दिल्ली में हाल ही में एक बड़ा ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें दो शातिर ठगों ने फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में करियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं को अपने धोखे का शिकार बनाया। यह घटना न केवल उन युवाओं के सपनों को चुराती है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे अपराधी संगठनों ने इस उद्योग को अपने फायदे के लिए निशाना बना लिया है। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में विस्तार से।
फर्जी प्रोड्यूसर गैंग का खुलासा
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में राजधानी और लखनऊ से दो ठगों को गिरफ्तार किया है, जो अपने आप को फिल्म और टीवी प्रोड्यूसर बताकर युवाओं को ठगी का शिकार बनाते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तरुण शेखर शर्मा और भावना उर्फ आशा सिंह शामिल हैं। ये दोनों अक्सर अपने आपको डायरेक्टर, प्रोड्यूसर या एचआर डायरेक्टर के रूप में पेश कर युवाओं को आकर्षित करते थे।
ठगी का यह मामला तब सामने आया जब एक महिला ने अपनी बेटी की शिकायत दर्ज कराई। महिला की बेटी एक्टिंग और मॉडलिंग का कोर्स कर रही थी और काम की तलाश में सोशल मीडिया पर सक्रिय थी। एक दिन उसे एक विज्ञापन नजर आया, जिसमें कहा गया था कि एक बड़े टीवी चैनल को नए कलाकारों की आवश्यकता है। इस विज्ञापन को देखकर जब उसने लिंक पर क्लिक किया, तो वह एक वॉट्सऐप चैट में पहुंच गई।
कैसे काम करता था ठगी का ये जाल?
ठग ने खुद को डायरेक्टर पीयूष शर्मा बताते हुए महिला की बेटी से बातचीत करना शुरू किया। उसने दावा किया कि वह एक प्रसिद्ध टीवी शो में काम कर चुका है। इसके बाद, उसने लड़की से उसका पोर्टफोलियो मांगा और उसे एक कथित बड़े प्रोड्यूसर से मिलवाने का लालच दिया। इस पूरी प्रक्रिया में, लड़की से बार-बार पैसे मांगे गए।
- पोर्टफोलियो के नाम पर पैसे मांगना
- बड़े प्रोड्यूसर से मिलवाने का झांसा देना
- भरोसा जीतने के लिए फर्जी पहचान बनाना
इस तरह से लड़की ने कुल 24 लाख रुपये आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। लेकिन जैसे ही पैसे मिले, ठगों ने उसे ब्लॉक कर दिया। यह ठगी केवल एक ही मामले तक सीमित नहीं है, बल्कि पुलिस को ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
पुलिस की कार्रवाई और ठगों की पहचान
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने इस मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने मनी ट्रेल और तकनीकी फुटप्रिंट्स का अनुसरण करते हुए ठगों की पहचान की। जांच में यह सामने आया कि आरोपी वॉट्सऐप कॉल्स के माध्यम से ही बातचीत करते थे, जिससे उनकी असली लोकेशन का पता नहीं चल सके।
आरोपियों की पहचान होने के बाद, दिल्ली और लखनऊ में एक साथ छापे मारे गए। पुलिस ने इन ठगों के पास से:
- 7 स्मार्टफोन
- 10 सिम कार्ड
- 8 एटीएम कार्ड
- 15 अलग-अलग बैंकों के चेकबुक और पासबुक
ठगों की कार्यप्रणाली का विश्लेषण
दिल्ली पुलिस के अनुसार, तरुण और भावना ने यूट्यूब वीडियो देखकर सीखा था कि लोगों से कैसे बात करनी है और उनका भरोसा कैसे जीतना है। ये ठग विशेष रूप से उन युवाओं को अपने जाल में फंसाते थे, जो एक्टिंग के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।
इनकी योजना में शामिल थे:
- फिल्म और टीवी प्रोजेक्ट्स का झूठा प्रचार
- महंगे होटलों में ठहरना और रईसों जैसी जिंदगी जीना
- धोखाधड़ी से प्राप्त रकम से नई योजनाएं बनाना
पुलिस ने बताया कि अब तक की जांच में ठगी के चार मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन यह संभव है कि इन दोनों ने कई अन्य युवाओं को भी ठगा हो।
नैतिक पहलू और युवा जागरूकता
यह मामला केवल एक ठगी का नही, बल्कि यह एक चेतावनी भी है। युवा वर्ग को इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूक रहना चाहिए। उन्हें चाहिए कि वे:
- किसी भी नौकरी के प्रस्ताव की सच्चाई की जाँच करें।
- सिर्फ विश्वसनीय स्रोतों से ही संपर्क करें।
- किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले सावधानी बरतें।
इस तरह के मामलों से बचने के लिए, युवाओं को अपने अधिकार और सुरक्षा के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
एक्सक्लूसिव वीडियो रिपोर्ट
इस मामले से संबंधित अधिक जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं, जिसमें इस ठगी के पीछे की पूरी कहानी को विस्तार से बताया गया है: