डॉ. हेडगेवार देशभक्त थे, मोहन भागवत ने बताया योगदान

सूची
  1. आरएसएस की स्थापना का उद्देश्य और संदेश
  2. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की धाराएं
  3. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का योगदान
  4. हिंदू शब्द का अर्थ
  5. आरएसएस की भूमिका और भविष्य
  6. समाज में संघ का योगदान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर, संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस अवसर पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि आरएसएस का उद्देश्य केवल संगठन चलाना नहीं है, बल्कि एक समग्र दृष्टि के साथ भारत को उसकी सही पहचान दिलाना है। यह कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया गया, जहां भागवत ने संघ के प्रति प्रचलित धारणाओं और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया।

आरएसएस की स्थापना का उद्देश्य और संदेश

मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस का मूल उद्देश्य भारत के उत्थान के माध्यम से विश्व के कल्याण में योगदान करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर राष्ट्र का एक मिशन होता है, और भारत का मिशन मानवता को समन्वय और सहयोग का मार्ग दिखाना है।

आरएसएस को एक संगठन के रूप में नहीं, बल्कि एक विचारधारा के रूप में देखा जाना चाहिए। इसका लक्ष्य है कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों को पुनर्जीवित किया जाए। भागवत ने कहा, "संघ केवल संघ चलाने के लिए नहीं है, बल्कि भारत को उसकी भूमिका निभाने योग्य बनाने के लिए है।"

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की धाराएं

मोहन भागवत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की विभिन्न धाराओं का उल्लेख किया, जिनमें शामिल हैं:

  • क्रांतिकारी धारा: यह धारा सशस्त्र संघर्ष के जरिए स्वतंत्रता की कोशिश करती थी।
  • राजनीतिक धारा: कांग्रेस और अन्य दलों के माध्यम से राजनीतिक जागरण को बढ़ावा देने का प्रयास।
  • सुधार आंदोलन: समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए सुधारात्मक प्रयास।
  • आध्यात्मिक धारा: स्वामी विवेकानंद और स्वामी दयानंद जैसे नेताओं का समाज को मूल परंपरा की ओर ले जाना।

उन्होंने कहा कि ये सभी धाराएं महत्त्वपूर्ण थीं, लेकिन "पूर्ण राष्ट्र निर्माण" का कार्य अधूरा रह गया है। यह एक महत्वपूर्ण विचार है, क्योंकि यह उस समय की आवश्यकता को दर्शाता है जब देश को एकजुटता की आवश्यकता थी।

डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का योगदान

संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जीवन की चर्चा करते हुए, भागवत ने बताया कि वे बचपन से ही देशभक्ति की भावना से प्रेरित थे। उनके विचारों और कार्यों ने भारतीय समाज में स्थायी परिवर्तन लाने का प्रयास किया।

डॉ. हेडगेवार ने महसूस किया कि स्थायी परिवर्तन केवल समाज की "गुणात्मक उन्नति" से संभव है। इसी चिंतन से 1925 में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य "सम्पूर्ण हिंदू समाज का संगठन" था।

हिंदू शब्द का अर्थ

मोहन भागवत ने "हिंदू" शब्द के अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह किसी के खिलाफ खड़ा होना नहीं है। यह समन्वय और समावेश की संस्कृति को दर्शाता है। भारतीय संस्कृति में विविधता का सम्मान किया जाता है, जो इसे और भी मजबूत बनाती है।

हिंदू परंपरा में अलग-अलग मार्गों और आस्थाओं का सम्मिलन है, जो भारतीय समाज की एकता और अखंडता का प्रतीक है। यह सोच हमें हमेशा साथ लेकर चलने का मार्ग दिखाती है।

आरएसएस की भूमिका और भविष्य

आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर चर्चा करते हुए, भागवत ने "नए क्षितिज" की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर संघ का उद्देश्य न केवल अपने पिछले कार्यों का जश्न मनाना है, बल्कि भविष्य के लिए एक नई दिशा तय करना भी है।

संघ के विचार के अनुसार, भारत को एक ऐसा देश बनाना है जहां सभी लोग एक साथ मिलकर काम कर सकें। यह एक ऐसी सोच है जो न केवल भारत, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए लाभकारी है।

इस अवसर पर, भागवत ने यह भी बताया कि आरएसएस का संदेश केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्व के अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

समाज में संघ का योगदान

संघ ने भारतीय समाज में कई सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है। संघ के कार्यों में शामिल हैं:

  • शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाना और बच्चों को नैतिक शिक्षा देना।
  • स्वास्थ्य: स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करना।
  • सामाजिक विकास: कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाना।
  • संस्कृति का संरक्षण: भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखना।

इन कार्यों के माध्यम से, आरएसएस ने समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है, जो कि सभी के लिए लाभकारी है।

अंत में, मोहन भागवत का यह विचार कि "हिंदू संस्कृति में समन्वय और सहयोग की भावना है" न केवल भारत के लिए, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।

इसलिए, आरएसएस का 100 वर्ष का सफर केवल एक संगठन का नहीं, बल्कि एक विचारधारा का भी है, जो समाज और मानवता के उत्थान के लिए समर्पित है।

देखें इस विषय पर और जानकारी के लिए यह वीडियो:

Go up