दिल्ली मेट्रो किराया वृद्धि के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन

सूची
  1. दिल्ली मेट्रो किराया बढ़ोतरी के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन
  2. क्यों हुई किराया बढ़ोतरी?
  3. किराया वृद्धि का असर किन पर?
  4. छात्रों की मांगें
  5. महिलाओं की स्थिति
  6. सामाजिक न्याय का मुद्दा
  7. डीएमआरसी से क्या मांग की गई?

दिल्ली के छात्रों का प्रदर्शन हाल ही में दिल्ली में मेट्रो किराए में वृद्धि के खिलाफ छात्रों का एक बड़ा प्रदर्शन हुआ है। यह घटना न केवल छात्र समुदाय बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मेट्रो यात्रा के खर्च को सीधे प्रभावित करती है। आइए जानते हैं इस मुद्दे के प्रमुख पहलुओं को।

दिल्ली मेट्रो किराया बढ़ोतरी के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन

दिल्ली में छात्रों ने डीएमआरसी मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया है। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के नेतृत्व में विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र इस मामले में अपनी आवाज उठाने के लिए एकत्रित हुए। छात्रों का कहना है कि पहले से ही यात्रा पर भारी खर्च हो रहा है और किराया वृद्धि से अतिरिक्त 500 से 800 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा।

क्यों हुई किराया बढ़ोतरी?

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने लगभग आठ वर्षों बाद यात्री किरायों में संशोधन किया है। अधिकारियों का कहना है कि यह बढ़ोतरी दूरी के हिसाब से 1 रुपये से 4 रुपये तक है। DMRC ने तर्क दिया है कि कोविड-19 महामारी के कारण हुए नुकसान, कर्ज चुकाने और रखरखाव की लागत को देखते हुए यह कदम उठाना पड़ा।

किराया वृद्धि का असर किन पर?

इस प्रदर्शन में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वीमेन एसोसिएशन (AIDWA) की सदस्याएं भी शामिल हुईं। उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी खासतौर पर छात्रों और कामकाजी महिलाओं पर सबसे ज्यादा असर डालेगी, क्योंकि ये लोग रोजाना के सफर के लिए मेट्रो पर निर्भर रहते हैं।

  • प्रतिदिन यात्रा पर खर्च: लाखों छात्र प्रतिदिन 100 रुपये से अधिक यात्रा पर खर्च कर रहे हैं।
  • अतिरिक्त बोझ: किराया बढ़ने से हर महीने 500 से 800 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  • महिलाओं का सुरक्षा मुद्दा: मेट्रो महिलाओं के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित साधन है।

छात्रों की मांगें

छात्रों ने स्पष्ट रूप से अपनी मांगें रखीं हैं। एसएफआई दिल्ली राज्य समिति के सदस्य सोहन कुमार यादव ने कहा, "छात्र समुदाय का बड़ा हिस्सा मध्यमवर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आता है।" उन्होंने यह भी बताया कि किराया बढ़ने का मतलब है कि उन्हें बुनियादी जरूरतों जैसे किताबें और खाना खरीदने में समझौता करना पड़ेगा।

महिलाओं की स्थिति

एसएफआई की कार्यकर्ता अभिनंदना प्रत्याशी ने बताया कि मेट्रो महिलाओं के लिए एक सुरक्षित साधन है, लेकिन किराया बढ़ने से कई छात्राओं को मजबूरी में सस्ते लेकिन असुरक्षित विकल्पों की तलाश करनी पड़ सकती है।

सामाजिक न्याय का मुद्दा

एआईडीडब्ल्यूए दिल्ली की सचिव कविता शर्मा ने कहा, "कई छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए मेट्रो ही एकमात्र सुरक्षित और भरोसेमंद साधन है। इसे महंगा बनाना महिलाओं से उनके गतिशीलता और सुरक्षा के अधिकार छीनने जैसा है।" यह स्थिति सामाजिक न्याय के मुद्दे को भी उठाती है, जहां महिलाओं की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर खतरा है।

डीएमआरसी से क्या मांग की गई?

प्रदर्शनकारियों ने डीएमआरसी से तुरंत किराया वृद्धि वापस लेने की मांग की और केंद्र एवं दिल्ली सरकार से छात्रों के लिए रियायती मेट्रो पास शुरू करने की अपील की। यह कदम छात्रों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हो सकता है।

इस प्रदर्शन को लेकर कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिसमें छात्रों की भक्ति और उनकी आवाज़ को सुनने की आवश्यकता को दर्शाया गया है। एक वीडियो जिसमें प्रदर्शन की झलक दी गई है, उसे यहाँ देखा जा सकता है:

इस तरह के प्रदर्शन, छात्रों की एकजुटता और उनकी ज़रूरतों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह मुद्दा केवल किराया नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और आर्थिक संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

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