भारत और फिजी के बीच हाल के दिनों में रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका का तीन दिवसीय भारत दौरा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इस दौरान, दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
यह दौरा न केवल दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसे एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएम राबुका ने हैदराबाद हाउस में मुलाकात की, तो यह स्पष्ट हुआ कि दोनों नेता अपने देशों के बीच करीबी संबंधों को और भी गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका का भारत दौरा
फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका रविवार को नई दिल्ली पहुंचे थे। उनके साथ उनकी पत्नी सुलुएती राबुका, स्वास्थ्य और मेडिकल सर्विसेज़ मंत्री राटु एटोनियो लालाबालावु और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। दौरे की शुरुआत में उन्होंने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो दोनों देशों के बीच सम्मान और सहयोग का प्रतीक है।
इस यात्रा के दौरान पीएम राबुका भारतीय परिषद विश्व मामलों (ICWA) में "Ocean of Peace" विषय पर एक महत्वपूर्ण व्याख्यान देने वाले हैं। इसमें क्षेत्रीय स्थिरता, इंडिया-पैसिफिक कोऑर्डिनेशन और समुद्री सहयोग जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा होगी।
भारत-फिजी संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और फिजी के बीच ऐतिहासिक संबंध लंबे समय से चले आ रहे हैं। फिजी में भारतीय समुदाय की उपस्थिति, जो कि वहां की संस्कृति और समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाती है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2014 को फिजी का दौरा किया था, जो कि 33 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली फिजी यात्रा थी। इस दौरे ने भारत-फिजी रिश्तों को नई गति देने का कार्य किया। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 2024 में फिजी का दौरा किया था, जो दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण समर्पण का प्रतीक था।
सामरिक और रक्षा सहयोग पर जोर
भारत और फिजी के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक कार्य योजना की घोषणा की गई है, जिसमें सुरक्षा और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि उनके पिछले दौरे के दौरान ही इंडिया-पैसिफिक फोरम की नींव रखी गई थी, जो क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत और फिजी के बीच समझौतों की सूची
दौरे के दौरान भारत और फिजी के बीच 7 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें शामिल हैं:
- फिजी में सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल: इसके निर्माण और संचालन पर एक समझौता हुआ है।
- जनऔषधि स्कीम: दवाओं की सप्लाई के लिए एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- BIS और DNTMS के बीच कोऑपरेशन: स्टैंडर्डाइजेशन में सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- NIELIT इंडिया और फिजी के Pacific POLYTECH: कौशल विकास के लिए एमओयू।
- क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट: भारतीय ग्रांट असिस्टेंस पर एमओयू।
- माइग्रेशन और मोबिलिटी: डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- भारतीय चांसरी बिल्डिंग: सुवा में स्थित चांसरी का Lease Deed सौंपा गया है।
ये समझौते न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगे, बल्कि विकास और सहयोग के नए अवसर भी प्रदान करेंगे।
भारत और फिजी के लिए भविष्य की संभावनाएं
भारत और फिजी के बीच सहयोग को और भी अधिक गहरा करने के कई अवसर हैं। दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक, और शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर साझा विकास किया जा सकता है।
विशेष रूप से, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, शिक्षा, और तकनीकी सहयोग के क्षेत्रों में व्यापक संभावनाएं हैं। इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जुलाई 2025 में होने वाली 6th फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन भी महत्वपूर्ण होगी, जिसमें स्वास्थ्य, एजुकेशन, ट्रेड, एग्रीकल्चर, और कल्चरल एक्सचेंज जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
भारत और फिजी के बीच की यह यात्रा दोनों देशों के लिए एक नई शुरुआत है, जो न केवल आर्थिक बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
इस दौरे से जुड़ा एक महत्वपूर्ण वीडियो भी देखें, जिसमें पीएम मोदी और पीएम राबुका के साथ हुई बातचीत के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई है:
इस प्रकार, भारत और फिजी के बीच के संबंध महत्वपूर्ण विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होंगे।



