आसनसोल में आवारा कुत्तों को खाना देने पर दंपत्ति से मारपीट

सूची
  1. आसनसोल में दंपत्ति पर हमले की घटना
  2. दंपत्ति की शिकायत और धमकी
  3. पुलिस की भूमिका और कार्रवाई
  4. पशु प्रेमियों की प्रतिक्रिया
  5. अन्य घटनाएँ और समाज की स्थिति

हाल के दिनों में, आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाले लोगों के साथ बढ़ती हिंसा और असहमति की घटनाएँ समाज में चिंता का कारण बनी हैं। ऐसे मामलों में न केवल जानवरों की भलाई प्रभावित होती है, बल्कि मानवता और मित्रता के मूल्यों पर भी सवाल उठते हैं। पश्चिम बंगाल के आसनसोल में एक दंपत्ति के साथ हुई हालिया घटना ने इस विषय पर और भी रोशनी डाली है।

आसनसोल में दंपत्ति पर हमले की घटना

गाजियाबाद में एक घटना के बाद, अब पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में भी आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हीरापुर थाना क्षेत्र के बर्णपुर एमसीटी पल्लि इलाके में, एक दंपत्ति, नूपुर शर्मा और संजीव शर्मा, जब छोटे पिल्लों को खाना खिला रहे थे, तब उनकी पिटाई की गई।

इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं, जैसे कि क्यों कुछ लोग आवारा कुत्तों को खाना देने वालों के खिलाफ हिंसा का सहारा लेते हैं। यह दर्शाता है कि कुछ समुदायों में जानवरों के प्रति सहानुभूति और करुणा के बजाय, नकारात्मकता और आक्रामकता का माहौल बना हुआ है।

दंपत्ति की शिकायत और धमकी

दंपत्ति के अनुसार, जब उन्होंने इलाके में कुत्तों को खाना देने की कोशिश की, तब तीन स्थानीय लोग वहां आए। उन्होंने पहले खाना छीनकर जमीन पर फेंका और फिर दंपत्ति के साथ बदसलूकी की। नूपुर शर्मा ने बताया कि जब उसने इस घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की, तब एक महिला ने उसे थप्पड़ मारे, जिससे वह गिर गई।

इस बीच, संजीव ने अपनी पत्नी की मदद करने की कोशिश की, लेकिन उस पर भी हमला किया गया। आरोपियों ने नूपुर और संजीव को धमकी दी कि यदि वे फिर से कुत्तों को खाना देने आए, तो परिणाम और भी भयानक होंगे। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि यह एक गंभीर सामाजिक समस्या को भी उजागर करती हैं।

पुलिस की भूमिका और कार्रवाई

दंपत्ति ने घटना के तुरंत बाद हीरापुर पुलिस थाने को सूचित किया। उनकी शिकायत के बाद, आरोपियों ने थोड़ी नरमी दिखाई और स्कूटी की चाबी वापस की। लेकिन, इसके बाद भी उन्होंने फिर से धमकी दी। यह स्पष्ट है कि पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे आरोपियों के मन में और भी साहस बढ़ा।

22 अगस्त 2025 को, दंपत्ति ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई, लेकिन घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस वास्तव में आम लोगों की सुरक्षा में सक्षम है, खासकर तब जब यह जानवरों की भलाई से जुड़ी हो।

पशु प्रेमियों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, पशु प्रेमियों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। वे इस तरह की हिंसा को अस्वीकार्य मानते हैं और इसके खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता महसूस करते हैं। ऐसे मामलों में, यह महत्वपूर्ण है कि समाज एकजुट होकर जानवरों की भलाई के लिए काम करे।

  • जानवरों के प्रति सहानुभूति बढ़ाना चाहिए।
  • सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए।
  • पुलिस और स्थानीय प्रशासन को इस विषय में सक्रिय रहना चाहिए।
  • हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

अन्य घटनाएँ और समाज की स्थिति

आसनसोल में इस घटना के अलावा, गाजियाबाद के विजयनगर क्षेत्र में भी एक महिला पर हमला किया गया था, जब वह आवारा कुत्तों को खाना दे रही थी। ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो दर्शाते हैं कि यह समस्या केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में फैली हुई है।

इसी तरह, बर्णपुर एमटीसी पल्लि में एक युवक पर आरोप लगा था कि उसने आठ आवारा कुत्तों को जहर दिया था, जिससे छह कुत्तों की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पशु प्रेमियों ने थाने का घेराव किया और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया, लेकिन ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति समाज में गहरी चिंता का विषय है।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि आवारा कुत्तों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता है। क्या हम सच में जानवरों की भलाई के लिए समर्पित हैं, या केवल एक दिखावा करते हैं? यह विचार करने का समय है।

इसके साथ ही, समाज में संवेदनशीलता और करुणा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यदि हम सभी एक साथ मिलकर काम करें, तो हम न केवल जानवरों के प्रति बेहतर व्यवहार कर सकते हैं, बल्कि अपने समाज को भी अधिक सहिष्णु बना सकते हैं।

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं, जिसमें इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा की गई है:

अंत में, यह स्पष्ट है कि जानवरों की भलाई केवल एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है। हमें मिलकर इस दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकें।

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