हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों में बसी कुल्लू-मनाली हाल ही में अत्यधिक बारिश के कारण भयंकर तबाही का सामना कर रही है। ब्यास नदी का उफान और उसके परिणामस्वरूप हुए नुकसान ने क्षेत्र में जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। आइए, इस स्थिति के विभिन्न पहलुओं पर एक नजर डालते हैं।
भारी बारिश के कारण ब्यास नदी का उफान
कुल्लू-मनाली में लगातार हो रही भारी बारिश ने ब्यास नदी को उफान पर ला दिया है। नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। नेशनल हाईवे 3 का लगभग 3 किलोमीटर हिस्सा बह गया है, जिससे यातायात ठप हो गया है।
इस उफान ने केवल सड़कें ही नहीं, बल्कि कई इमारतों और दुकानों को भी नष्ट कर दिया है। मनाली के बाहंग क्षेत्र में एक दो मंजिला इमारत भी इस बाढ़ की भेंट चढ़ गई है।
आकस्मिक बारिश और जलभराव के कारण भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ गई हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। प्रशासन ने लोगों को अलर्ट करते हुए नदी और नालों के पास जाने से मना किया है।
नदी के उफान से हुई तबाही
दवाड़ा के पास ब्यास नदी पर बना एक फुट ब्रिज भी नदी की तेज लहरों में समा गया। यह पुल लारजी पावर हाउस तक जाने का एकमात्र साधन था। जब जल स्तर बढ़ा, तो कुछ ही क्षणों में पुल धराशायी हो गया। इस प्रकार की घटनाएं स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
ब्यास नदी का पानी अब हाईवे तक पहुंच गया है, जिससे काफी नुकसान हो रहा है। प्रशासन का मानना है कि इस स्थिति का असर लारजी पावर हाउस पर भी पड़ेगा, जैसा कि वर्ष 2023 में पहले भी देखने को मिला था।
पंडोह डैम से पानी की निकासी
ब्यास नदी के बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने पंडोह डैम के सभी पांच गेट खोल दिए हैं। अब डैम से लगभग 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।
इस स्थिति में, बग्गी टनल के लिए जाने वाली सप्लाई को रोकना पड़ा है, जिसके कारण विद्युत उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। बीबीएमबी ने स्पष्ट किया है कि नदी में जो भी पानी आ रहा है, उसे सीधे नदी में ही छोड़ा जा रहा है।
प्रशासन का अलर्ट और सुरक्षा उपाय
डीसी मंडी, अपूर्व देवगन ने लोगों से अपील की है कि वे ब्यास नदी तथा अन्य नदियों से दूर रहें। सुरक्षा के दृष्टिकोण से, 27 अगस्त सुबह तक पंडोह डैम की फ्लशिंग जारी रहेगी, और इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन और नदी के उफान से कुल्लू-मनाली क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रशासन इस स्थिति पर नजर रखे हुए है, लेकिन ब्यास नदी के तेज बहाव ने खतरे को और बढ़ा दिया है।
स्थानीय निवासियों की समस्याएं
इस बाढ़ के कारण स्थानीय निवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें शामिल हैं:
- सड़क यातायात में बाधा
- दुकानों और इमारतों का नष्ट होना
- भूस्खलन के कारण घरों का खतरा
- आपूर्ति श्रृंखलाओं का बाधित होना
इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन और स्थानीय संगठनों द्वारा राहत कार्य शुरू किए जा चुके हैं। इसके बावजूद, लोगों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है।
भविष्य के लिए तैयारी और जागरूकता
इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कई उपाय किए हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की स्थिति पर ध्यान दें और आवश्यकतानुसार तैयार रहें। इसके साथ ही, संगठनों और स्थानीय निवासियों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि ऐसे हालात में जल्दी प्रतिक्रिया दी जा सके।
इस बीच, क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए नियमित रिपोर्टिंग और अपडेट प्रदान किए जा रहे हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि स्थानीय समुदाय इस जानकारी का उपयोग करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
दर्शकों के लिए, इस स्थिति को और बेहतर समझने के लिए, यहाँ एक वीडियो है जो इस बाढ़ की गंभीरता को दर्शाता है:
कुल्लू-मनाली की इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि इसके दीर्घकालिक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। सभी संबंधित पक्षों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है ताकि बाढ़ की स्थिति का सामना किया जा सके और भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।