नौसेना को INS उदयगिरी और हिमगिरी सौंपते राजनाथ सिंह

सूची
  1. रक्षा मंत्री का उद्घाटन भाषण
  2. ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत का प्रभावी जवाब
  3. भारत की नीति: सतर्कता के साथ साहस
  4. आईएनएस उदयगिरी और हिमगिरी: नौसेना की नई ताकत
  5. आत्मनिर्भर भारत की मिसाल
  6. नौसेना: राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता की रीढ़
  7. भविष्य की दिशा: सामरिक क्षमता और सहयोग

भारतीय नौसेना की ताकत और आत्मनिर्भरता का एक और प्रतीक बनकर उभरे हैं आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस हिमगिरी। जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन अत्याधुनिक युद्धपोतों का कमीशनिंग समारोह किया, तो उन्होंने न केवल भारत की सैन्य क्षमता को दर्शाया, बल्कि देश की सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्प को भी रेखांकित किया। यह घटना न केवल एक तकनीकी उपलब्धि थी, बल्कि भारत की समुद्री शक्ति को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

रक्षा मंत्री का उद्घाटन भाषण

26 अगस्त 2025 को विशाखापट्टनम में आयोजित एक भव्य समारोह में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस हिमगिरी का कमीशन किया। इन युद्धपोतों का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा स्वदेशी तकनीक से किया गया है।

रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर भारत की सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने उल्लेख किया कि ये युद्धपोत केवल तकनीकी उपलब्धियां नहीं हैं, बल्कि वे एक मजबूत संदेश भी भेजते हैं कि भारत अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में सक्षम है।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत का प्रभावी जवाब

राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकियों का मकसद हमें उकसाना था। लेकिन भारत ने बिना उकसावे में आए, एक प्रभावी और सटीक जवाब दिया।

  • ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया गया।
  • इस ऑपरेशन ने भारतीय नौसेना की त्वरित कार्रवाई को उजागर किया।
  • हमारी सेनाओं ने यह सिद्ध किया कि हम किसी भी स्थिति में जवाब देने के लिए तैयार हैं।

इस घटना ने न केवल भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता को दिखाया, बल्कि यह भी प्रमाणित किया कि हमें अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने में कोई संकोच नहीं है।

भारत की नीति: सतर्कता के साथ साहस

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत की नीति हमेशा से आक्रामकता से दूर रहना रही है। लेकिन जब हमारी सुरक्षा पर खतरा मंडराता है, तब हम निश्चित रूप से जवाब देने में सक्षम हैं।

उन्होंने कहा, "हमने कभी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम पीछे हटेंगे।" यह बयान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

आईएनएस उदयगिरी और हिमगिरी: नौसेना की नई ताकत

आईएनएस उदयगिरी और हिमगिरी को नौसेना के बेड़े में शामिल करना एक महत्वपूर्ण कदम है। ये युद्धपोत न केवल हमारी समुद्री ताकत को बढ़ाते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि हम किसी भी स्थिति में तत्पर हैं।

  • इन युद्धपोतों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलें हैं।
  • बराक-8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें।
  • स्वदेशी रॉकेट और टॉरपीडो लॉन्चर।

राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि ये जहाज समुद्र में जटिल और जोखिम भरे मिशनों में गेम-चेंजर साबित होंगे।

आत्मनिर्भर भारत की मिसाल

रक्षा मंत्री ने इन युद्धपोतों को भारत के स्वदेशी रक्षा निर्माण में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए कहा कि आईएनएस उदयगिरी हमारे वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया 100वां जहाज है।

उन्होंने बताया कि इनमें 75% से ज्यादा पुर्जे भारतीय निर्माताओं और MSME से लिए गए हैं। यह न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।

नौसेना: राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता की रीढ़

भारतीय नौसेना को राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि यह न केवल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती है।

हमारी ऊर्जा जरूरतें समुद्री मार्गों की सुरक्षा पर निर्भर हैं। इसलिए, नौसेना केवल गश्त नहीं करती, बल्कि हमारी राष्ट्रीय आर्थिक सुरक्षा का आधार भी है।

भविष्य की दिशा: सामरिक क्षमता और सहयोग

यह कमीशनिंग समारोह न केवल भारतीय नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि यह हिंद महासागर क्षेत्र में सामरिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।

  • इन युद्धपोतों की तैनाती से भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा को मजबूती मिलेगी।
  • यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • भारतीय नौसेना अब और भी अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकेगी।

राजनाथ सिंह के इस भाषण और समारोह ने न केवल भारतीय नौसेना की ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि भविष्य की दिशा को भी स्पष्ट किया।

यहां एक वीडियो है जो इस समारोह की और भी विस्तृत जानकारी देता है:

आईएनएस उदयगिरी और हिमगिरी की कमीशनिंग न केवल भारत की सैन्य क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह देश के आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमों को भी दिखाती है। यह भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही है, जहां भारत न केवल अपने लिए, बल्कि अपने सहयोगियों के लिए भी एक सुरक्षा गारंटर बन सकता है।

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