हालिया घटनाक्रम में, छांगुर बाबा का नाम एक बड़ा विवाद बन गया है, जहाँ उनके धर्मांतरण सिंडिकेट पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है। जानिए इस मामले की विस्तृत जानकारी और उसके पीछे की सच्चाई।
छांगुर बाबा के धर्मांतरण सिंडिकेट का भंडाफोड़
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में छांगुर बाबा के धर्मांतरण सिंडिकेट को एक बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस की जांच करते हुए बाबा और उनके सहयोगियों की 13 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है।
ईडी की लखनऊ जोनल ऑफिस ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत ये कार्रवाई की। इन संपत्तियों की कुल कीमत 13.02 करोड़ रुपए बताई गई है। ईडी की जांच के अनुसार, ये संपत्तियां छांगुर बाबा के करीबी सहयोगी नीतू नवीन रोहरा के नाम पर खरीदी गई थीं।
इस जांच की शुरुआत उत्तर प्रदेश एटीएस लखनऊ द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से हुई, जिसमें बड़े पैमाने पर अवैध धार्मिक परिवर्तन, विदेशी फंडिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों के आरोप लगाए गए थे।
धार्मिक साजिश का नेटवर्क
जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों ने बलरामपुर की चांद औलिया दरगाह से एक संगठित नेटवर्क स्थापित किया था। इस नेटवर्क में नियमित रूप से धार्मिक जमावड़े होते थे, जिसमें देश-विदेश के लोग शामिल होते थे।
आरोप है कि इस नेटवर्क का उद्देश्य दलित और आर्थिक रूप से कमजोर हिंदूओं को निशाना बनाना था। इन लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जाता था। यह एक सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है, जो धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देती है।
विदेशी फंडिंग का स्रोत
ईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, छांगुर बाबा ने दुबई में रहने वाले व्यापारी नवीन रोहरा के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। इसके लिए नवीन रोहरा की दुबई स्थित कंपनी United Marine FZE के बैंक खाते का उपयोग किया गया। इस खाते में संदिग्ध सोर्स से 21.08 करोड़ रुपए जमा किए गए, जो बाद में एनआरई और एनआरओ अकाउंट्स के जरिए भारत भेजे गए।
इन पैसों का उपयोग करके उतरौला में नवीन रोहरा की पत्नी नीतू रोहरा के नाम पर जमीन और अन्य संपत्तियां खरीदी गईं। यह दर्शाता है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति की धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि एक व्यापक नेटवर्क का हिस्सा है।
कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारियाँ
इस मामले में ईडी ने पहले ही दो महत्वपूर्ण गिरफ्तारियाँ की हैं। छांगुर बाबा को 28 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया था, जबकि नवीन रोहरा को 4 अगस्त 2025 को हिरासत में लिया गया। दोनों वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं, और अदालत की निगरानी में केस की सुनवाई चल रही है।
इस मामले को लेकर कई और संदिग्ध गतिविधियों की जांच की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि इस तरह के नेटवर्क का संचालन कितने बड़े पैमाने पर किया गया था।
सम्बंधित ख़बरें और उनके प्रभाव
यह मामला केवल स्थानीय लोगों के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इससे यह प्रश्न उठता है कि क्या इस तरह के धर्मांतरण सिंडिकेट का संचालन अन्य क्षेत्रों में भी हो रहा है।
- अवैध धार्मिक परिवर्तन के मामलों की बढ़ती संख्या
- धर्मांतरण के कारण समाज में उत्पन्न अस्थिरता
- विदेशी फंडिंग पर कड़े नियंत्रण की आवश्यकता
- सामाजिक संगठनों की भूमिका और जिम्मेदारी
इस मामले की जांच की दिशा में आगे बढ़ते हुए, यह आवश्यक है कि सरकारें और कानूनी संस्थान इस पर कड़ी नजर रखें और धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर होने वाले किसी भी अवैध कार्य को रोकें।
यहाँ एक वीडियो है जो इस मामले पर और अधिक जानकारी प्रदान करता है:
छांगुर बाबा के मामले ने धार्मिक संगठनों और सरकारों के बीच एक महत्वपूर्ण चर्चा की शुरुआत की है। ऐसे मामलों में सतर्कता और सजगता अत्यंत आवश्यक है ताकि समाज में सद्भावना और एकता बनी रहे।




