हाल ही में जोधपुर में सामने आई एक दिल दहला देने वाली घटना ने समाज में दहेज प्रथा की भयावहता को एक बार फिर उजागर किया है। एक शिक्षिका ने अपनी तीन साल की बेटी के साथ आत्महत्या कर ली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दहेज के लिए हो रहे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का क्या खतरनाक परिणाम हो सकता है। इस घटना ने न केवल पीड़िता के परिवार को तोड़ा है, बल्कि पूरे समाज को भी सोचने पर मजबूर किया है कि हम इस बुराई से कैसे निपट सकते हैं।
दहेज प्रथा का काला सच
भारत में दहेज प्रथा एक गहरी-rooted सामाजिक समस्या है, जो कई परिवारों को तोड़ने और कई महिलाओं की जान लेने का कारण बनती है। दहेज के लिए उत्पीड़न की घटनाएं अक्सर सुनने में आती हैं, लेकिन जब कोई महिला अपनी जान देने का निर्णय लेती है, तो यह एक गंभीर संकेत है कि समाज में कुछ गलत है।
- दहेज प्रथा से जुड़े मामले केवल आर्थिक शोषण नहीं हैं, बल्कि यह महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
- महिलाएं अक्सर परिवार के सामने मजबूर होती हैं कि वे अपने ससुराल वालों की इच्छाओं को पूरा करें, चाहे उसके लिए उन्हें खुद को खतरे में डालना पड़े।
- कई बार, दहेज के लिए उत्पीड़न इतना बढ़ जाता है कि पीड़ित महिलाएं आत्महत्या करने का रास्ता चुनती हैं।
संजू बिश्नोई की त्रासदी
जोधपुर में 32 वर्षीय संजू बिश्नोई ने 22 अगस्त को अपनी मासूम बेटी के साथ आत्मदाह कर लिया। घटना के समय संजू का पति, दिलीप बिश्नोई, घर पर मौजूद नहीं था। जब पड़ोसियों ने धुआं उठते देखा, तो उन्होंने तुरंत संजू के पिता को सूचित किया। जब परिवार घर पहुंचा, तब उन्हें संजू को जलती हुई अवस्था में पाया। उनकी बेटी की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि संजू ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मंडोर के एसीपी नागेंद्र कुमार ने बताया कि संजू के पिता ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। यह स्पष्ट है कि संजू के आत्महत्या के पीछे का कारण उसके ससुराल वालों द्वारा किया गया उत्पीड़न था।
सुसाइड नोट के गंभीर आरोप
पुलिस ने संजू के पिता की शिकायत पर उसके पति, सास, ससुर और ननद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सुसाइड नोट में संजू ने अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे यह साबित होता है कि वह मानसिक और भावनात्मक रूप से कितनी परेशान थी। पीड़िता के परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का काम किया।
मोबाइल फोन से खुलेंगे कई राज
संजू के मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उम्मीद की जा रही है कि इस फोन से महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आएंगी। संजू ने 2021 से सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम किया था। उसके पति और ससुराल वालों द्वारा उसे 10 साल से प्रताड़ित किया जा रहा था।
पोस्टमार्टम और विवाद
संजू के शव का पोस्टमार्टम महात्मा गांधी अस्पताल में किया गया, लेकिन इसके बाद शव को लेकर मायके और ससुराल में विवाद हो गया। संजू के माता-पिता ने उसके शव की कस्टडी की मांग की, जिससे तनाव और बढ़ गया। संजू का विवाह दिलीप बिश्नोई से हुआ था, और हाल ही में परिवार में झगड़े बढ़ गए थे, जिसने संजू को बेहद तनाव में डाल दिया।
दहेज प्रथा के खिलाफ उठती आवाजें
इस दर्दनाक घटना ने ग्रेटर नोएडा में निक्की भाटी केस की याद दिला दी है, जहां भी दहेज की वजह से एक महिला ने अपनी जान दी थी। निक्की भाटी के मामले में भी उसके पति ने दहेज के लिए उसे लगातार प्रताड़ित किया। ऐसी घटनाएं न केवल पीड़ित महिलाओं के लिए, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं।
इस संदर्भ में, यह आवश्यक है कि समाज मिलकर दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाए और इसे समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए। शिक्षित होना, जागरूकता फैलाना और इस मुद्दे पर चर्चा करना आवश्यक है, ताकि हम भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोक सकें।
इस घटना की गंभीरता को समझते हुए, हम सभी को अपने-अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे, ताकि दहेज प्रथा जैसी बुराइयों का अंत हो सके।
समाज में बदलाव की आवश्यकता
दहेज प्रथा केवल एक कानूनी समस्या नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक दंश है, जिसे समय रहते समाप्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए कुछ प्रमुख कदम उठाए जा सकते हैं:
- शिक्षा का प्रचार: महिलाओं को शिक्षित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना आवश्यक है।
- जागरूकता कार्यक्रम: समाज में दहेज के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
- कानूनी सख्ती: दहेज के खिलाफ कानूनों को सख्ती से लागू करना और दोषियों को कड़ी सजा देना।
- समर्थन समूह: दहेज के खिलाफ पीड़ित महिलाओं के लिए सहायता समूह बनाना।
यदि हम सभी एकजुट होकर इस समस्या का सामना करें, तो हमें दहेज प्रथा को समाप्त करने में सफलता मिल सकती है।