बेटियों के पार्लर से पैसे चुराने वाले दामाद की कहानी

सूची
  1. दहेज का दबाव और उसकी सीमाएं
  2. आर्थिक आत्मनिर्भरता की कोशिश
  3. निक्की की आखिरी रात
  4. बच्चे का दर्दनाक बयान
  5. सरकार की जिम्मेदारी
  6. परिवार की गवाही
  7. पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
  8. अंतिम संस्कार के बाद का परिवार का दर्द

निक्की भाटी की मौत ने पूरे समाज को झकझोर दिया है। एक पिता के रूप में भिखारी सिंह का दर्द बेशुमार है, क्योंकि उन्होंने अपनी बेटियों की शादी में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। यह कहानी केवल एक परिवार की नहीं है, बल्कि उन सभी समाजों की है जो दहेज की कुप्रथा और घरेलू हिंसा का शिकार हैं। इस घटना ने हमें याद दिलाया है कि हमें इस प्रकार की समस्याओं के खिलाफ खड़ा होना होगा।

दहेज का दबाव और उसकी सीमाएं

भिखारी सिंह ने अपनी बेटी की शादी में स्कॉर्पियो, बुलेट मोटरसाइकिल और सोने-चांदी के गहने दिए, लेकिन दामादों की लालच की कोई सीमा नहीं थी। यह सिर्फ एक दहेज की मांग नहीं थी, बल्कि एक निरंतर दबाव था। दामाद विपिन और उसके परिवार ने लाखों रुपये की मांग की, जो कि भिखारी सिंह के लिए अत्यधिक था।

  • 36 लाख रुपये की मांग की गई।
  • कई बार पंचायत बुलाई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
  • दामादों ने मर्सिडीज की मांग भी की।

आर्थिक आत्मनिर्भरता की कोशिश

भिखारी सिंह ने निक्की को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक ब्यूटी पार्लर खोला। यह उनकी उम्मीद थी कि इससे उनकी बेटी की जिंदगी में सुधार होगा। लेकिन दामाद विपिन ने उस पार्लर से पैसे चुराना शुरू कर दिया। यह न केवल दहेज की मांग का एक हिस्सा था, बल्कि घरेलू हिंसा का भी एक गंभीर उदाहरण था।

  • दामाद कोई काम नहीं करते थे।
  • पैसों की मांग करना उनकी आदत बन गई थी।
  • बेटियों पर दबाव डालना एक सामान्य व्यवहार था।

निक्की की आखिरी रात

21 तारीख की रात, निक्की के जीवन का अंत हो गया। उसके परिवार वालों के अनुसार, उस रात विपिन और ससुराल वालों ने निक्की के साथ बुरी तरह से मारपीट की। उसकी बड़ी बहन कंचन ने बताया कि निक्की को पहले पीटा गया और फिर उसके गले पर हमला किया गया। यह बेहद दुखद है कि जब निक्की पर ज्वलनशील पदार्थ डाला गया, तब उसके परिवार ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन वह समय पर अस्पताल नहीं पहुँच सकी।

बच्चे का दर्दनाक बयान

निक्की के बेटे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहा है कि उसके पापा ने मम्मी को जलाकर मारा। यह बयान न केवल दिल को छू लेने वाला है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है।

सरकार की जिम्मेदारी

भिखारी सिंह ने सरकार से मांग की कि उस घर को बुलडोज़ किया जाए जहां उनकी बेटी को जलाया गया। उन्होंने कहा, “अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम भूख हड़ताल करेंगे।” यह एक पिता की पुकार है, जो अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहा है।

परिवार की गवाही

कंचन ने कहा कि वह घटना के समय मौके पर मौजूद थी। उसने अपनी बहन को जलते हुए देखा और उसका बेटा भी वहीं था। यह घटनाएँ न केवल परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतना का विषय बन गई हैं। लोग सोशल मीडिया पर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

इस हृदयविदारक घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। पति विपिन, सास दया, ससुर सतवीर और जेठ रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया। ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि 21 तारीख की रात फोर्टिस अस्पताल से सूचना मिली थी कि एक महिला को जली हालत में भर्ती कराया गया है।

अंतिम संस्कार के बाद का परिवार का दर्द

निक्की का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया। परिवार ने भारी मन से अंतिम संस्कार किया। भिखारी सिंह का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटियों की खुशियों के लिए सब कुछ किया, लेकिन उन्हें केवल उनकी बेटी की लाश मिली।

इस घटना ने न केवल भिखारी सिंह के परिवार को तोड़ा, बल्कि समाज की उस मानसिकता को भी उजागर किया जो दहेज और घरेलू हिंसा को बढ़ावा देती है। यह समय है जब हम सभी को इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा।

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