अलवर में डॉग अटैक, 3 साल की बच्ची को आंख में चोट

सूची
  1. अलवर में कुत्तों का हालिया हमला
  2. घायलों की स्थिति
  3. स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
  4. कुत्तों के हमलों का बढ़ता मामला
  5. कानूनी पहल और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
  6. बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या किया जा सकता है?
  7. वीडियो रिपोर्ट

हाल के दिनों में, राजस्थान के अलवर में कुत्तों के हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता और आक्रोश फैल गया है। हाल ही में, तीन बच्चों पर कुत्तों द्वारा किए गए हमले ने इस विषय पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है। यह एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिसके समाधान के लिए प्रशासन और समाज को मिलकर काम करना होगा।

अलवर में कुत्तों का हालिया हमला

सोमवार को अलवर में तीन बच्चों पर कुत्तों ने हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब बच्चे अपने स्कूल से लौट रहे थे। उनमें से एक, देव यादव, तुलेड़ा रोड पर ट्यूशन से घर लौट रहा था, और अचानक एक आवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया। इस हमले में बच्चे को गंभीर चोटें आईं।

इसके अलावा, पास में खेल रहे 10 साल के रोहित को भी कुत्तों ने घायल कर दिया। इसी प्रकार, मालखेड़ा थाना क्षेत्र से एक और दर्दनाक घटना सामने आई, जहां तीन साल की अनिका खेलते समय कुत्ते के हमले का शिकार हुई। कुत्ते ने उसके आंख पर नोंच डाला, जिससे उसे गंभीर चोट आई।

इन घटनाओं के बाद, पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से सवाल किया कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। उनका कहना था कि बच्चे हमेशा घर में कैद नहीं रह सकते।

घायलों की स्थिति

घायल बच्चों को परिजनों ने खून से लथपथ हालत में अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। अनिका के शरीर के कई हिस्सों पर कुत्तों ने हमले किए, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। इसी तरह, देव यादव के पैर और हाथ की उंगलियों को भी कुत्तों ने चबा लिया।

रोहित के मामले में, कुत्तों ने उसके दोनों पैरों में गहरे घाव कर दिए, जिसके लिए उसे 15 टांके लगाने पड़े। सभी बच्चों का उपचार सरकारी अस्पताल में जारी है, लेकिन यह घटनाएं स्थानीय निवासियों में भय का माहौल पैदा कर रही हैं।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

इन घटनाओं के बाद, स्थानीय निवासियों ने प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है। वे सवाल कर रहे हैं कि प्रशासन और नगर निगम उनकी सुरक्षा के लिए क्या कर रहे हैं।

  • बच्चों को घर में कैद रखने का कोई मतलब नहीं है।
  • हमारे पास इलाज का खर्च उठाने के अलावा सुरक्षा की जिम्मेदारी भी नहीं होनी चाहिए।
  • अगर प्रशासन जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाएगा, तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।

स्थानीय लोगों की यह मांग है कि मासूमों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। अगर प्रशासन ऐसा नहीं करता है, तो लोग सड़कों पर उतरकर बड़े पैमाने पर विरोध करेंगे।

कुत्तों के हमलों का बढ़ता मामला

यह पहली बार नहीं है जब अलवर में कुत्तों के हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। दरअसल, राजस्थान राज्य में आवारा कुत्तों के हमले के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

अलवर में हर साल लगभग 70,000 से 80,000 डॉग बाइट के मामले सामने आते हैं, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाते हैं। यह स्थिति न केवल बच्चों के लिए, बल्कि बुजुर्गों और महिलाओं के लिए भी खतरे का कारण बन गई है।

कानूनी पहल और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ

इस समय, स्ट्रीट डॉग के मुद्दे पर पूरे देश में बहस चल रही है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश दिए थे, जिसके बाद हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे।

लोगों ने न्यायालय के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके बाद न्यायालय ने अपने फैसले में बदलाव करते हुए लोगों को राहत प्रदान की। फिर भी, आम लोगों के लिए स्ट्रीट डॉग से परेशान होना एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या किया जा सकता है?

बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपायों की आवश्यकता है। निम्नलिखित उपायों पर ध्यान दिया जाना चाहिए:

  • स्थानीय प्रशासन को आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए।
  • समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
  • बच्चों के लिए सुरक्षित खेलने के स्थानों का निर्माण किया जाना चाहिए।
  • कुत्तों के बंधन और उनकी संख्या पर नियंत्रण रखा जाना चाहिए।
  • स्थानीय निवासियों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करना चाहिए।

वीडियो रिपोर्ट

इस विषय पर एक वीडियो रिपोर्ट भी उपलब्ध है, जो अलवर में कुत्तों के हमले की घटनाओं को दर्शाती है। इसे देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

स्थानीय निवासियों को आशा है कि प्रशासन जल्द ही इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाएगा ताकि बच्चों और अन्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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