स्वदेशी IADWS एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत और क्षमताएं

सूची
  1. IADWS का परिचय: एक नवीनतम तकनीकी प्रणाली
  2. QRSAM: त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली
  3. VSHORADS: मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम
  4. लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW)
  5. IADWS का परीक्षण: एक सफल कदम
  6. रणनीतिक महत्व: भारत की सुरक्षा में एक नया अध्याय
  7. लेजर हथियार: भारत की नई ताकत
  8. सुदर्शन चक्र: भविष्य की दृष्टि
  9. IADWS का महत्व: आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम

भारत ने अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करते हुए, ओडिशा के तट पर एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का सफल परीक्षण किया है। यह प्रणाली न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि यह देश की सुरक्षा को और मजबूत करने का एक अनूठा प्रयास है।

इस परीक्षण के दौरान, IADWS ने अपनी सामर्थ्य को साबित करते हुए तीन अलग-अलग लक्ष्यों को एक साथ नष्ट किया। यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जब दुनिया में हवाई खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं। क्या वास्तव में यह प्रणाली हमारी रक्षा के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है? आइए जानें।

IADWS का परिचय: एक नवीनतम तकनीकी प्रणाली

IADWS, या Integrated Air Defence Weapon System, एक मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम है जो पूरी तरह से स्वदेशी तकनीकों पर आधारित है। यह प्रणाली विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए तीन मुख्य हथियारों को एकीकृत करती है:

  • क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM)
  • वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS)
  • हाई पावर लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW)

QRSAM: त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली

QRSAM एक छोटी दूरी की मिसाइल प्रणाली है, जो तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह प्रणाली 3 से 30 किमी की दूरी तक दुश्मन के हवाई हमलों से सेना की टुकड़ियों की रक्षा कर सकती है। यह पूरी तरह से मोबाइल है और चलते-फिरते भी लक्ष्य पर अटैक कर सकती है।

QRSAM में दो प्रमुख रडार होते हैं:

  • एक्टिव ऐरे बैटरी सर्विलांस रडार
  • एक्टिव ऐरे बैटरी मल्टीफंक्शन रडार

ये रडार 360 डिग्री निगरानी और ट्रैकिंग क्षमताओं के साथ कार्य करते हैं, जिससे इसे दुश्मन के हवाई हमलों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में मदद मिलती है।

VSHORADS: मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम

वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) एक चौथी पीढ़ी का मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे सैनिक आसानी से कंधे पर ले जा सकते हैं। यह प्रणाली 300 मीटर से 6 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन, हेलीकॉप्टर और अन्य छोटे हवाई खतरों को नष्ट कर सकती है।

VSHORADS की डिजाइन भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर की गई है। यह प्रणाली विभिन्न युद्ध परिदृश्यों में उपयोगी साबित हो सकती है, खासकर जब दुश्मन के पास छोटे ड्रोन या हेलीकॉप्टर हों।

लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW)

हाई पावर लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) एक अत्याधुनिक तकनीक है जो ड्रोन और अन्य हवाई लक्ष्यों को 3 किलोमीटर से कम दूरी पर नष्ट कर सकती है।

इस साल अप्रैल में DRDO ने इसके जमीन आधारित संस्करण का परीक्षण किया था, जिसमें इसने सफलतापूर्वक ड्रोन को नष्ट किया और उनकी निगरानी प्रणालियों को निष्क्रिय कर दिया। यह भारत को उन देशों की सूची में शामिल करता है जिनके पास यह उन्नत तकनीक है, जैसे अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी और इज़रायल।

IADWS का परीक्षण: एक सफल कदम

23 अगस्त 2025 को ओडिशा के तट पर हुए इस पहले परीक्षण में IADWS ने अपनी ताकत दिखाई। इस दौरान तीन अलग-अलग लक्ष्य—दो हाई-स्पीड फिक्स्ड-विंग ड्रोन (UAV) और एक मल्टी-कॉप्टर ड्रोन—को एक साथ निशाना बनाया गया।

QRSAM, VSHORADS और लेजर आधारित DEW ने इन लक्ष्यों को अलग-अलग दूरी और ऊंचाई पर पूरी तरह से नष्ट कर दिया। चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) में तैनात उपकरणों ने उड़ान डेटा को रिकॉर्ड किया, जिसने पुष्टि की कि सभी हथियार प्रणालियां, रडार, ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम और कमांड-कंट्रोल सिस्टम ने बिना किसी खामी के काम किया।

रणनीतिक महत्व: भारत की सुरक्षा में एक नया अध्याय

IADWS का सफल परीक्षण भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता में एक बड़ा कदम है। यह प्रणाली ड्रोन, क्रूज मिसाइल, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों जैसे विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। इसकी रेंज 30 किमी तक है, जो इसे छोटे और मध्यम दूरी के खतरों से निपटने के लिए आदर्श बनाती है।

यह प्रणाली न केवल वर्तमान खतरों का सामना करने में सक्षम है, बल्कि भविष्य के लिए भी इसे विकसित किया जा सकता है। यह सुदर्शन चक्र मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य 2035 तक एक मजबूत, स्वदेशी रक्षा कवच विकसित करना है।

लेजर हथियार: भारत की नई ताकत

IADWS का सबसे खास हिस्सा इसका लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) है। यह हथियार ड्रोन और अन्य हवाई लक्ष्यों को तेजी से नष्ट कर सकता है। लेजर हथियारों की खासियत यह है कि वे प्रकाश की गति से हमला करते हैं, सटीक होते हैं और बार-बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

इनकी लागत भी पारंपरिक हथियारों की तुलना में कम होती है। DEW ने पहले ही अपनी क्षमताओं को साबित किया है, और विश्लेषकों का मानना है कि यह युद्ध के मैदान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

सुदर्शन चक्र: भविष्य की दृष्टि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर सुदर्शन चक्र की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल दुश्मन के हमलों को रोकना है, बल्कि जवाबी हमलों की क्षमता भी विकसित करना है। IADWS इस मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारतीय वायुसेना के एकीकृत वायु कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) के साथ एकीकृत होने की संभावना है।

IADWS का महत्व: आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम

IADWS कई मायनों में भारत के लिए महत्वपूर्ण है:

  • स्वदेशी तकनीक: यह पूरी तरह से स्वदेशी है, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूत करती है।
  • बहु-स्तरीय सुरक्षा: ड्रोन से लेकर हाई-स्पीड विमानों तक, हर तरह के हवाई खतरे को रोक सकती है।
  • लचीलापन: QRSAM, VSHORADS और DEW का संयोजन इसे छोटी और मध्यम दूरी के खतरों के लिए प्रभावी बनाता है।
  • कम लागत: लेजर हथियारों की लागत कम होती है, ये बार-बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जिससे यह प्रणाली लागत-प्रभावी है।
  • वैश्विक स्थान: लेजर हथियारों के साथ भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो इस उन्नत तकनीक में महारत रखते हैं।

IADWS का यह पहला परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रतीक है। यह प्रणाली न केवल वर्तमान खतरों से निपटने में सक्षम है, बल्कि भविष्य में और एडवांस बनाई जा सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रणाली की असली ताकत तब सामने आएगी, जब इसे जटिल युद्ध परिदृश्यों में आजमाया जाए। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो इसे वैश्विक रक्षा तकनीक में अग्रणी बनाता है।

भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित इस प्रणाली के महत्व को समझते हुए, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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