प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अहमदाबाद में एक भव्य रोड शो किया, जिसमें भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनकी कुल लागत 5,400 करोड़ रुपये है। यह आयोजन खोडलधाम मैदान पर आयोजित किया गया था, जहां मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी।
मनोरंजन और विकास की इस महाकुम्भ में, पीएम मोदी ने देश में हाल ही में हुई बारिशों और प्राकृतिक आपदाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मॉनसून के इस सीजन में गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। जब हम टीवी पर विनाशलीला देखते हैं, तो खुद को संभालना मुश्किल हो जाता है। मैं प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।"
उन्होंने यह भी बताया कि प्राकृतिक आपदाएं एक चुनौती हैं, जिनका सामना करने के लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुटी है। यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में तवज्जो दी कि जब मानवता पर संकट आता है, तब एकजुट होकर ही हम उसका सामना कर सकते हैं।
गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर
नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "गुजरात की यह धरती दो मोहन की धरती है। एक सुदर्शन चक्रधारी मोहन यानी हमारे श्रीकृष्ण, दूसरे चरखाधारी मोहन यानी साबरमती के संत पूज्य बापू।" यह बयान दर्शाता है कि कैसे वे गुजरात की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को महत्वपूर्ण मानते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि सुदर्शन चक्रधारी मोहन ने हमें सुरक्षा और न्याय का पाठ पढ़ाया है, और यही भावना आज के भारत में भी मौजूद है। मोदी ने सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा, "आज आतंकवादी और उनके आकाओं को हम छोड़ते नहीं, चाहे वो कहीं भी छुपे हों।" यह बयान उनके दृढ़ राजनीतिक और सुरक्षा दृष्टिकोण को दर्शाता है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "60-65 साल तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस ने भारत को दूसरे देशों पर निर्भर रखा। लेकिन आज भारत ने आत्मनिर्भरता को विकास का आधार बना दिया है।" यह बयान दर्शाता है कि उनकी सरकार किस प्रकार से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- किसानों और मछुआरों के लिए नई नीतियाँ।
- उद्यमियों के लिए आसान व्यापार वातावरण।
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली योजनाएँ।
मोदी ने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी ने वो दिन नहीं देखे हैं, जब गुजरात में आए दिन कर्फ्यू लगता था। अब Ahmedabad देश के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक बन गया है। यह सब गुजरात की जनता की मेहनत और साहस का परिणाम है।
उन्होंने आगे कहा, "गुजरात में शांति और सुरक्षा का वातावरण हमें एक नए मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देखने की अनुमति दे रहा है।" यह बात दर्शाती है कि कैसे व्यवसायिक विकास और सामाजिक स्थिरता एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
आर्थिक स्वार्थी नीतियों पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, "दुनिया में आज हम आर्थिक स्वार्थ वाली नीतियाँ देख रहे हैं। मैं अपने छोटे उद्यमियों और किसानों से कहना चाहता हूं कि आपकी भलाई मेरी प्राथमिकता है।" यह दर्शाता है कि वे छोटे व्यवसायों और किसानों के प्रति कितने समर्पित हैं।
उन्होंने यह भी कहा, "हमारी सरकार कभी भी लघु उद्यमियों और किसानों का अहित नहीं होने देगी, चाहे दबाव कितना भी क्यों न आए।" यह आश्वासन उनके नेतृत्व में किसानों और छोटे व्यवसायों के लिए सुरक्षित भविष्य की आशा जगाता है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को गुजरात से बहुत ऊर्जा मिल रही है और यह कि आज का गुजरात एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है।
इस बीच, उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्होंने अपने बयान को और स्पष्ट किया।
नरेंद्र मोदी की शिक्षा और राजनीतिक सफर
मोदी के जीवन में शिक्षा का एक विशेष स्थान है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुजरात के वडनगर में प्राप्त की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न संस्थानों में नामांकित हुए। उनकी राजनीति में प्रवेश 1980 के दशक में हुआ, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर विभिन्न पदों पर कार्य किया।
मोदी की नेतृत्व शैली ने उन्हें एक प्रभावी नेता के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने हमेशा जनता के सामने अपनी नीतियों को स्पष्ट रूप से रखा है और अपने कार्यों के प्रति जवाबदेह रहे हैं।
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इस कार्यक्रम के दौरान कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कैसे उनकी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में विकास की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
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कुल मिलाकर, पीएम मोदी का यह रोड शो और उनके विचार यह दर्शाते हैं कि वे अपने देश और लोगों के कल्याण के प्रति कितने प्रतिबद्ध हैं। यह कार्यक्रम न केवल गुजरात के विकास को दिखाता है, बल्कि एक स्थायी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाए गए कदमों को भी उजागर करता है।


