकि, इन अनुभवों के आध्यात्मिक पहलुओं पर भी चर्चा की जा रही है।

वीडियो सामग्री: अनुभव को जानने के लिए

इस विषय पर और जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप डॉ. राजीव पारती का अनुभव देखने के लिए इस वीडियो को देख सकते हैं:

यह अनुभव न केवल डॉ. पारती के लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है जो जीवन के भौतिक पहलुओं में उलझे हुए हैं। इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि जीवन का असली मतलब क्या है और हमें अपने समय का सदुपयोग किस तरह करना चाहिए।

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