सोशल मीडिया का प्रभाव आज हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। इस प्लेटफॉर्म पर सक्रियता से न केवल व्यक्तिगत मत व्यक्त किए जा रहे हैं, बल्कि व्यवसायिक लाभ भी अर्जित किया जा रहा है। लेकिन जब यह बात सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की आती है, तो उनकी जिम्मेदारियों और अधिकारों पर सवाल उठते हैं। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भाषा और उनके द्वारा किए जाने वाले संभावित अपमानजनक बयानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए नए दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से सलाह लेने का आग्रह किया है ताकि ऐसी गाइडलाइन्स बनाई जा सकें जो इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करें।
विशेष रूप से, यह निर्देश उन मामलों पर आधारित है जहाँ इन्फ्लुएंसर्स ने दिव्यांग व्यक्तियों का मजाक उड़ाया है। उदाहरण के लिए, हालिया विवाद में यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया का नाम शामिल है, जिन्होंने इंडियाज गॉट लेटेंट शो में आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की थीं।
दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा का सम्मान
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इन्फ्लुएंसर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बयानों से किसी भी वर्ग, विशेषकर दिव्यांग व्यक्तियों, की गरिमा आहत न हो। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बागची ने बताया कि इन्फ्लुएंसर्स के बयानों को "फ्री स्पीच" नहीं समझा जा सकता, बल्कि यह "कमर्शियल स्पीच" है और इसके लिए उन्हें कानूनी रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
- इन्फ्लुएंसर्स को अपने बयानों के प्रति जिम्मेदार होना होगा।
- दिव्यांग व्यक्तियों से जुड़ी टिप्पणियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- कमर्शियल स्पीच का फ्री स्पीच से भिन्नता को समझना आवश्यक है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जब इन्फ्लुएंसर्स यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग व्यवसायिक लाभ के लिए करते हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी बातें समाज पर नकारात्मक असर न डालें।
कोर्ट के निर्देश और उनकी महत्वता
सुप्रीम कोर्ट ने NBDA को इस मामले में शामिल किया है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाह देने का निर्देश दिया है। यह कदम दिखाता है कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, पॉडकास्टर्स और यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए विशेष नियमों की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने बताया कि न्यूज चैनलों और मीडिया हाउसेज को कवर करने वाले NBDA के पास इस क्षेत्र की विशेषज्ञता है। उन्होंने कहा, “न्यूज में यह समस्या नहीं है। हम इस क्षेत्र से जुड़ी विशेषज्ञता के कारण पक्षकार बने हैं।”
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारियाँ
सुप्रीम कोर्ट ने इन्फ्लुएंसर्स को निर्देश दिया है कि वे दिव्यांग व्यक्तियों से अपने पॉडकास्ट या यूट्यूब चैनलों पर सार्वजनिक माफी मांगें। इसके अलावा, उन्हें एक शपथपत्र भी देना होगा जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि वे दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए क्या कदम उठाएंगे।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। मंत्रालय को दिशा-निर्देश और प्रवर्तन तंत्र तैयार करने दीजिए।”
नियमों की व्यापकता और भविष्य की चुनौतियाँ
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह अलग-थलग घटनाओं पर जल्दबाजी में नियम न बनाए, बल्कि इन्हें व्यापक बनाने पर ध्यान केंद्रित करे ताकि बदलती तकनीक से उत्पन्न चुनौतियों का समावेश किया जा सके।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को NBDA और अन्य हितधारकों से सलाह लेने के बाद इन नियमों को तैयार करने का कार्य दिया गया है। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन्फ्लुएंसर्स पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है, यदि वे दिव्यांग व्यक्तियों का अपमान करने के दोषी पाए जाते हैं।
सोशल मीडिया पर गाली देने के लिए कानूनी धाराएँ
सोशल मीडिया पर गाली देना या अपमानजनक टिप्पणियाँ करना केवल नैतिक ही नहीं, बल्कि कानूनी रूप से भी दंडनीय है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराएँ इस प्रकार के अपराधों का निरीक्षण करती हैं:
- धारा 499: मानहानि
- धारा 500: मानहानि की सजा
- धारा 66E: निजी जीवन का उल्लंघन
इन धाराओं के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ गाली या अपमानजनक टिप्पणियाँ करता है, तो वह कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकता है।
सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रभाव
सोशल मीडिया का सही उपयोग करने पर यह कई फायदें दे सकता है:
- जानकारी का तेजी से आदान-प्रदान
- सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाना
- व्यक्तिगत ब्रांडिंग और व्यवसाय का विकास
- सामुदायिक जुड़ाव और समर्थन
इस प्रकार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए, सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास करना चाहिए।
इस विषय पर और अधिक जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं: