भारतीय वैज्ञानिक ने क्वांटम कंप्यूटिंग में फॉर्मूले को चुनौती दी

सूची
  1. क्वांटम मैकेनिक्स का नया दृष्टिकोण
  2. पुरानी सिद्धांतों का इतिहास
  3. यूनिफाइड क्वांटम मैकेनिक्स (UQM): एक नई क्रांति
  4. नया रियल-वैल्यूड डिराक समीकरण
  5. रियल क्वांटम फील्ड थ्योरी (QFT) का नया दृष्टिकोण
  6. पुष्पेंद्र सिंह: एक उभरता हुआ वैज्ञानिक

क्वांटम कंप्यूटिंग और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में हाल ही में एक महत्वपूर्ण शोध सामने आया है, जिसने पिछले एक सदी से चले आ रहे सिद्धांतों को चुनौती दी है। यह शोध न केवल वैज्ञानिक समुदाय में चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि यह इन दोनों क्षेत्रों में नई संभावनाओं के द्वार भी खोलता है। आइए, इस शोध के प्रमुख पहलुओं पर गहराई से नजर डालें।

क्वांटम मैकेनिक्स का नया दृष्टिकोण

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सहायक प्रोफेसर पुष्पेंद्र सिंह ने यूनिफाइड क्वांटम मैकेनिक्स (UQM), रियल-वैल्यूड डिराक समीकरण और एक नई रियल क्वांटम फील्ड थ्योरी (QFT) के माध्यम से क्वांटम मैकेनिक्स को नए सिरे से परिभाषित किया है। उनका शोध, जो रिसर्चगेट पर प्रीप्रिंट के रूप में प्रकाशित हुआ है, पिछले सौ वर्षों से जटिल संख्याओं (कॉम्प्लेक्स नंबर्स) पर आधारित क्वांटम थ्योरी को चुनौती देता है।

इस शोध का केंद्र बिंदु यह है कि जटिल संख्याओं के बिना भी क्वांटम मैकेनिक्स को समझा जा सकता है। यह न केवल थ्योरी की जटिलता को कम करता है, बल्कि इसे अधिक सुलभ भी बनाता है।

पुरानी सिद्धांतों का इतिहास

क्वांटम मैकेनिक्स का आधार 1926 में नोबेल पुरस्कार विजेता एर्विन श्रोडिंगर द्वारा प्रस्तुत किए गए समीकरण और 1928 में पॉल डिराक द्वारा तैयार किए गए डिराक समीकरण पर आधारित है। ये दोनों समीकरण जटिल संख्याओं का उपयोग करते हैं, जो इसे समझने में कठिनाई पैदा करते हैं।

  • श्रोडिंगर का समीकरण: क्वांटम अवस्था का वर्णन करता है।
  • डिराक समीकरण: रिलेटिविस्टिक कणों को समझने में मदद करता है।
  • जटिल संख्याओं का उपयोग: पिछले सौ वर्षों से क्वांटम थ्योरी का आधार।

प्रोफेसर सिंह का शोध इस धारणा को चुनौती देता है। उनका कहना है कि जटिल संख्याएं आवश्यक नहीं हैं और बिना उनके भी क्वांटम मैकेनिक्स को पूरी तरह से समझा जा सकता है। उनके अनुसार, यह शोध एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जो क्वांटम मैकेनिक्स की गहराई को उजागर करता है।

यूनिफाइड क्वांटम मैकेनिक्स (UQM): एक नई क्रांति

प्रोफेसर सिंह का UQM ढांचा हिल्बर्ट ट्रांसफॉर्म से प्राप्त वास्तविक ऊर्जा और गति ऑपरेटरों का उपयोग करता है। यह संरचना वास्तविक और जटिल क्वांटम थ्योरी को एक साथ जोड़ती है, जिससे क्वांटम मैकेनिक्स की जटिलता को कम किया जा सकता है। यह सिद्धांत क्वांटम कंप्यूटिंग और सिग्नल प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।

UQM के द्वारा किए गए गणनाएं तेज और सरल हो सकती हैं, जो इसे व्यावहारिक रूप से उपयोगी बनाती हैं। इसके कुछ संभावित लाभ इस प्रकार हैं:

  • तेजी से क्वांटम कंप्यूटिंग: अधिक दक्षता के साथ गणनाएं।
  • सिग्नल प्रोसेसिंग में सुधार: डेटा विश्लेषण में नई संभावनाएं।
  • शिक्षण में सरलता: छात्र और शोधकर्ता आसानी से समझ सकेंगे।

नया रियल-वैल्यूड डिराक समीकरण

सिंह ने डिराक समीकरण को भी नए सिरे से प्रस्तुत किया है, जो रिलेटिविस्टिक क्वांटम मैकेनिक्स का मूल आधार है। उनका नया समीकरण पुराने फॉर्मूलों की तुलना में समान रूप से सटीक है, लेकिन यह कणों को समझने में नई संभावनाएं खोलता है।

यह नया समीकरण रियल-वैल्यूड है, जिसका अर्थ है कि यह जटिल संख्याओं का सहारा लिए बिना ही कणों के व्यवहार को समझाने में सक्षम है। इससे कई क्षेत्रों में अनुसंधान की दिशा बदल सकती है।

रियल क्वांटम फील्ड थ्योरी (QFT) का नया दृष्टिकोण

पुष्पेंद्र सिंह ने क्वांटम फील्ड थ्योरी को भी वास्तविक रूप में प्रस्तुत किया है। उनका मुख्य सिद्धांत यह है कि क्वांटम मैकेनिक्स में जटिल इकाई को हटाकर एक वास्तविक, गैर-स्थानीय ढांचा बनाया जा सकता है। यह खोज कण भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और कॉन्डेन्स्ड मैटर भौतिकी जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है।

इस नई QFT के तहत, कई महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर खोजे जा सकते हैं, जैसे:

  • कणों की संरचना और व्यवहार।
  • ब्रह्मांड की उत्पत्ति की नई व्याख्या।
  • कॉन्डेन्स्ड मैटर की गतिकी।

पुष्पेंद्र सिंह: एक उभरता हुआ वैज्ञानिक

पुष्पेंद्र सिंह जेएनयू के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है। उनके शोध के क्षेत्रों में क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, सिग्नल प्रोसेसिंग और बायोमेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग शामिल हैं।

सिंह का यह शोध न केवल भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी एक नई दिशा प्रदान करता है। उनकी खोजों के जरिए, हम क्वांटम मैकेनिक्स और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में नई संभावनाओं की ओर बढ़ सकते हैं।

इस शोध से जुड़े और भी दिलचस्प पहलुओं को जानने के लिए आप इस वीडियो को देख सकते हैं:

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