संसद और विधानसभाएं लोकतंत्र का इंजन हैं अमित शाह ने कहा

सूची
  1. संविधानिक संस्थाओं का महत्व
  2. संविधान का पालन और कार्यवाही की गरिमा
  3. भावनाओं और सार्थक चर्चाओं का अभाव
  4. संसदीय नियमों का उचित उपयोग
  5. लाइब्रेरी के महत्व पर प्रकाश
  6. लोकतंत्र का इंजन: विधानसभाएं और संसद

समाज का आधार और लोकतंत्र का स्तंभ, संसद और विधानसभाएं केवल भौतिक संरचनाएं नहीं हैं। ये हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने के जीवंत अंग हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस में इस महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य को उजागर किया। आइए, उनकी बातों के माध्यम से समझते हैं कि कैसे ये संस्थाएं हमारे समाज की दिशा निर्धारित करती हैं और उनके महत्व को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाने की आवश्यकता है।

संविधानिक संस्थाओं का महत्व

गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि संसद और विधानसभाएं लोकतंत्र की असली ताकत हैं। वे केवल इमारतें नहीं, बल्कि विचारों और नीतियों के निर्माण का स्थान हैं। जब सदनों में रचनात्मक चर्चा होती है, तभी देश का भविष्य निर्धारित होता है।

शाह ने कहा कि देशभर के स्पीकरों को एक मंच पर लाना, लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल संवाद को बढ़ावा देता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि सभी सदस्यों के विचारों को सुना जाए।

संविधान का पालन और कार्यवाही की गरिमा

अमित शाह ने सदन की कार्यवाही में स्पीकर के पद की गरिमा और सम्मान को बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे सदन के नियमों का पालन करें। यदि कोई सदस्य राजनीतिक लाभ के लिए सत्र को बाधित करता है, तो यह लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।

  • सदन की गरिमा को बनाए रखना आवश्यक है।
  • सभी सदस्यों को संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
  • सदन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए।

भावनाओं और सार्थक चर्चाओं का अभाव

गृह मंत्री ने यह भी बताया कि यदि संसद और विधानसभा में भावनाओं और सार्थक चर्चाओं का अभाव हो जाए, तो ये केवल बेमायने इमारतें बनकर रह जाएंगी। राजनीतिक लाभ के लिए सदन की कार्यवाही को बाधित करना देशहित के खिलाफ है।

उन्होंने यह भी कहा कि सकारात्मक बहस और कानून निर्माण से ही देश की दिशा और भविष्य तय होता है। इस प्रकार, स्वस्थ परंपराओं और विवेकपूर्ण चर्चाओं की आवश्यकता है।

संसदीय नियमों का उचित उपयोग

अमित शाह ने संसदीय नियमों के बेहतर इस्तेमाल पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रश्नोत्तर, विशेष चर्चा, विश्वास प्रस्ताव और बजट बहस जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों का पूरा उपयोग होना चाहिए। इसके लिए विधानसभा सचिवालय को विधायकों की सहायता करनी चाहिए।

लाइब्रेरी के महत्व पर प्रकाश

गृह मंत्री ने विधानसभा और संसद की लाइब्रेरी के महत्व पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ये लाइब्रेरी विधायकों और सांसदों के लिए अध्ययन और शोध का केंद्र बननी चाहिए। हालांकि, वर्तमान में इनका उपयोग कम हो रहा है, जो चिंता का विषय है।

  • लाइब्रेरी का उपयोग विधायकों के लिए ज्ञान के विस्तार का माध्यम होना चाहिए।
  • संसदीय कार्यों के दौरान सूचना एकत्र करने में मदद करनी चाहिए।
  • उपयोगिता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक का समावेश आवश्यक है।

लोकतंत्र का इंजन: विधानसभाएं और संसद

अमित शाह ने विधानसभाओं और संसद को लोकतंत्र का इंजन बताते हुए कहा कि जब सदनों में सकारात्मक बहस होती है, तो यह न केवल विधायिका की ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह देश की सामाजिक और आर्थिक दिशा को भी निर्धारित करता है।

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष को धन्यवाद देते हुए, उन्होंने कहा कि ऐसा मंच प्रदान करके, जो सभी स्पीकर्स को एकत्र करता है, लोकतांत्रिक परंपरा को और मजबूत किया जा रहा है।

इस संदर्भ में, यह महत्वपूर्ण है कि सभी सदन इस बात को समझें कि समर्पण और मेहनत ही स्वस्थ लोकतंत्र की कुंजी हैं। केवल तभी हम एक सशक्त और प्रगतिशील समाज का निर्माण कर सकते हैं।

अंततः, यह स्पष्ट है कि संसद और विधानसभा जैसे राजनीतिक संस्थानों का सही उपयोग और उनका सम्मान, लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। हमें एकजुट होकर इन्हें सशक्त बनाना होगा ताकि हम एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।

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