दहेज प्रथा की समस्या भारत में एक गंभीर सामाजिक मुद्दा बनी हुई है, जिसके चलते कई महिलाओं को अत्याचार और हिंसा का सामना करना पड़ता है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में घटित एक भयानक घटना ने इस मुद्दे को फिर से ध्यान में ला दिया है। इस मामले में एक महिला की हत्या के आरोप में उसके ससुराल वालों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें दहेज की मांग को लेकर हिंसा का आरोप भी शामिल है।
दहेज के लालच में हत्या का सनसनीखेज मामला
ग्रेटर नोएडा में दहेज के मामले से जुड़े निक्की हत्याकांड में मृतका की बहन ने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें निक्की के ससुरालीजनों पर बेहद गंभीर आरोप हैं। आरोप है कि दहेज के लालच में निक्की को जलाकर मार डाला गया। पुलिस ने निक्की की सास दया, ससुर सत्यवीर, निक्की के पति विपिन और कंचन के पति रोहित भाटी के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया है।
घटना का विवरण और पीड़िता का परिवार
यह घटना 21 अगस्त की शाम को हुई, जब निक्की को उसके ससुराल वालों ने ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस मामले में निक्की की बहन कंचन ने एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें आरोप लगाया गया कि निक्की को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
निक्की की शादी 9 दिसंबर 2016 को कासना क्षेत्र के सिरसा निवासी विपिन से हुई थी। विवाह के बाद से ही निक्की और उसकी बहन कंचन को दहेज की मांग को लेकर लगातार प्रताड़ित किया गया। उनके पिता भिखारी सिंह ने कहा कि पहले दहेज में स्कॉर्पियो दी गई, फिर बुलेट की मांग की गई, लेकिन इसके बावजूद दहेज का लालच खत्म नहीं हुआ।
दहेज के लिए लगातार दबाव
निक्की के परिवार ने आरोप लगाया कि ससुराल वाले उन्हें लगातार पैसे और महंगी चीजों की मांग करते रहे। ऐसे में दहेज के लिए परेशानियों का सामना करते हुए निक्की की स्थिति गंभीर हो गई। इस प्रकार के दबाव का असर न केवल निक्की पर, बल्कि उसके परिवार पर भी पड़ा।
- नौकरी के बावजूद दहेज की मांग
- महंगी चीजों की निरंतर मांग
- परिवार का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न
पिता का आक्रोश और न्याय की मांग
इस मामले में निक्की के पिता भिखारी सिंह ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह दहेजखोरों की सोची-समझी साजिश है और उन्होंने यह सुझाव दिया कि आरोपियों पर एनकाउंटर किया जाए। वे यह भी कहते हैं कि योगी की सरकार में आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलना चाहिए।
भिखारी सिंह का कहना है, "अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।" उनका यह बयान उस आक्रोश को दर्शाता है जो इस मामले से जुड़े परिवारों में व्याप्त है।
बच्चे की गवाही और समाज की प्रतिक्रिया
इस मामले से जुड़े एक वीडियो में निक्की का 6 साल का बेटा कहता है कि पापा ने लाइटर से मम्मी को आग लगा दी। यह बयान समाज में इस मुद्दे की गंभीरता को और बढ़ा देता है। निक्की की मौत के बाद इलाके में आक्रोश और दुख का माहौल है।
परिजनों का कहना है कि निक्की और कंचन की शादी के बाद से ही ससुराल वाले लगातार पैसों और महंगी चीजों की मांग कर रहे थे।
दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता
इस प्रकार की घटनाएं दिखाती हैं कि दहेज प्रथा अभी भी भारत में एक गंभीर समस्या है। इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट होकर इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
- महिलाओं के अधिकारों के लिए जागरूकता
- दहेज प्रथा के खिलाफ कानूनों का सख्ती से पालन
- समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ शिक्षा और सूचना का प्रसार
इस मामले से संबंधित और अधिक जानकारी के लिए, यहाँ एक वीडियो देखें:
इस प्रकार के मामलों में समाज को जागरूक करने और दहेज प्रथा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता है।