दिल्ली मॉनसून 2023: अगस्त में रिकॉर्ड बारिश का डेटा

सूची
  1. दिल्ली में अगस्त 2025 की बारिश: एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड
  2. दिल्ली में मॉनसून का समग्र प्रदर्शन
  3. जुलाई से अगस्त की बारिश का प्रभाव
  4. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में बदलाव
  5. दिल्ली में मानसून की अपेक्षाएँ और पूर्वानुमान
  6. दिल्ली में बारिश के कारण और प्रभाव

दिल्ली की मॉनसून डायरी इस वर्ष एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। पिछले कुछ वर्षों में बारिश के पैटर्न में बदलाव ने न केवल मौसम विज्ञानियों को बल्कि सामान्य नागरिकों को भी प्रभावित किया है। विशेष रूप से, अगस्त 2025 में हुई बारिश ने ये साबित कर दिया कि जलवायु परिवर्तन के संकेतों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। आइए, इस वर्ष के मॉनसून के आंकड़ों और उनके प्रभावों पर गहराई से नज़र डालते हैं।

दिल्ली में अगस्त 2025 की बारिश: एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड

इस साल, अगस्त का महीना दिल्ली में बारिश के लिए एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बन गया। इस माह में कुल 311.8 मिमी बारिश हुई, जो पिछले साल के 390.3 मिमी से थोड़ी कम है। हालाँकि, यह पिछले एक दशक में सबसे अधिक बारिश में से एक है। इस दौरान, 11 दिनों में लगातार बारिश ने शहर की जलवायु को बदलकर रख दिया।

मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 2018 से 2021 के बीच अगस्त की बारिश सामान्य पैटर्न में रही। लेकिन 2022 और 2023 में बारिश की कमी ने स्थिति को गंभीर बना दिया। 2022 में केवल 41.6 मिमी और 2023 में 91.8 मिमी बारिश हुई। हालाँकि, 2024 और 2025 में बारिश ने सभी पूर्वानुमानों को चुनौती दी।

दिल्ली में मॉनसून का समग्र प्रदर्शन

इस वर्ष, दिल्ली में वार्षिक बारिश का आंकड़ा सामान्य से 36% अधिक रहा है। कुल 553.8 मिमी बारिश हुई है, जो निश्चित रूप से एक सकारात्मक संकेत है। इस साल की बारिश में बेमौसम नजर आने के बावजूद, दिल्ली ने लद्दाख और राजस्थान के बाद तीसरे स्थान पर रही।

  • 11 जून तक बारिश का स्तर सामान्य से 56% कम था।
  • 18 जून तक यह 12% सरप्लस में बदल गया।
  • 25 जून को फिर से 28% घाटा देखने को मिला।

जुलाई में भी बारिश का स्तर अपेक्षाकृत कम रहा। हालाँकि, जुलाई के अंत में बारिश ने अचानक वापसी की, जिससे स्थिति में सुधार हुआ।

जुलाई से अगस्त की बारिश का प्रभाव

जुलाई के अंत में बारिश का स्तर 13% सरप्लस में बदल गया। अगस्त की शुरुआत में स्थिति बेहतर हो गई, और लगभग 35% तक पहुँच गई। यह वृद्धि दिल्ली में पिछले कुछ सालों की सूखी स्थिति के बाद एक सुखद बदलाव है।

कुल मिलाकर, अगस्त के पहले दो हफ्तों में हुई बारिश ने जून और जुलाई की कमी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया। यह बदलाव दिल्ली को एक दशक से अधिक समय के सबसे बारिश भरे मॉनसून में बदलने में सफल रहा।

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में बदलाव

आम तौर पर, अधिक बारिश का मतलब साफ हवा होता है, लेकिन इस वर्ष का AQI कुछ अलग कहानी बयां करता है। उदाहरण के लिए, 2020 में जब अगस्त में 237 मिमी बारिश हुई, तब AQI 64 पर गिर गया था, जो कि हाल के सालों में सबसे अच्छी स्थिति थी।

हालांकि, 2024 में जब 390.3 मिमी बारिश हुई, तब AQI 72 पर आ गया। लेकिन सूखे सालों में AQI का स्तर बदतर रहा। 2022 में, जब बारिश केवल 41.6 मिमी हुई, AQI 90 से 116 के बीच रहा। इसी तरह, 2023 में भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।

  • 2020: 237 मिमी बारिश, AQI 64
  • 2024: 390.3 मिमी बारिश, AQI 72
  • 2022: 41.6 मिमी बारिश, AQI 90-116
  • 2023: 91.8 मिमी बारिश, AQI 90-116

इस वर्ष, अगस्त में AQI लगभग 91 रहा। यह सूखे सालों से बेहतर है, लेकिन गीले सालों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है। इसलिए, यह स्पष्ट है कि बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए, लेकिन हवा की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ।

दिल्ली में मानसून की अपेक्षाएँ और पूर्वानुमान

दिल्ली में मानसून की शुरुआत आमतौर पर जून के मध्य में होती है, लेकिन कई कारक इस समय सीमा को प्रभावित कर सकते हैं। मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून की बारिश का पैटर्न बदलता रहता है, जिसमें जलवायु परिवर्तन का महत्वपूर्ण योगदान है।

2025 में, मानसून की शुरुआत में कुछ अस्थिरता देखने को मिली थी, लेकिन अगस्त में हुई भारी बारिश ने सभी पूर्वानुमानों को चुनौती दी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीने इस बारिश के पैटर्न को कैसे प्रभावित करेंगे।

दिल्ली में बारिश के कारण और प्रभाव

दिल्ली में बारिश के पीछे कई कारण होते हैं, जिनमें भौगोलिक और जलवायु कारक शामिल हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:

  • हिमालय की पर्वतमाला का प्रभाव
  • उष्णकटिबंधीय मानसून का आना
  • स्थानीय जलवायु परिवर्तन

इन कारणों के अलावा, बारिश के प्रभाव भी महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे:

  • जल आपूर्ति में वृद्धि
  • वायु गुणवत्ता में सुधार (हालांकि अपेक्षित नहीं)
  • कृषि के लिए लाभकारी स्थितियाँ

इन सबके बीच, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बारिश का पैटर्न केवल मौसमी नहीं है; यह दीर्घकालिक जलवायु परिवर्तन का भी संकेत है।

दिल्ली में मॉनसून का यह अनुभव न केवल शहर की जलवायु के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों के जीवन पर भी गहरा प्रभाव डालता है। आने वाले समय में, यह देखना आवश्यक होगा कि क्या ये बारिशें भविष्य में भी इसी तरह बनी रहेंगी या नहीं।

दिल्ली के मौसम के बारे में अधिक जानकारी और अद्यतनों के लिए, नीचे दिए गए वीडियो को देखें:

Go up