इजरायल ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों पर मिसाइलें दागीं

सूची
  1. इजरायल के हमले की पृष्ठभूमि
  2. हूती विद्रोहियों की प्रतिक्रिया
  3. इजरायली सेना की रणनीति और हमले का उद्देश्य
  4. फिलिस्तीनी समर्थन पर जोर
  5. क्षेत्रीय तनाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इजरायल और यमन के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ इजरायल की हालिया सैन्य कार्रवाई ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है। यह घटना विभिन्न जटिलताओं को उजागर करती है, जो यमन के संकट और मध्य पूर्व में चल रहे संघर्षों से जुड़ी हैं।

इजरायल के हमले की पृष्ठभूमि

रविवार को, इजरायल ने यमन की राजधानी सना में एक बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए और 86 अन्य घायल हुए। यह हमला उस समय हुआ जब इजरायली सेना ने आरोप लगाया कि हूती विद्रोहियों ने पहले इजरायल पर हमले किए थे। इन हमलों में मिसाइलें और ड्रोन शामिल थे, जो इजरायल के नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा माने जाते हैं।

इजरायली सेना का कहना है कि इस हवाई हमले में सना के विभिन्न सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें राष्ट्रपति भवन और बिजली संयंत्र शामिल हैं। यह हमले ऐसे समय में हुए हैं जब क्षेत्र में आंतरिक और बाहरी राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, जिसमें ईरान के समर्थन से चलने वाले हूती विद्रोहियों की गतिविधियाँ भी शामिल हैं।

हूती विद्रोहियों की प्रतिक्रिया

इजरायल के हवाई हमलों के बाद, हूती विद्रोहियों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता के माध्यम से जानकारी दी कि हमले में छह लोगों की मौत हो गई है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हूती विद्रोहियों का कहना है कि वे फिलिस्तीनियों के समर्थन में अपनी कार्रवाई जारी रखेंगे।

इससे पहले, शुक्रवार को, हूती विद्रोहियों ने इजरायल की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागने का दावा किया था। यह हमला गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में किया गया था, जो कि इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा है।

इजरायली सेना की रणनीति और हमले का उद्देश्य

इजरायली वायुसेना ने हवाई हमले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि निशाने पर विभिन्न सैन्य ठिकाने थे। इनमें विशेष रूप से राष्ट्रपति भवन और बिजली संयंत्र शामिल थे। इजरायल का कहना है कि ये हमले हूती विद्रोहियों द्वारा बार-बार किए गए हमलों का प्रतिरोध थे।

  • सना में सैन्य परिसर
  • बिजली संयंत्र
  • ईंधन स्टेशन

इजरायली अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह पहली बार था जब यमन से इस प्रकार की मिसाइल दागी गई थी। इसके अलावा, इजरायल ने पहले भी हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया था, जिससे यह स्पष्ट है कि इजरायल क्षेत्र में अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

फिलिस्तीनी समर्थन पर जोर

हूती विद्रोहियों के वरिष्ठ अधिकारी अब्दुल कादर अल-मुर्तदा ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि हूती गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ अपनी एकजुटता जारी रखेंगे। उनका कहना है कि इजरायल को यह जानना चाहिए कि हूती अपने गाजा के भाइयों को नहीं छोड़ेंगे, चाहे कितना भी बलिदान देना पड़े।

यह इजरायल और गाजा के बीच चल रहे संघर्ष को और जटिल बनाता है। अक्टूबर 2023 में गाजा में इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी समूह हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से, ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई बार कार्गो जहाजों पर हमले किए हैं।

क्षेत्रीय तनाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस हमले के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने यमन और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है। कई देश इस स्थिति को स्थिर करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट है कि क्षेत्रीय राजनीतिक गतिशीलता और सुरक्षा के लिए यह घटनाक्रम गंभीर खतरा बन सकता है।

  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताएँ
  • यमन संकट की जटिलताएँ
  • क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रयास

इजरायल और हूती विद्रोहियों के बीच यह संघर्ष न केवल यमन की आंतरिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह मध्य पूर्व के अन्य देशों में भी तनाव बढ़ा सकता है। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्ष संवाद के माध्यम से समाधान खोजें।

हाल ही में इस विषय पर एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें इस तनाव की विस्तृत जानकारी दी गई है:

इस हिंसक घटनाक्रम के बाद, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया करता है और क्या वे किसी ठोस समाधान के लिए प्रयास करेंगे। यमन का संकट, जो वर्षों से जारी है, अब एक नए मोड़ पर पहुँच गया है, और इसके परिणाम दूरगामी हो सकते हैं।

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