रांची के क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलने की मांग एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बन गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने इस संदर्भ में एक नई पहल शुरू की है, जो न केवल खेल की दुनिया में बल्कि राजनीतिक पहचान में भी एक नया आयाम जोड़ने की कोशिश कर रही है।
हाल ही में, JMM ने यह मांग की है कि रांची स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नाम पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के नाम पर रखा जाए। यह मांग एक बयान के माध्यम से पार्टी के प्रवक्ता कुनाल सारंगी ने उठाई, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि जैसे अहमदाबाद के क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया है, वैसे ही रांची के JSCA स्टेडियम को भी शिबू सोरेन के नाम से जोड़ा जाना चाहिए।
शिबू सोरेन का योगदान
कुनाल सारंगी ने कहा कि शिबू सोरेन का योगदान केवल झारखंड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनका प्रभाव देश के विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
- शिवू सोरेन ने आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
- उन्होंने झारखंड राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सोरेन का सामाजिक न्याय के लिए दृष्टिकोण प्रेरणादायक रहा है।
- वे विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय रहे, जो कि झारखंड की पहचान को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण थे।
क्रिकेट और झारखंड की पहचान
क्रिकेट झारखंड की पहचान से गहराई से जुड़ा खेल है। महेंद्र सिंह धोनी जैसे महान खिलाड़ियों के कारण राज्य को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। इस संदर्भ में, कुनाल सारंगी ने कहा कि शिबू सोरेन को भी वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि स्टेडियम का नाम बदलने से न केवल शिबू सोरेन की विरासत को सम्मान मिलेगा, बल्कि यह झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करेगा।
समर्थन और हस्ताक्षर अभियान
JMM प्रवक्ता ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग के लिए चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। यह अभियान उनके योगदान को मान्यता देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
झारखंड राज्य क्रिकेट संघ की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता अजय नाथ शाह देव से संपर्क नहीं हो सका। इस स्थिति ने सवाल उठाया है कि क्या इस मांग का समर्थन हासिल किया जा सकेगा।
शिबू सोरेन का निधन
आदिवासी नेता शिबू सोरेन का 4 अगस्त को दिल्ली के एक अस्पताल में 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके पुत्र हेमंत सोरेन इस समय झारखंड के मुख्यमंत्री हैं और उनका नेतृत्व इस मांग को और अधिक मजबूती प्रदान कर सकता है।
इस संदर्भ में, यह भी महत्वपूर्ण है कि राज्य के युवा और खेल प्रेमी इस नामकरण के पीछे की भावना को समझें। क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलने की इस पहल में झारखंड के लोगों की एकजुटता और समर्थन का प्रतीक भी है।
इस मुद्दे पर और अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो को देख सकते हैं, जो इस विषय पर गहराई से चर्चा करता है:
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
इस मांग के राजनीतिक महत्व को समझना भी आवश्यक है। शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया था और उनकी विरासत को सम्मानित करना आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ी बात है।
आने वाले समय में, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य राजनीतिक दल इस मांग का समर्थन करते हैं या नहीं।
झारखंड के अन्य प्रमुख स्टेडियम
झारखंड में अन्य प्रमुख स्टेडियमों की भी बात करें, तो यह देखना महत्वपूर्ण है कि उनका नामकरण किस प्रकार से किया गया है। जैसे:
- धनबाद क्रिकेट स्टेडियम
- जामताड़ा क्रिकेट स्टेडियम
- रामगढ़ क्रिकेट स्टेडियम
इन स्टेडियमों का विकास भी झारखंड की क्रिकेट संस्कृति को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।