हाल ही में हुई इजरायली हवाई हमलों ने यमन की राजधानी सना में एक बार फिर से तनाव को बढ़ा दिया है। ये हमले ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों का प्रतिक्रम हैं। इस लेख में हम इस घटनाक्रम के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से विचार करेंगे, ताकि पाठक को इस संघर्ष के जटिल आयामों को समझने में मदद मिल सके।
इजरायली हवाई हमलों का उद्देश्य
इजरायल ने हाल में सना पर हवाई हमले किए, जिसमें कई महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों का मुख्य उद्देश्य हूती विद्रोहियों के हमलों का जवाब देना था, जो कि इजरायल के खिलाफ अपने सशस्त्र अभियान को तेज कर रहे हैं। इजरायली सेना का दावा है कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन, दो बिजली संयंत्रों और एक ईंधन भंडारण स्थल को लक्षित किया है।
यह हमले उस समय किए गए जब हूती विद्रोहियों ने इजरायल के नागरिकों को निशाना बनाते हुए सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें और ड्रोन का उपयोग किया। इस तरह के हमलों ने इजरायल के सुरक्षा तंत्र को चुनौती दी है और इसने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है।
हवाई हमलों के परिणाम
स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई और पांच से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सना के निवासियों ने बताया कि पूरे शहर में धमाकों की आवाज सुनाई दी, जिससे लोग भयभीत हो गए।
- राजधानी सना के आसपास राष्ट्रपति भवन के नजदीक विस्फोट हुए।
- बंद सैन्य अकादमी के क्षेत्र में भी धमाकों की आवाज सुनी गई।
- स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि इसे दूर से भी सुना जा सकता था।
लाल सागर में बढ़ता तनाव
लाल सागर में इजरायल के व्यापारिक हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए हूती विद्रोहियों ने निरंतर ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। पिछले दो वर्षों में, इस क्षेत्र में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का सामान व्यापार किया गया है, जो कि हूती विद्रोहियों के हमलों के कारण खतरे में है।
विशेषज्ञों के अनुसार, नवंबर 2023 से दिसंबर 2024 के बीच हूती विद्रोहियों ने 100 से अधिक जहाजों को निशाना बनाया, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
अमेरिका और हूती के बीच समझौता
इजरायल के साथ बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका ने पिछले साल मई में हूती विद्रोहियों के साथ एक समझौता किया था। इस समझौते के अनुसार, यदि हूती विद्रोही लाल सागर में हमला करना रोकते हैं तो अमेरिका हवाई हमले बंद करेगा। लेकिन हूती ने स्पष्ट किया है कि वे इजरायल से जुड़े ठिकानों पर हमले जारी रखेंगे।
हूती विद्रोहियों की पहचान और उनके इजरायल के प्रति रुख
हूती विद्रोहियों को अंसार अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है। यह आंदोलन यमन में शिया ज़ैदी समुदाय से संबंधित है और इजरायल के खिलाफ एक सशक्त विरोध का प्रतीक है। उनका नारा "मौत इजरायल को" है, जो उनके इजरायल के प्रति गहरे विरोध को दर्शाता है।
हूती विद्रोहियों को ईरान का महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त है, और वे खुद को "अक्ष-अ-रजिस्टेंस" का हिस्सा मानते हैं। इसमें ईरान, इराकी मिलिशिया, हिज़बुल्लाह और हमास जैसे संगठन शामिल हैं।
हूती विद्रोहियों के हमले और उनकी रणनीति
हूती विद्रोही समूह ने इजरायल के खिलाफ सशस्त्र कार्रवाईयों में हाईपरसोनिक मिसाइल और ड्रोन हमलों का उपयोग किया है। विशेषकर 2023 से, उन्होंने इजरायल पर लगातार मिसाइल और ड्रोन हमलों का सहारा लिया है।
इन हमलों का उद्देश्य इजरायल के सैन्य ठिकानों, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और बंदरगाहों को निशाना बनाना है। इससे सिर्फ इजरायल की सुरक्षा ही खतरे में नहीं आती, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता पर भी प्रभाव डालता है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सना में हुए हवाई हमलों के बाद स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया बेहद चिंताजनक रही है। लोग तात्कालिक सुरक्षा की तलाश में हैं और ऐसे हमलों से बचे रहने के उपायों पर विचार कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये घटनाएँ वैश्विक सुरक्षा पर भी प्रभाव डाल सकती हैं।
इस संदर्भ में, यह देखना महत्वपूर्ण है कि कैसे यह संघर्ष आगे बढ़ता है और क्या क्षेत्र में कोई दीर्घकालिक समाधान निकलता है।
ज्वलंत घटनाओं पर अद्यतन जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस वीडियो को देख सकते हैं: