दिल्ली में युवक का लड़की का पीछा और POCSO एक्ट मामला

सूची
  1. दिल्ली के पहाड़गंज में नाबालिग का पीछा करने वाले युवक की गिरफ्तारी
  2. पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई
  3. आरोपी की पहचान और पृष्ठभूमि
  4. समाज में जागरूकता का महत्व

दिल्ली की सड़कों पर सुरक्षा और नाबालिगों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। हाल के एक मामले ने इस विषय पर जागरूकता बढ़ाई है, जब एक युवक ने एक नाबालिग लड़की का पीछा किया और अशोभनीय इशारे किए। इस घटना ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे समाज को चिंतित कर दिया है। आइए इस घटना के विवरण और इसके प्रभाव पर गौर करते हैं।

दिल्ली के पहाड़गंज में नाबालिग का पीछा करने वाले युवक की गिरफ्तारी

दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में एक नाबालिग लड़की का पीछा करने और उसे अशोभनीय इशारे करने के आरोप में पुलिस ने 22 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी शादाब खान के रूप में हुई है। यह घटना उस समय हुई जब लड़की अपनी बहन के साथ सामान खरीदने गई थी।

घटना की पृष्ठभूमि
पुलिस के अनुसार, यह मामला 24 अगस्त को सामने आया। पीड़िता का परिवार रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचा। परिवार ने बताया कि जब लड़की और उसकी बहन बाजार में थीं, तब एक अज्ञात युवक उनका पीछा कर रहा था। यह घटना उस समय और गंभीर हो गई जब युवक ने उन्हें घर लौटते समय भी परेशान किया।

लड़की ने अपने पिता को इस बारे में बताया, जिन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी की पहचान की और 12 घंटे के भीतर उसे गिरफ्तार कर लिया।

पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई

पीड़िता की शिकायत के आधार पर पहाड़गंज थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 78 (स्टॉकिंग) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। यह कानून नाबालिगों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, जिसका उद्देश्य यौन अपराधों से बच्चों को बचाना है।

  • पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी को कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है।
  • इस एक्ट का लक्ष्य नाबालिगों को हिंसा और यौन शोषण से बचाना है।
  • पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना बनाई है।

डीसीपी (सेंट्रल) निधिन वलसन ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाएगा और पुलिस सभी आवश्यक कदम उठाएगी ताकि नाबालिगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

आरोपी की पहचान और पृष्ठभूमि

पुलिस ने आरोपी की पहचान करते समय पाया कि शादाब खान कानपुर का निवासी है और वह हाल ही में दिल्ली में आकर रह रहा था। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है।

अधिकारियों का कहना है कि स्टॉकिंग और अशोभनीय हरकतें गंभीर अपराध हैं। ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, विशेषकर जब नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया जाए।

समाज में जागरूकता का महत्व

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि समाज में जागरूकता और सजगता कितनी महत्वपूर्ण है। बच्चों और नाबालिगों की सुरक्षा के लिए परिवारों को सतर्क रहना चाहिए।

  • बच्चों को यह सिखाना आवश्यक है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति से दूरी बनाएं।
  • माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करनी चाहिए और उन्हें सुरक्षा के उपाय बताने चाहिए।
  • समाज में ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है।

इस मामले ने यह भी दर्शाया है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां समय पर और प्रभावी कार्रवाई कर रही हैं। ऐसी घटनाएं न केवल पीड़ितों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी अत्यंत तनावपूर्ण होती हैं।

नाबालिगों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए समाज के हर वर्ग को जिम्मेदारी उठानी होगी। यह केवल पुलिस या सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हमें सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।

दिल्ली में इस प्रकार की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं, लेकिन समाज में जागरूकता और ठोस कदम उठाने से हम इसे रोक सकते हैं।

इस घटना पर अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिया गया वीडियो देख सकते हैं:

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