जीएसटी सुधार से ब्रांडेड मिठाई और फूड प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे

सूची
  1. जीएसटी के नए नियम क्या हैं?
  2. फूड और टेक्सटाइल पर जीएसटी दर में कटौती
  3. सीमेंट और अन्य सेवाओं पर जीएसटी में संशोधन
  4. मिठाई और कपड़ों पर वर्तमान जीएसटी दरें
  5. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक और संभावित फैसले
  6. दिवाली से पहले उपभोक्ताओं को राहत
  7. जीएसटी के प्रभाव और आर्थिक दृष्टिकोण
  8. निष्कर्ष

जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) सुधार भारत में एक महत्वपूर्ण विषय बनता जा रहा है, जो आम जनता पर कर के बोझ को कम करने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सुधारों के बाद, सरकार अब खाद्य पदार्थों और कपड़ों पर जीएसटी दरों में कटौती के लिए कदम उठा रही है। आइए इस विषय पर गहराई से नज़र डालते हैं।

जीएसटी के नए नियम क्या हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जीएसटी सुधार का ऐलान किया था। इस सुधार के अंतर्गत जीएसटी की दो दरों, 5% और 18%, को लागू करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके बाद, दिल्ली में 20 और 21 अगस्त को हुई ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक में 12% और 28% जीएसटी स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार टेक्सटाइल और खाद्य उत्पादों को 5% के टैक्स स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही, अन्य सामान्य सेवाओं पर जीएसटी दरों का पुनर्मूल्यांकन भी किया जा रहा है ताकि उन पर 18% की जगह 5% दर लागू की जा सके।

फूड और टेक्सटाइल पर जीएसटी दर में कटौती

नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म के तहत, सरकार आम आदमी पर कर के बोझ को कम करने के लिए खाद्य पदार्थों और कपड़ों को 5% के स्लैब में लाने की योजना बना रही है। यह बदलाव न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा, बल्कि बाजार में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा।

  • फूड प्रोडक्ट्स पर 5% स्लैब लागू होने से उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर खाद्य सामग्री मिल सकेगी।
  • कपड़ों की कीमतें भी कम होंगी, जिससे आम जनता को अधिक खरीदारी करने की सुविधा मिलेगी।
  • सरकार का लक्ष्य यह है कि जीएसटी के इस नए ढांचे से बाजार में अधिक पारदर्शिता आए।

सीमेंट और अन्य सेवाओं पर जीएसटी में संशोधन

सीमेंट जैसे आवश्यक निर्माण सामग्री पर भी जीएसटी की दर को कम करने की योजना है। वर्तमान में 28% जीएसटी का बोझ छोटे निर्माण व्यवसायों पर है, जिससे घर बनाने की लागत बढ़ती है। उम्मीद की जा रही है कि सीमेंट पर जीएसटी को 18% करने का प्रस्ताव भी जल्द ही चर्चा में आएगा।

इसके अलावा, सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसी जन उपभोग सेवाओं पर भी जीएसटी में कटौती पर विचार किया जा रहा है।

मिठाई और कपड़ों पर वर्तमान जीएसटी दरें

फिलहाल, मिठाइयों और कपड़ों पर जो जीएसटी लागू है, वह निम्नलिखित है:

  • बिना ब्रांड वाली मिठाइयों पर 5% जीएसटी दर है।
  • ब्रांडेड और पैकेज्ड मिठाइयों पर 18% जीएसटी लागू होता है।
  • कपड़ों की दरें मूल्य के आधार पर 5% से 12% तक होती हैं।
  • 1000 रुपये या उससे कम कीमत के कपड़ों पर 5% और अधिक कीमत पर 12% जीएसटी लागू होता है।

जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक और संभावित फैसले

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर को प्रस्तावित है, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में जीएसटी की नई संरचना पर चर्चा होगी।

इसके पहले, 2 सितंबर को जीएसटी से जुड़े अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। हालांकि, विस्तृत एजेंडा और स्थान की घोषणा अभी बाकी है।

दिवाली से पहले उपभोक्ताओं को राहत

सरकार की योजना है कि दशहरा और दिवाली के त्योहार से पहले जीएसटी दरों में कटौती लागू की जाए। इस साल दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को त्योहारों के समय सस्ती दरों का लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा था कि सरकार आम आदमी के लिए कर के बोझ को कम करने के उपायों पर काम कर रही है।

जीएसटी के प्रभाव और आर्थिक दृष्टिकोण

जीएसटी के नए नियमों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर उत्पाद मिलेंगे, जिससे उनकी खरीदारी बढ़ेगी। इसके साथ ही, व्यापारियों को भी राहत मिलेगी, जो उच्च जीएसटी दरों के कारण अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने के लिए बाध्य होते थे।

हालांकि, वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी की नई संरचना से केंद्र और राज्य सरकारों की आय पर असर पड़ेगा। जीएसटी सचिवालय के अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि इस बदलाव से लगभग 40,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है।

निष्कर्ष

जीएसटी सुधार भारत में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि आम जनता को आवश्यक वस्त्र और खाद्य सामग्री सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके। आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए जाने वाले निर्णय इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

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