जम्मू में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं, खासकर पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते। प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों के बीच दहशत का माहौल है। इस स्थिति ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि धार्मिक यात्रा और परिवहन सेवाओं पर भी असर डाला है।
जम्मू में बारिश और क्लाउडबर्स्ट से उत्पन्न संकट
जम्मू में लगातार तीसरे दिन हो रही बारिश ने कई इलाकों में तबाही मचा दी है। डोडा जिले के थाथरी उप-मंडल में बादल फटने की घटना ने भारी नुकसान पहुँचाया है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 10 से ज्यादा मकान तबाह हुए हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।
यात्रा सेवाएं प्रभावित
इन गंभीर हालात के कारण, वैष्णो देवी यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात भी स्थगित कर दिया गया है, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह राजमार्ग जम्मू को कश्मीर से जोड़ता है और इसके बंद होने से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए समस्या उत्पन्न हो गई है।
नदियों का बढ़ता जलस्तर
जम्मू की लगभग सभी नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं। इस स्थिति के कारण कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। विशेषकर, रामबन जिले के चंदरकोट, केला मोड़ और बैटरी चश्मा में पहाड़ियों से पत्थर गिरने के बाद एहतियात के तौर पर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया है।
- तवी नदी उधमपुर जिले में 20 फुट खतरे के निशान को पार कर गई है।
- जम्मू में चेनाब नदी चेतावनी स्तर के करीब बह रही है।
- कठुआ में तराना और उज्ह नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँच रहा है।
बाढ़ की स्थिति और उपाय
कठुआ जिले में रावी नदी के किनारे कई निचले इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है। मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के स्तर को पार कर गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने सभी आवश्यक उपाय किए हैं ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा सके।
मौसम पूर्वानुमान और भविष्य की चेतावनी
मौसम पूर्वानुमान में 27 अगस्त तक जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की चेतावनी भी दी गई है।
किस प्रकार की राहत कार्य चल रहे हैं?
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। यहाँ कुछ प्रमुख उपाय और गतिविधियाँ हैं:
- आपातकालीन सेवाओं द्वारा प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना।
- स्थानीय निवासियों के लिए अस्थायी शेल्टर का प्रावधान करना।
- बीमार और घायल लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का आह्वान करना।
क्या वैष्णो देवी जाना सुरक्षित है?
हालांकि स्थिति गंभीर है, लेकिन प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा उपायों को लागू किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते, तब तक वैष्णो देवी की यात्रा के लिए सभी को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
अधिक जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं, जिसमें हालात की विस्तृत जानकारी दी गई है:
भविष्य की तैयारी
स्थानीय प्रशासन भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियों पर ध्यान दे रहा है। इसके अंतर्गत शामिल हैं:
- नदियों और नालों की नियमित निगरानी करना।
- आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण।
- स्थानीय समुदाय में जागरूकता फैलाना।
इस समय, जम्मू में बाढ़ और बारिश की स्थिति गंभीर है। सभी को सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।