ग्रेटर नोएडा में निक्की की शादी को लेकर बहन कंचन के राज

सूची
  1. दहेज के लिए बढ़ती मांगें और पारिवारिक संघर्ष
  2. दुखद रात का भयावह मंजर
  3. बच्चे की मासूमियत और उसकी बयानबाजी
  4. पुलिस का त्वरित एक्शन और गिरफ्तारी
  5. समाज में बदलाव की आवश्यकता
  6. एक महत्वपूर्ण संदेश

ग्रेटर नोएडा में हाल ही में घटित एक भयानक घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। 26 साल की निक्की की ससुराल वालों द्वारा जिंदा जलाने की घटना न केवल एक पारिवारिक विवाद का परिणाम है, बल्कि यह समाज में व्याप्त दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की गंभीरता को भी उजागर करती है। इस मामले में निक्की की बहन कंचन ने कई चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं, जो इस केस को और भी सनसनीखेज बना देते हैं।

दहेज के लिए बढ़ती मांगें और पारिवारिक संघर्ष

कंचन के अनुसार, निक्की के ससुराल वाले उसे घर से निकालकर उसके पति विपिन की दूसरी शादी कराना चाहते थे। कंचन ने बताया कि यह सब तब शुरू हुआ जब ससुराल वालों ने दहेज के लिए 35 से 36 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने शादी में दी गई कार भी वापस मांगी। यह मांगें लगातार बढ़ती गईं, जिसके कारण निक्की और कंचन को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।

  • दहेज के लिए लगातार प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।
  • समझौते की कई कोशिशें की गईं, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
  • ससुराल वालों द्वारा निक्की को घर से निकालने की योजना बनाई गई।

कंचन ने कहा कि ये समस्याएँ केवल दहेज तक सीमित नहीं थीं; ससुराल वालों का निक्की के प्रति रवैया भी लगातार बिगड़ता गया। इस स्थिति ने परिवार में तनाव को और बढ़ा दिया और अंततः इस भयानक घटना का कारण बन गया।

दुखद रात का भयावह मंजर

कंचन ने उस रात का एक दर्दनाक दृश्य बयां किया। उन्होंने बताया कि विपिन और अन्य परिजनों ने निक्की को बेरहमी से पीटा। उसके गले और सिर पर हमला किया गया, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद, उन पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी गई। यह सुनकर हर कोई दंग रह गया है कि एक परिवार के सदस्य द्वारा ऐसा घिनौना कार्य कैसे किया जा सकता है।

निक्की को पड़ोसियों की मदद से फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी जान चली गई। यह घटना न केवल परिवार के लिए एक बड़ा आघात थी, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतावनी थी कि हमें दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा के खिलाफ खड़ा होना होगा।

बच्चे की मासूमियत और उसकी बयानबाजी

इस घटना में निक्की का छह वर्षीय बेटा भी मौजूद था। उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह स्पष्ट रूप से कहता है, "मेरी मम्मा के ऊपर कुछ डाला, फिर उनको चांटा मारा और लाइटर से आग लगा दी।" इस मासूम बच्चे की बातों ने लोगों के दिलों को छू लिया और इस घटना के प्रति गुस्सा और बढ़ गया।

  • बच्चे ने सच्चाई बयां की, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
  • सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से जनाक्रोश बढ़ा।
  • लोगों ने दहेज प्रथा के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।

इस बयान ने इस बात को दर्शाया कि दहेज के लिए लड़कियों को कितनी बुरी तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। समाज को इस तरह की घटनाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बन सके।

पुलिस का त्वरित एक्शन और गिरफ्तारी

पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए मुख्य आरोपी पति विपिन भाटी को गिरफ्तार कर लिया। उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। लेकिन घटनाक्रम यहीं नहीं थमा। पुलिस जब विपिन को सबूत बरामद करने के लिए लेकर गई, तो उसने पुलिस की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जो उसके पैर में लगी।

इस दौरान, उसकी मां दयावती, जो घटना के बाद से फरार थी, पुलिस के हत्थे चढ़ गई। दयावती अपने घायल बेटे से मिलने जा रही थी। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पति विपिन, जेठ रोहित, सास दयावती और ससुर सतवीर के खिलाफ हत्या और दहेज प्रताड़ना के तहत मामला दर्ज किया गया है।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

इस घटना ने समाज को एक बार फिर सोचने पर मजबूर किया है। दहेज प्रथा केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक बीमारी है, जिसे समाप्त करना होगा। परिवारों को इस प्रकार के मामलों में जागरूक रहना चाहिए और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।

शायद अब समय आ गया है कि हम इस पर विचार करें कि क्यों ऐसी घटनाएं होती हैं और हमें क्या कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी लड़की ऐसी त्रासदी का शिकार न बने।

एक महत्वपूर्ण संदेश

ग्रेटर नोएडा की इस घटना ने हमें एक कठोर सच्चाई से अवगत कराया है। हमें इस पर विचार करने की आवश्यकता है कि हमारे समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना कैसे मजबूत की जाए।

इस मामले को लेकर विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा कई रिपोर्ट्स भी प्रकाशित की गई हैं। इनमें से एक रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा करते हुए, यह कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं के पीछे समाज की मानसिकता मुख्यतः जिम्मेदार है।

कुल मिलाकर, इस घटना ने समाज को एक गंभीर चेतावनी दी है कि दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा।

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