सेल्फी के कारण भारतीयों की मौतों की बढ़ती संख्या

सूची
  1. सेल्फी से जुड़े खतरों का बढ़ता आंकड़ा
  2. भारत में सेल्फी से होने वाली मौतों की संख्या
  3. सेल्फी लेते समय जान गंवाने के कारण
  4. सोशल मीडिया का प्रभाव
  5. क्या जोखिम के बिना भी सुंदर सेल्फी ली जा सकती है?

आज के डिजिटल عصر में, जहां हर कोई अपने जीवन के खास लम्हों को कैद करना चाहता है, सेल्फी लेना कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है। यह एक ऐसी गतिविधि बन गई है, जो न केवल आनंद देती है, बल्कि कई बार गंभीर हादसों का कारण भी बनती है। हाल ही में हुए एक अध्ययन ने इस विषय पर चौंकाने वाले तथ्य प्रस्तुत किए हैं, जो इस खतरनाक प्रवृत्ति की गंभीरता को दर्शाते हैं।

सेल्फी से जुड़े खतरों का बढ़ता आंकड़ा

सोशल मीडिया की लोकप्रियता के चलते, लोग परफेक्ट सेल्फी लेने के लिए अक्सर जोखिम उठाते हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, द बार्बर लॉ फर्म द्वारा किए गए अध्ययन में यह पाया गया कि सेल्फी लेने के दौरान हुई दुर्घटनाओं में भारत सबसे आगे है।

2014 से लेकर 2025 तक, इस अध्ययन में सेल्फी से जुड़ी घटनाओं का विस्तृत अध्ययन हुआ है, जिसमें उन सभी मामलों को शामिल किया गया है, जहां सेल्फी लेते समय चोट या मृत्यु हुई। यह आंकड़े न केवल चौंकाने वाले हैं, बल्कि सोचने पर मजबूर करने वाले भी हैं।

भारत में सेल्फी से होने वाली मौतों की संख्या

इस अध्ययन के परिणामों के अनुसार, भारत में सेल्फी के कारण 271 हादसे सामने आए हैं, जिनमें से 214 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह आंकड़ा पूरी दुनिया में सेल्फी से जुड़ी घटनाओं का 42.1% है, जो इसे सबसे खतरनाक देश बनाता है।

  • भारत: 271 मामले
  • अमेरिका: 45 मामले
  • रूस: 19 मामले
  • पाकिस्तान: 16 मामले
  • ऑस्ट्रेलिया: 15 मामले
  • इंडोनेशिया: 14 मामले
  • केन्या: 13 मामले
  • इंग्लैंड: 13 मामले
  • स्पेन: 13 मामले
  • ब्राजील: 13 मामले

अमेरिका और रूस में भी सेल्फी से संबंधित घटनाएं हुई हैं, लेकिन उनकी संख्या भारत की तुलना में काफी कम है। अमेरिका में कुल 45 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 37 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह, रूस में 19 मामलों में 18 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

सेल्फी लेते समय जान गंवाने के कारण

अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि गिरने की घटनाएं सेल्फी से जुड़े हादसों का सबसे आम कारण हैं। ये घटनाएं आमतौर पर ऊंचाई से गिरने, चट्टानों पर चढ़ने, या खतरनाक स्थानों पर पहुंचने के कारण होती हैं।

  • गिरना: 46% मामलों का कारण
  • खतरनाक स्थानों पर पहुंचना
  • सामाजिक मीडिया पर प्रसिद्धि पाने की चाह
  • अवसादित स्थानों पर फोटो लेना

इस प्रकार के हादसों में, ऊंचाई से गिरने वाली घटनाएं सबसे ज़्यादा जानलेवा होती हैं। उदाहरण के तौर पर, लोग जब छतों या चट्टानों पर सेल्फी लेते हैं तो अक्सर असंतुलित हो जाते हैं और गिर जाते हैं।

सोशल मीडिया का प्रभाव

क्रिस बार्बर, द बार्बर लॉ फ़र्म के संस्थापक, इस समस्या के पीछे के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं कि सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रहने की चाहत कभी-कभी जानलेवा साबित होती है। एक शानदार तस्वीर के लिए जोखिम उठाना उचित नहीं है।

इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे प्लेटफार्मों की बढ़ती लोकप्रियता ने इस प्रवृत्ति को और भी तेज कर दिया है। इस दबाव के कारण, लोग ऐसी साहसी सेल्फी लेने का प्रयास करते हैं, जो कभी-कभी उनके जीवन के लिए खतरा बन जाती है।

हाल ही में, भारत में एक पर्यटक ने हाथी के साथ सेल्फी लेने का प्रयास किया और इसके परिणामस्वरूप उसे गंभीर चोट आई। यह घटना न केवल लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि लोग कितनी दूर जा सकते हैं केवल एक तस्वीर के लिए।

क्या जोखिम के बिना भी सुंदर सेल्फी ली जा सकती है?

बार्बर यह सुझाव देते हैं कि बिना जोखिम उठाए भी खूबसूरत पलों को कैद करने के कई सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं। सेल्फी लेने के लिए खतरा मोल लेना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है, और इसे समझना आवश्यक है।

अंत में, यह महत्वपूर्ण है कि लोग अपने जीवन को प्राथमिकता दें और सुरक्षा को हमेशा पहले रखें। एक अद्भुत तस्वीर के लिए अपनी जान को खतरे में डालना न केवल बेवकूफी है, बल्कि यह एक गंभीर समस्या भी है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

यदि आप इस विषय पर और जानना चाहते हैं, तो आप इस वीडियो को देख सकते हैं, जिसमें सेल्फी से जुड़ी खतरनाक प्रवृत्तियों के बारे में चर्चा की गई है:

इस अध्ययन ने हमें यह समझने में मदद की है कि सेल्फी लेने की प्रवृत्ति कितनी खतरनाक हो सकती है। इसके लिए जागरूकता और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।

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