हाल के दिनों में जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। यह स्थिति न केवल स्थानीय निवासियों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यात्रियों और रेल यातायात के लिए भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर रही हैं। जानिए इस आपदा के असर और इसके पीछे के कारणों के बारे में।
जम्मू में बारिश और उसके प्रभाव
जम्मू संभाग में हो रही अत्यधिक बारिश ने रेल यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। नॉर्दर्न रेलवे ने जम्मू और कटरा रेलवे स्टेशनों से प्रस्थान करने वाली या यहां पहुंचने वाली 22 ट्रेनों को अगले दिन के लिए रद्द कर दिया है। ये ट्रेनें 27 अगस्त को रद्द रहेंगी। इसके अलावा, जम्मू डिवीजन में 27 ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है।
जम्मू रीजन में हाल में हुई बारिश दशकों की सबसे अधिक मानी जा रही है। इसके परिणामस्वरूप बाढ़, भूस्खलन, और सड़कें और पुलों को नुकसान हुआ है। स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। जम्मू शहर में एक दिन में 250 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है।
रद्द की गई ट्रेनों की सूची
नॉर्दर्न रेलवे द्वारा रद्द की गई 22 ट्रेनों में से 9 ट्रेनें माता वैष्णो देवी के बेस कैम्प कटरा से संबंधित हैं, और एक जम्मू से है। शेष ट्रेनें कटरा, जम्मू और उधमपुर स्टेशनों पर पहुंचने वाली थीं। यहाँ कुछ प्रमुख रद्द की गई ट्रेनों की सूची दी गई है:
- कटरा - जम्मू गाड़ी
- कटरा - दिल्ली एक्सप्रेस
- उधमपुर - कटरा ट्रैन
- कटरा - शिर्डी स्पेशल
- जम्मू - चंडीगढ़ ट्रेन
इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के पठानकोट से कंडरोरी के बीच भारी मिट्टी कटाव और चक्की नदी में अचानक बाढ़ के कारण रेल सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
समाचार अपडेट्स और यात्रियों के लिए सुविधाएं
जम्मू में भारी बारिश से रेल यातायात ठप होने के कारण फंसे यात्रियों को भोजन, पानी, और ठहरने की सुविधा दी गई है। रेलवे प्रशासन ने इस कठिन समय में यात्रियों की सहायता के लिए तत्परता दिखाई है।
रेलवे ने 27 ट्रेनों को फिरोजपुर, मंडा, चक रखवालन और पठानकोट में शॉर्ट-टर्मिनेट किया है। हालांकि, कटरा-श्रीनगर खंड पर रेल संचालन जारी है। यह ध्यान देने योग्य है कि मंगलवार दोपहर त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले मार्ग पर हुए भूस्खलन की चपेट में आने से 6 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए।
बारिश से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि
भूस्खलन की घटना के साथ ही, पिछले 24 घंटों में राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित इस पवित्र तीर्थस्थल की यात्रा अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
इस समय जम्मू संभाग में लगभग सभी प्रमुख नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिससे निचले इलाके और सड़कें जलमग्न हो गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से पहाड़ी ढलानों और जलाशयों से दूर रहने का आग्रह किया है।
जम्मू से कश्मीर के लिए ट्रेन सेवाएं
जम्मू से कश्मीर के लिए नियमित ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन कटरा-श्रीनगर खंड पर सेवाएं जारी हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा करने से पहले मौसम की स्थिति और रेलवे की आधिकारिक सूचनाओं की जांच करें।
भविष्य में संभावित समाधान और तैयारी
इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रशासन की तैयारी और प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होती है। स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही बाढ़ के संभावित खतरों के लिए उपाय किए हैं, लेकिन इससे निपटने के लिए ज्यादा प्रभावी योजना बनानी होगी।
भविष्य में, निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- सड़क और पुलों की स्थिरता की नियमित जांच
- भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में चेतावनी प्रणाली का निर्माण
- आवश्यक आपातकालीन सेवाओं का अद्यतनीकरण
जम्मू-कश्मीर की स्थिति को देखते हुए, सरकार और स्थानीय निकायों को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने की तैयारी की जा सके।
अधिक जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं, जो वर्तमान स्थिति पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है: