हरतालिका तीज 2025: महिलाएं राशिनुसार मां पार्वती की पूजा करें

सूची
  1. हरतालिका तीज 2025: तिथि और महत्व
  2. हरतालिका तीज पर अर्पित करने योग्य वस्तुएं
  3. हरतालिका तीज पूजा विधि
  4. हरतालिका तीज पूजा का मुहूर्त
  5. हरतालिका तीज की कथा
  6. हरतालिका तीज के लिए उपयोगी वीडियो
  7. हरतालिका तीज के अन्य महत्वपूर्ण पहलू

हरतालिका तीज, एक ऐसा पर्व है जो न केवल भक्तों के लिए धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं इस त्योहार के महत्व, पूजा विधि, और इसे मनाने के विशेष तरीके।

हरतालिका तीज 2025: तिथि और महत्व

हरतालिका तीज इस वर्ष 26 अगस्त को मनाई जाएगी। यह पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा हुआ है। इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं, जिसका अर्थ है कि वे पूरे दिन बिना पानी के उपवास करती हैं। इस पर्व का प्रमुख उद्देश्य मनचाहे पति की प्राप्ति और वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि लाना है।

हरतालिका तीज का नाम 'हरितालिका' से निकला है, जिसका अर्थ है 'हर' (शिव) और 'तालिका' (गुफा)। यह पर्व उस समय की याद दिलाता है जब माता पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए कठोर तप किया था। इसलिए, यह पर्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

हरतालिका तीज पर अर्पित करने योग्य वस्तुएं

इस पर्व के दौरान, महिलाएं अपनी राशि के अनुसार मां पार्वती को विशेष वस्त्र, आभूषण और सुगंधित चीजें अर्पित करती हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • मेष, सिंह और धनु राशि: लाल चूड़ियां, सिंदूर और बिंदी अर्पित करें।
  • वृष, कन्या और मकर राशि: सुगंधित वस्त्र और इत्र अर्पित करें।
  • मिथुन, तुला और कुंभ राशि: चांदी के आभूषण अर्पित करें।
  • कर्क, वृश्चिक और मीन राशि: पुष्प और गुलाब का इत्र अर्पित करें।

हरतालिका तीज पूजा विधि

हरतालिका तीज की पूजा विधि कुछ इस प्रकार है:

  1. सबसे पहले, उपवास का संकल्प लें। यदि स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो फलाहार भी कर सकते हैं।
  2. शाम को भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त पूजा करें।
  3. इस दिन सुंदर श्रृंगार करना न भूलें।
  4. माता पार्वती को सौभाग्य का सामान अर्पित करें और मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
  5. विवाहित महिलाएं अपनी सास को भी सौभाग्य की वस्तुएं दें।
  6. पूजा के बाद व्रत का पारायण करें।

हरतालिका तीज पूजा का मुहूर्त

इस दिन पूजा का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। हालांकि, इस दिन कभी भी पूजा की जा सकती है, लेकिन प्रात: और प्रदोष काल में पूजा करना विशेष लाभकारी माना जाता है। 2025 में हरतालिका तीज पूजा का सही मुहूर्त प्रात: 5:56 बजे से लेकर 8:31 बजे तक रहेगा।

हरतालिका तीज की कथा

हरतालिका तीज की कथा का विशेष महत्व है। यह कथा माता पार्वती के तप और शिव जी के प्रति उनके प्रेम की कहानी है। कहा जाता है कि माता पार्वती ने अपने प्रेम को पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। इस दौरान, उन्होंने अपने पिता हिमालय पर्वत से भागकर एक गुफा में जाकर भगवान शिव के लिए अर्चना की थी। उनकी भक्ति और तपस्या से प्रभावित होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उन्हें स्वीकार किया।

इस कथा को सुनने से न केवल भक्तों को प्रेरणा मिलती है, बल्कि यह उन्हें विश्वास दिलाता है कि सच्चे प्रेम और भक्ति से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।

हरतालिका तीज के लिए उपयोगी वीडियो

इस पर्व के महत्व और पूजा विधि को समझने के लिए आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं:

हरतालिका तीज के अन्य महत्वपूर्ण पहलू

हरतालिका तीज का पर्व न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। इस दिन महिलाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर अपनी खुशियों और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह पर्व एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है, जहां महिलाएं एकत्रित होकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देती हैं।

इस प्रकार, हरतालिका तीज भारतीय समाज में न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह सामाजिक एकता, प्यार और समर्पण का भी प्रतीक है।

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