राजनीति की दुनिया में, जब बात सुरक्षा और संघर्ष की होती है, तो कुछ आवाजें हमेशा दूसरों से उठ कर सुनाई देती हैं। विधायक पूजा पाल की आवाज़, जो अपने पति की हत्या के बाद उठी, एक ऐसी ही आवाज़ है। उनकी हालिया टिप्पणियों ने समाजवादी पार्टी (सपा) की नीतियों और गुंडागर्दी के खिलाफ एक बार फिर बहस को जन्म दिया है।
यूपी की चायल विधानसभा क्षेत्र से विधायक पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सपा के पोषित माफिया और गुंडों से उनकी जान को खतरा है। अपने पति राजू पाल की हत्या के दर्द को याद करते हुए पूजा पाल ने एक पत्र के माध्यम से अखिलेश यादव को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सपा की अपराधियों को संरक्षण देने की नीति और सपा से खुद के निष्कासन को लेकर तीखा हमला बोला।
सुरक्षा के मुद्दे पर चिंताएं
यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें पूजा ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर आशंका जताई और कहा कि "जब मेरे पति की हत्या हुई उस समय राज्य में समाजवादी पार्टी की ही सरकार थी, इसलिये मुझे भय है कि समाजवादी पार्टी के पोषित माफिया गुंडे मेरी हत्या करा सकते हैं।"
राजू पाल की हत्या के समय का संदर्भ देते हुए, पूजा ने कहा कि उस घटना के दौरान प्रयागराज के मुख्य मार्गों पर एके-47 से घंटों फायरिंग कर आतंक फैलाया गया था।
- राजू पाल की हत्या 2005 में हुई थी।
- उस समय सपा की सरकार थी।
- पूजा ने माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को अपने खिलाफ चुनाव में खड़ा करने का आरोप लगाया।
- उन्होंने जनता और पाल समाज का आभार जताया, जिन्होंने सपा के अपराधी प्रत्याशियों को हराया।
न्याय की चाहत
मुझे मंत्री पद नहीं, न्याय चाहिए था
अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके बयान का जिक्र करते हुए, जिसमें उन्होंने कहा था कि सपा ने पूजा को टिकट देकर विधायक बनाया, लेकिन भाजपा ने उनका विरोध किया। इस पर पूजा ने स्पष्ट किया कि उनकी कोई महत्वाकांक्षा मंत्री बनने की नहीं थी। बकौल पूजा पाल- "मेरा उद्देश्य पति के हत्यारों को सजा दिलाना था। योगी सरकार ने मुझे न्याय दिया और हत्यारों को मिट्टी में मिला दिया।"
उन्होंने आरोप लगाया कि सपा आज भी अपराधियों को दूध पिलाकर पाप कर रही है, जिसे आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी।
सपा से निष्कासन का कारण
पूजा पाल ने अपने निष्कासन के कारण को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि समाज में यह भ्रम है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के कारण उन्हें सपा से निकाला गया। यह गलत है। उनका निष्कासन तब हुआ, जब उन्होंने सदन में माफिया अतीक अहमद का नाम लिया। सपा अपराधियों की बुराई बर्दाश्त नहीं कर सकी।
उन्होंने दावा किया कि इस कदम से अतीक अहमद के परिवार का मनोबल बढ़ा है, जिसमें अभी भी दर्जनों अपराधी मौजूद हैं। हालाँकि, मौजूदा योगी सरकार के दबाव में वे चुप हो सकते हैं, लेकिन सपा के इस कदम से उनकी हिम्मत बढ़ी है, जिससे मुझे अपनी जान का खतरा है।
सपा की नीतियों पर सवाल
पूजा पाल ने सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश इसका अर्थ बार-बार बदलते हैं। "मैं एक छोटी, अभागी, बेसहारा पाल समाज की बेटी हूं। आप राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हैं, फिर भी पीडीए पर स्थिर नहीं रह पाते।"
उन्होंने सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि वे भी जांच की मांग करती हैं। "मुझे गृह मंत्री पर अटूट विश्वास है। इसकी जांच होनी चाहिए।"
अपराध का इतिहास और वर्तमान स्थिति
अखिलेश के उस बयान पर कि मुख्यमंत्री से मिलने के बाद पूजा को खतरा कैसे बढ़ गया, पूजा ने इस पर पलटवार किया और कहा- "मेरे पति की हत्या सपा शासन में हुई थी। तब से आज तक किसी भी सरकार में ऐसा अपराध नहीं हुआ। मुझे डर है कि सपा के पोषित माफिया मेरी हत्या करा सकते हैं।"
पूजा ने सपा पर अपराधियों के प्रति प्रेम का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा माफिया का नाम लेने पर पूरी पार्टी उनके पीछे पड़ गई।
अतिपिछड़ों का अपमान सपा का इतिहास
पूजा पाल ने अखिलेश के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा कि सपा से असहमत विधायकों को भाजपा मंत्री बनाए। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि सपा की सरकार में कितने अतिपिछड़ों को मंत्री बनाया गया? "आपने केवल अपने समाज और मुस्लिम समाज को प्राथमिकता दी। अतिपिछड़ों को जूठन जैसा सम्मान मिला। यह इतिहास गवाह है कि सपा अतिपिछड़ों की नहीं हो सकती।"
दृढ़ता और संघर्ष की कहानी
मुझे मिटाना आसान नहीं
पूजा पाल ने दृढ़ता से कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी या इसके नेताओं से कोई खतरा नहीं है। "मैंने खतरों से जूझते हुए जीवन जिया है। मेरे साथ मेरे क्षेत्र की जनता और उत्तर प्रदेश का अतिपिछड़ा पाल समाज चट्टान की तरह खड़ा है। मुझे मिटाना सपा के लिए आसान नहीं होगा।"
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की नीतियां सामाजिक एकता के लिए घातक है।
इस मुद्दे पर और जानने के लिए, यहाँ एक वीडियो है जो पूजा पाल के समर्पण और संघर्ष को दर्शाता है: