बिहार में औद्योगिक विकास की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, उन्होंने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) की घोषणा की है। यह पैकेज न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजन करेगा, बल्कि राज्य को एक औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इस योजना के तहत उद्यमियों को कई आकर्षक सुविधाएं और प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे।
नीतीश कुमार ने इस योजना के माध्यम से अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। यह कदम पलायन की समस्या को कम करने और बिहार को औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया पर भी जानकारी साझा की है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि इस योजना का प्रभाव बिहार की औद्योगिक पृष्ठभूमि को बदल सकता है।
बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 के प्रमुख उद्देश्य
बिहार सरकार का यह नया औद्योगिक पैकेज कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास करेगा:
- युवाओं के लिए रोजगार सृजन: अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को रोजगार प्रदान करना।
- स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा: छोटे और मध्यम उद्योगों को सहायता प्रदान करना।
- निवेश आकर्षित करना: बाहरी निवेशकों को राज्य में लाने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराना।
- पलायन की समस्या का समाधान: रोजगार के अवसर बढ़ाकर पलायन को कम करना।
आकर्षक प्रोत्साहन योजनाएं
इस पैकेज के तहत सरकार ने उद्यमियों और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई रियायतें और सुविधाएं देने का निर्णय लिया है। ये प्रोत्साहन निम्नलिखित हैं:
- ब्याज सब्सिडी: 40 करोड़ रुपये तक की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- SGST प्रतिपूर्ति: नई औद्योगिक इकाइयों को 300% तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों तक की जाएगी।
- पूंजीगत सब्सिडी: 30% तक पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी।
- निर्यात प्रोत्साहन: निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 14 वर्षों तक प्रतिवर्ष 40 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके अतिरिक्त, कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी और भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग, पेटेंट पंजीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
मुफ्त भूमि आवंटन योजना
सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुफ़्त भूमि आवंटन की व्यवस्था की है। इस योजना के तहत:
- 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली औद्योगिक यूनिटों को 10 एकड़ तक मुफ्त भूमि आवंटित की जाएगी।
- 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली यूनिटों को 25 एकड़ तक मुक्त भूमि दी जाएगी।
- फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भी 10 एकड़ तक मुफ्त भूमि आवंटित की जाएगी।
इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 से पहले आवेदन करना अनिवार्य होगा। यह योजना न केवल निवेश को आकर्षित करेगी, बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी सशक्त बनाएगी।
किसान सलाहकारों के मानदेय में वृद्धि
नीतीश कुमार ने किसानों के कल्याण के लिए भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। किसान सलाहकारों का मानदेय 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह किया गया है, जो एक अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसके अलावा, किसान सलाहकारों की परामर्श अवधि को 6 घंटे से बढ़ाकर 7 घंटे कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य में कुल 7047 किसान सलाहकार कार्यरत हैं।
भूमि विवादों का समाधान
बिहार सरकार ने हाल ही में बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 लागू की है, जिसके अंतर्गत औद्योगिक भूमि से संबंधित विवादों का समाधान किया गया है। इस नये औद्योगिक पैकेज के साथ, सरकार ने उद्यमियों के लिए और भी आकर्षक प्रावधान किए हैं।
इस पैकेज के तहत भूमि संबंधी विवादों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाएगा, ताकि निवेशकों को उद्योग स्थापित करने में किसी भी प्रकार की बाधा न आए। यह कदम निश्चित रूप से बिहार में औद्योगिक विकास की गति को तेज करेगा।
इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं, जिसमें नीतीश कुमार की घोषणाओं पर विस्तार से चर्चा की गई है: