सोशल मीडिया के दौर में, जहां हर दिन नई खबरें और वीडियो वायरल होते हैं, फैक्ट चेकिंग की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। हाल ही में एक वीडियो ने लोगों का ध्यान खींचा, जिसमें एक एंबुलेंस को एक विशाल जनसैलाब के बीच से गुज़रने का रास्ता दिया जा रहा है। यह वीडियो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की बिहार यात्रा से संबंधित बताया गया, लेकिन क्या यह सच है? आइए, इस वायरल वीडियो की गहराई में उतरते हैं और सही तथ्यों को उजागर करते हैं।
बिहार यात्रा का जनसैलाब
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने 24 अगस्त को बिहार के पूर्णिया में बुलेट की सवारी की, जहां भारी भीड़ देखने को मिली। इस यात्रा में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव भी शामिल हुए। आने वाले दिनों में, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी इस अभियान में भाग लेने वाले हैं।
इस यात्रा का उद्देश्य वोटरों के अधिकारों को जागरूक करना और चुनावी प्रक्रिया में उनके महत्व को रेखांकित करना है। इस संदर्भ में, यह यात्रा विपक्षी दलों के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म साबित हो रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
इस यात्रा के संदर्भ में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में, भीड़ के बीच से एक एंबुलेंस गुजरती हुई दिखाई दे रही है, और कुछ लोग मानव श्रृंखला बनाकर उसे रास्ता दे रहे हैं। इस वीडियो को देखकर कई लोगों ने इसे बिहार में चल रही वोटर अधिकार यात्रा का हिस्सा बताया।
- आरोप था कि यह एंबुलेंस यात्रा को रोककर गुज़री है।
- कहा गया कि चूंकि यह यात्रा विपक्षी नेताओं की है, मीडिया ने इसे कवर नहीं किया।
- कुछ यूजर्स ने इस घटना को प्रधानमंत्री मोदी के प्रचार से तुलना की।
एक व्यक्ति ने ट्वीट में लिखा, "मोदीजी, यह आपकी तरह किया गया स्क्रिप्ट वीडियो नहीं है।" इस तरह के कमेंट्स ने वीडियो की विश्वसनीयता को और बढ़ा दिया।
फैक्ट चेकिंग का महत्व
आजतक फैक्ट चेक ने इस वीडियो की सच्चाई को जानने के लिए जांच की। उनकी खोज से पता चला कि यह वीडियो बिहार का नहीं, बल्कि ओडिशा के पुरी का है। यह एंबुलेंस को रास्ता देने वाला दृश्य वास्तव में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान का है।
इसकी पुष्टि के लिए, वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया गया, जिससे पता चला कि यह वीडियो 27 जून, 2025 के एएनआई द्वारा साझा किया गया था। इस पोस्ट में स्पष्ट किया गया था कि यह दृश्य ओडिशा के पुरी में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा बनाया गया था।
जगन्नाथ रथ यात्रा का संदर्भ
जगन्नाथ रथ यात्रा एक प्रमुख धार्मिक उत्सव है, जो हर साल पुरी में मनाया जाता है। इस दौरान हजारों श्रद्धालु और पर्यटक इकट्ठा होते हैं। इस वर्ष, यात्रा के दौरान काफी संख्या में लोग उमस और घुटन के कारण बेहोश हो गए थे, जिसके चलते एंबुलेंस बुलानी पड़ी थी।
इस घटना के दौरान, लगभग 1500 भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला बनाकर एंबुलेंस के लिए रास्ता बनाया। यह दर्शाता है कि वे सार्वजनिक सेवा के प्रति कितने समर्पित हैं।
वायरल वीडियो की वास्तविकता
वायरल वीडियो में जो इमारत दिख रही थी, उस पर 'बाजार कोलकाता' लिखा हुआ था। फैक्ट चेक के दौरान, इस इमारत का पता लगाने के लिए गूगल मैप्स का सहारा लिया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह इमारत पुरी के आस-पास स्थित है।
वीडियो के अन्य उदाहरण भी पाए गए, जिसमें एंबुलेंस को उसी रास्ते से गुजरते हुए दिखाया गया है। ये सब तथ्य साबित करते हैं कि वायरल वीडियो बिहार की यात्रा से नहीं, बल्कि ओडिशा की जगन्नाथ रथ यात्रा से संबंधित है।
इस वीडियो की सच्चाई को उजागर करने के लिए कई और स्रोतों से जानकारी इकट्ठा की गई, जिसमें विभिन्न न्यूज चैनल्स और सोशल मीडिया पोस्ट शामिल थे। यह दिखाता है कि कैसे गलत सूचनाएं तेजी से फैल सकती हैं और लोगों को भ्रमित कर सकती हैं।
समाज में फैली गलत सूचनाएं
इस मामले ने यह भी दर्शाया कि कैसे गलत पहचान वाले वीडियो और तस्वीरें राजनीतिक नफरत और विभाजन को बढ़ावा दे सकती हैं। लोगों को इस तरह की खबरों को साझा करने से पहले सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत है।
यह आवश्यक है कि हम सभी जागरूक रहें और सही जानकारी की तलाश करें। सही तथ्यों को जानने के बाद ही किसी भी प्रकार की राय बनानी चाहिए।
यह वीडियो न केवल एक संयोग था, बल्कि यह दिखाता है कि हमारे सामने आने वाले प्रत्येक तथ्य की सत्यता की जांच करना कितना महत्वपूर्ण है।
इस संदर्भ में, एक वीडियो जो कि एक सकारात्मक घटना का प्रतीक हो सकता है, गलत तरीके से राजनीतिक लाभ उठाने का माध्यम बन गया। इस तरह से फैली गलत सूचनाएं समाज में भ्रम और अविश्वास पैदा कर सकती हैं।
इसलिए, हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए और अपने आसपास की खबरों की सच्चाई की जांच करनी चाहिए। सही जानकारी के लिए फैक्ट चेकिंग एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसका उपयोग हमें अपनी राय बनाने में करना चाहिए।