जीएसटी रिफॉर्म से सरकार को 40000 करोड़ का घाटा और जनता के फायदे

सूची
  1. जीएसटी में बदलाव का प्रस्ताव और इसके प्रभाव
  2. हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी में छूट
  3. नए जीएसटी रेट कब लागू होंगे?
  4. भारत में जीएसटी स्लैब्स की संरचना
  5. आम जनता को मिलने वाले फायदे
  6. आगामी जीएसटी सुधारों की चुनौतियाँ

केंद्र सरकार की ओर से वस्तु एवं सेवा कर (GST) में प्रस्तावित बड़े बदलावों का सीधा असर न केवल सरकारी राजस्व पर पड़ेगा, बल्कि आम जनता के जीवन पर भी इसका महत्वपूर्ण प्रभाव होगा। यह बदलाव 40,000 करोड़ रुपये तक के राजस्व हानि का कारण बन सकता है, लेकिन इसके साथ ही उपभोक्ताओं को राहत देने वाले कई पहलुओं पर भी विचार किया गया है।

जीएसटी में बदलाव का प्रस्ताव और इसके प्रभाव

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित जीएसटी पुनर्रचना में कर प्रणाली को सरल बनाना मुख्य उद्देश्य है। नई व्यवस्था में 5% और 18% की दो नई दरें लागू करने का विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही, सिगरेट और तंबाकू जैसे 'सिन गुड्स' पर 40% की जीएसटी दर लगाई जाएगी।

इस बदलाव का एक प्रमुख पहलू ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म से संबंधित है, जहां केंद्र को जीएसटी और टीडीएस संग्रह में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। यह नुकसान तब होगा जब सरकार इस क्षेत्र में प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी में छूट

सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम आम लोगों को राहत देने के लिए हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी हटाने का प्रस्ताव है। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि यह कदम उपभोक्ताओं के खर्च को बढ़ावा देगा और अंततः राजस्व की हानि की भरपाई करेगा।

इस साल की शुरुआत में, सरकार ने 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले वेतनभोगियों के लिए आयकर में छूट की घोषणा भी की थी, जिससे खपत को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई थी।

नए जीएसटी रेट कब लागू होंगे?

नए जीएसटी दरों को लागू करने की योजना के तहत जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर को नई दिल्ली में होगी। यह बैठक पहले से निर्धारित समय से पहले हो रही है, ताकि दशहरा तक नए दरों को लागू किया जा सके। एक जीएसटी अधिकारी ने बताया, 'अगर सभी प्रक्रियाएं समय पर पूरी हो गईं, तो दशहरा के आसपास इसे लागू किया जा सकता है।'

इस बैठक में, 12% और 28% प्रतिशत वाले जीएसटी स्लैब को खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इससे आम आदमी को राहत मिलने की उम्मीद है।

भारत में जीएसटी स्लैब्स की संरचना

उपरोक्त बदलावों के बाद, भारत में जीएसटी की नई संरचना में 5%, 18% और 40% प्रतिशत के तीन स्लैब होंगे। इन स्लैब्स के माध्यम से विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दर को लागू किया जाएगा।

  • 5%: आवश्यक उपभोक्ता सामान
  • 18%: अधिकांश सेवाएं और उत्पाद
  • 40%: सिगरेट और तंबाकू उत्पाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधार की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, 'यह सरकार की तरफ से देशवासियों के लिए दिवाली का तोहफा होगा।'

आम जनता को मिलने वाले फायदे

नए जीएसटी सुधारों का मुख्य उद्देश्य आम जनता को राहत प्रदान करना है। इसके तहत निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:

  • कम कर दरों से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी
  • हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी में छूट
  • उपभोक्ता खर्च के बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी

इसके अलावा, सरकार का मानना है कि नए जीएसटी सुधारों से उपभोक्ताओं को दी जाने वाली राहत से अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इस संदर्भ में, यह भी उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के निर्णयों का पूरे देश में व्यापक असर होगा। आम जनता को इन सुधारों के माध्यम से बेहतर सेवाएं और अधिक किफायती दरों पर उत्पाद उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।

आगामी जीएसटी सुधारों की चुनौतियाँ

हालाँकि, इन सुधारों को लागू करने में कई चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं। इन चुनौतियों में शामिल हैं:

  • राजस्व हानि का प्रबंधन
  • राज्य सरकारों का सहयोग सुनिश्चित करना
  • नई कर प्रणाली के लिए तकनीकी बुनियादी ढाँचे का विकास

इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार को सभी स्तरों पर एकीकृत प्रयास करने होंगे। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जीएसटी का लाभ सभी वर्गों तक पहुँच सके।

इस संदर्भ में, यह वीडियो भी देखें, जो जीएसटी में प्रस्तावित परिवर्तनों का विस्तृत विवरण प्रदान करता है:

अंततः, केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित जीएसटी सुधार एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य न केवल सरकारी राजस्व को बनाए रखना है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाना है।

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