हाल ही में, यूट्यूबर एल्विश यादव के घर पर हुई फायरिंग ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी हैं। इस घटना के बाद से ही पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी थी। अब, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो और शूटर्स को गिरफ्तार किया है, जो कि घटना के समय फायरिंग में शामिल थे। इस लेख में हम इस मामले के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, ताकि पाठक को पूरी स्थिति का स्पष्ट ज्ञान हो सके।
फायरिंग की घटना का विवरण
गुरुग्राम में 17 अगस्त को सुबह करीब 5:30 बजे, एल्विश यादव के आवास के बाहर तीन बाइक सवार बदमाशों ने दो दर्जन से अधिक राउंड फायरिंग की थी। यह घटना उस समय हुई जब एल्विश यादव घर पर नहीं थे। पुलिस ने बताया कि इस हमले की जिम्मेदारी 'भाऊ गैंग' ने ली थी, जो कि एक कुख्यात आपराधिक संगठन है।
इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें हमलावरों को फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। यह फुटेज न केवल पुलिस के लिए मददगार साबित हुआ, बल्कि इसे इंटरनेट पर भी व्यापक रूप से साझा किया गया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान
हाल ही में गिरफ्तार किए गए दोनों शूटर्स की पहचान गौरव और आदित्य के रूप में हुई है। दोनों की उम्र लगभग 25 वर्ष है और ये फरीदाबाद के निवासी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों आरोपियों का संबंध हिमांशु भाऊ गैंग से है, जो कि इस क्षेत्र में सक्रिय है।
- गौरव: 25 वर्ष, फरीदाबाद का निवासी
- आदित्य: 25 वर्ष, फरीदाबाद का निवासी
पुलिस ने बताया कि इनसे पूछताछ की जा रही है, जिससे और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं।
फायरिंग का आदेश और मोटिवेशन
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को फायरिंग करने के लिए 50,000 रुपये का भुगतान किया गया था। इस पैसे का प्रबंध नीरज फरीदपुरिया ने किया था, जो कि अमेरिका में मौजूद है और इस गैंग का एक महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता है। पुलिस का मानना है कि यह फायरिंग व्यक्तिगत दुश्मनी या गैंग के अंतर्गत प्रतिस्पर्धा का परिणाम हो सकती है।
नीरज फरीदपुरिया का नाम इस मामले में बार-बार आ रहा है, और पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास तेज कर दिए हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि नीरज ने इस फायरिंग का आदेश सीधे दिया था या यह किसी अन्य कारण से हुआ था।
पुलिस कार्यवाही और गिरफ्तारियां
इस मामले में अब तक कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पहले, इशांत गांधी उर्फ ईशू को गिरफ्तार किया गया था, जो कि फरीदाबाद का निवासी है। वह भी इस गैंग का सदस्य है और पुलिस के अनुसार, इसने घटना के दौरान फायरिंग की थी।
पुलिस ने बताया कि इशांत गांधी को 17 अगस्त को फरीदाबाद के सेक्टर 30 में मोटरसाइकिल चलाते हुए रोका गया था। जब पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, तो उसने भागने की कोशिश की और पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे गोली मारी और गिरफ्तार कर लिया।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और सुरक्षा चिंताएं
एल्विश यादव के घर पर हुई फायरिंग ने न केवल उनके प्रशंसकों को, बल्कि पूरे समाज को चौंका दिया है। इस घटना ने सुरक्षा मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ गैंगस्टर सक्रिय हैं।
सामाजिक मीडिया पर कई लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और पुलिस की कार्यवाही की सराहना कर रहे हैं। इसके साथ ही, लोगों का कहना है कि सरकार को इस प्रकार के अपराधों पर काबू पाने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
वीडियो फुटेज और सबूत
इस मामले में CCTV फुटेज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फुटेज में हमलावरों की स्पष्ट तस्वीरें और उनकी गतिविधियां देखी जा सकती हैं। पुलिस ने इस फुटेज को सबूत के रूप में पेश किया है और इसे जांच प्रक्रिया में शामिल किया है।
यहाँ एक वीडियो है जो इस मामले से संबंधित जानकारी प्रदान करता है:
भविष्य की कार्रवाई
पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि वे इस मामले में और भी गहराई से जांच करेंगे और सभी संभावित आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए सक्रिय रहेंगे। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि गैंगवार और अपराधिक गतिविधियों पर काबू पाने के लिए पुलिस को अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस नीरज फरीदपुरिया और उसके सहयोगियों को पकड़ने में सफल होती है या नहीं। इस मामले की आगामी कार्रवाई निश्चित रूप से मीडिया और जनता की निगाहों में रहेगी।
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