भारत के किसानों, मछुआरों और पशुपालकों का योगदान न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए जीवनदायिनी भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की। उनकी बातें न केवल प्रेरणादायक थीं, बल्कि इस क्षेत्र में वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करती हैं।
किसानों की मेहनत का फल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि देश में किसानों की मेहनत रंग ला रही है। उन्होंने बताया कि भारत में उत्तम और उन्नत खाद, पानी और बीजों की उपलब्धता बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप, भारत अब सब्जियों और मछलियों के उत्पादन में दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
किसानों को दिया गया आत्मविश्वास
पीएम मोदी ने देश के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया, जिनका लाभ छोटे किसानों, मछुआरों और पशुपालकों तक पहुंचाया जा रहा है। इनमें शामिल हैं:
- पीएम किसान सम्मान निधि
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग
- सिंचाई योजनाएं
- उन्नत गुणवत्ता वाले बीज
इस प्रकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को फसल बीमा का भरोसा मिला है। इसके साथ ही, पशुधन के लिए 125 करोड़ डोज़ खुरपका-मुंह पका जैसी बीमारियों से बचाव के लिए लगाए गए हैं।
अनाज उत्पादन में ऐतिहासिक उपलब्धियां
प्रधानमंत्री ने अनाज उत्पादन में भारत की उपलब्धियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान गेहूं, चावल, फल और सब्जियों के उत्पादन में विश्व स्तर पर शीर्ष पर पहुंच गए हैं। पिछले वर्ष ने अनाज के उत्पादन में सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, जो कि किसानों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।
दूध, दाल और जूट के उत्पादन में नंबर 1
मोदी ने पिछली सरकारों की नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि हाल के वर्षों में, किसानों को बेहतर व्यवस्थाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। आज, भारत दूध, दाल और जूट के उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर है। यह उपलब्धि उस परिवर्तन का परिणाम है जो किसानों को दी गई सुविधाओं के मद्देनजर संभव हो पाई है।
पीएम धन-धान्य कृषि योजना का प्रभाव
प्रधानमंत्री ने 'पीएम धन धन्य कृषि योजना' का भी उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य देश के सौ 'एस्पिरेशन' जिलों के किसानों को सहायता प्रदान करना है। यह योजना जुलाई 2023 में लागू की गई थी और इसका लक्ष्य कृषि संबंधी पिछड़े जिलों में किसानों को सशक्त बनाना है।
क्या है 'पीएम धन-धान्य कृषि योजना'?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) का उद्देश्य भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इसे 16 जुलाई 2025 को मंजूरी दी गई। इस योजना के द्वारा 100 कृषि जिलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो उत्पादन, फसल विविधता और ऋण वितरण में कमजोर हैं।
यह योजना कृषि के विभिन्न क्षेत्रों को भी ध्यान में रखती है, जैसे:
- फलों की खेती
- मछली पालन
- मधुमक्खी पालन
- पशुपालन
- एग्रोफॉरेस्ट्री
कृषि में तकनीकी नवाचार
कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों का महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। आधुनिक कृषि तकनीकों के उपयोग से उत्पादन क्षमता में वृद्धि और लागत में कमी लाई जा सकती है। इनमें शामिल हैं:
- स्मार्ट कृषि उपकरण
- ड्रोन तकनीक
- सटीक कृषि
- जल प्रबंधन के लिए नई तकनीकें
इन नवाचारों से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानों की लाभप्रदता भी सुनिश्चित होगी।
किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का महत्व
सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का विकास किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया गया है। इसके तहत, किसानों को:
- सुविधाजनक ऋण
- कृषि बीमा
- मंडी में उचित मूल्य
इन योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि और उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।
इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जो उनकी मेहनत और समर्पण का मान बढ़ाती हैं। यदि आप पीएम मोदी के भाषण को सुनना चाहते हैं, तो यहाँ देखें:
किसानों की सफलता की कहानियाँ न केवल प्रेरणा देती हैं, बल्कि यह दर्शाती हैं कि जब सही नीतियाँ और समर्थन मिलता है, तो परिणाम अद्भुत होते हैं। भारत की कृषि में यह नया युग निश्चित ही किसानों के भविष्य को उज्ज्वल बनाएगा।



