दिल्ली में हरितालिका तीज महोत्सव शिव-पूजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम

सूची
  1. दिल्ली में हरितालिका तीज महोत्सव का भव्य आयोजन
  2. सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का समागम
  3. समाज में उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मान
  4. भविष्य की योजनाएं और उम्मीदें

हरितालिका तीज महोत्सव एक ऐसा पर्व है जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को भी दर्शाता है। इस महोत्सव का आयोजन हर साल विशेष धूमधाम से मनाया जाता है, और इसका महत्व हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष, दिल्ली में आयोजित इस महोत्सव ने भक्तों और सांस्कृतिक प्रेमियों को एकजुट किया है, जिससे एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है।

दिल्ली में हरितालिका तीज महोत्सव का भव्य आयोजन

दिल्ली के सूरजमल विहार में यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हरितालिका तीज महोत्सव 2025 का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम हम्रो स्वाभिमान ट्रस्ट और पतंजलि योगपीठ द्वारा आयोजित किया गया। हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी ने इस पर्व को एक विशेष महत्व प्रदान किया, जो भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक एकता को दर्शाता है।

इस महोत्सव के दौरान, भक्तों ने भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के माध्यम से अपनी आस्था का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, और नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा शामिल थे। उनके साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का समागम

हरितालिका तीज महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। इस वर्ष की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष रूप से, दार्जिलिंग, असम, और देहरादून से आए कलाकारों ने नेपाली पारंपरिक नृत्यों की अद्भुत झलक प्रस्तुत की।

  • प्रकाश सपूत और विनीता क्षेत्री की संगीत प्रस्तुतियां
  • दार्जिलिंग के गोरखाली नृत्य
  • असम की लोक कला
  • दिल्ली एनसीआर के कलाकारों की शानदार परफॉर्मेंस

कार्यक्रम की रंगीनता ने उत्सव को जीवंत बना दिया। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों का आनंद लिया और नृत्य-गान के साथ मिलकर उत्सव का आनंद उठाया। इस तरह के आयोजनों से न केवल सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में एकता का भी संचार होता है।

समाज में उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मान

इस महोत्सव के दौरान, समाज और संस्कृति में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पांच विभूतियों को हम्रो गौरव अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार समाज के प्रति उनके योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

  • पद्मश्री नरेन गुरूंग: नेपाली लोकसंगीत में विशेष योगदान
  • पद्मश्री द्रोपदी घिमिरे: समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान
  • पद्मश्री गीता उपाध्याय: साहित्य में उत्कृष्ट योगदान
  • इंस्पेक्टर मान सिंह भट्ट: वीरता व सेवा के लिए
  • रेसलर देवा थापा: खेल जगत में उपलब्धियां

इन पुरस्कारों का वितरण मंत्री प्रवेश वर्मा और आचार्य बालकृष्ण द्वारा किया गया, जिन्होंने इन विभूतियों के योगदान को सराहा और प्रोत्साहित किया।

भविष्य की योजनाएं और उम्मीदें

महोत्सव के आयोजकों ने घोषणा की कि अगले वर्ष इस महोत्सव को और भी भव्यता के साथ मनाया जाएगा। दिल्ली सरकार की सहभागिता के साथ, इस महोत्सव को और भी अधिक आकर्षक बनाने की योजना है।

इस वर्ष के महोत्सव ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक पर्व केवल एक दिन का उत्सव नहीं होते, बल्कि ये सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समागम का माध्यम बनते हैं।

हरितालिका तीज महोत्सव ने न केवल श्रद्धालुओं को एकत्रित किया, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान किया।

इस महोत्सव के आयोजन ने दिखाया कि भारत और नेपाल के बीच की सांस्कृतिक कड़ी कितनी मजबूत है। इसका महत्व केवल धार्मिक आस्था के लिए नहीं, बल्कि समाज में एकता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इस महोत्सव के दौरान साझा की गई सांस्कृतिक धरोहर ने दर्शकों को एक नई दृष्टि दी और यह प्रमाणित किया कि हमारे सांस्कृतिक त्योहार हमारी एकता का प्रतीक होते हैं।

इस कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं:

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