लखनऊ में एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए लोग उत्सुक थे जब शुभांशु शुक्ला, भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री, अपनी पत्नी और बेटे के साथ लौटे। इस स्वागत ने न केवल लखनऊ बल्कि पूरे देश में गर्व का अनुभव कराया। आइए जानते हैं कि इस घटना के पीछे क्या-क्या बातें हैं और शुभांशु की यात्रा का महत्व क्या है।
भव्य स्वागत का आयोजन
आज सुबह लखनऊ एयरपोर्ट पर शुभांशु शुक्ला का स्वागत एक भव्य समारोह में हुआ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, स्थानीय अधिकारियों और हजारों नागरिकों ने मिलकर तिरंगे और फूल-मालाओं के साथ उनका स्वागत किया। इस अवसर पर बैंड की धुनें गूंज रही थीं, जिससे माहौल और भी उत्साहपूर्ण बन गया।
शुभांशु की वापसी का यह समारोह न केवल उनकी यात्रा का प्रदर्शन था, बल्कि यह उनकी उपलब्धियों का सम्मान भी था। उन्हें सुरक्षा कारणों से अपने घर जाने की अनुमति नहीं दी गई, और यह दौरा विशेष रूप से विक्ट्री परेड तक सीमित रहेगा।
विक्ट्री परेड का महत्व
शुभांशु शुक्ला विक्ट्री परेड में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। इस परेड में उन्हें एक विशेष कार में सवार किया जाएगा, जबकि उनके परिवार के लिए एक ओपन जीप की व्यवस्था की गई है। यह परेड न केवल उनके सम्मान में है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का एक प्रयास भी है।
- शुभांशु की वापसी को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह है।
- परेड में स्कूली बच्चे भी शामिल होंगे, जो एस्ट्रोनॉट बने हैं।
- पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का काफिला इस भव्य आयोजन का हिस्सा होगा।
शुभांशु का उत्साह
परेड में शामिल होने से पहले, शुभांशु ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मैं बहुत उत्साहित हूं।" यह आयोजन उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए किया जा रहा है। हालांकि, सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने उन्हें उनके घर जाने की अनुमति नहीं दी। यह फैसला उनके और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपेक्षित मुलाकात
सम्मान समारोह के बाद, शुभांशु दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसके बाद, उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की संभावना है। यह मुलाकात उनके मिशन के दौरान किए गए कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
मिशन एक्सिओम-4 और उसके अनुभव
शुभांशु शुक्ला को एक्सिओम-4 मिशन के लिए प्राइम एस्ट्रोनॉट के रूप में चुना गया था, जो नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस के सहयोग से 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। इस मिशन में, शुभांशु ने मिशन पायलट के रूप में कार्य किया और कमांडर पैगी व्हिटसन के नेतृत्व में अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गए।
इस मिशन के दौरान, उन्होंने 18 दिन तक कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए, जिनमें शामिल हैं:
- माइक्रोएल्गी के प्रयोग
- मूंग और मेथी के अंकुरण का अध्ययन
- सूक्ष्मजीवों का अध्ययन
- मानव मांसपेशियों पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का अध्ययन
पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में उनकी यात्रा
शुभांशु शुक्ला, लखनऊ में जन्मे, ISS की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने। उन्होंने अपने अनुभव को अविस्मरणीय बताया और इसे भारतीय विज्ञान और तकनीक के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना। उनकी यात्रा ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से बल्कि पूरे देश को गर्वित किया।
इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए लोग उत्सुक थे और उनका स्वागत करने के लिए तैयार थे। शुभांशु की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाती है कि भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमता क्या कर सकती है। उनकी उपलब्धियों ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे देश को गर्वित किया है।
इस स्वागत समारोह का एक वीडियो भी है, जो इस ऐतिहासिक घटना को दर्शाता है:
शुभांशु शुक्ला की यात्रा और उनके द्वारा किए गए कार्य न केवल भारत के लिए गर्व का विषय हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी हैं।



