अधूरी नींद बनाम 3-4 बीयर, दिमाग को क्या है ज्यादा नुकसान

सूची
  1. नींद की कमी को ऐसे समझें
  2. सम्बंधित ख़बरें
  3. उम्र के मुताबिक कितने घंटे की नींद है जरूरी?
  4. क्या स्क्रीन टाइम भी नींद की कमी का कारण?
  5. यंगस्टर्स को कितने घंटे की नींद चाहिए?
  6. शराब नींद पर कैसे प्रभाव डालती है?
  7. नींद की कमी से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?
  8. नींद कम लेने के क्या नुकसान हैं?
  9. ऐसी कौन सी बीमारी है जिससे नींद नहीं आती है?
  10. किसकी कमी से नींद ज्यादा आती है?

नींद हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, जो केवल आराम का साधन नहीं है, बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। अगर आप सोचते हैं कि नींद की कमी का असर सिर्फ थकान तक सीमित है, तो आप गलत हैं। यह आपकी उत्पादकता, मूड और समग्र स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। दरअसल, यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि नींद की कमी और अल्कोहल का सेवन दोनों ही हमारे दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

नींद की कमी को ऐसे समझें

नींद की कमी का प्रभाव शरीर पर उस तरह होता है जैसे शराब का नशा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति का ब्लड अल्कोहल कंटेंट (BAC) 0.03% से अधिक है, तो उसे नशे की अवस्था में माना जाता है। शोध बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति 17 घंटे लगातार जागा रहता है, तो उसका प्रभाव 0.05% BAC के बराबर होता है। इससे भी गंभीर स्थिति यह है कि 24 घंटे जागे रहने पर यह स्तर 0.10% BAC तक पहुँच सकता है, जो लगभग 3-4 बीयर पीने के प्रभाव के बराबर होता है।

इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति चार दिनों तक प्रति रात केवल 5 घंटे सोता है, तो उसकी उत्पादकता उसी स्तर तक गिर जाती है जैसे 1-2 बीयर पीने पर होती है। यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि नींद की कमी मानसिक और शारीरिक क्षमताओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।

सम्बंधित ख़बरें

नींद की कमी की गंभीरता को देखते हुए, यह जानना आवश्यक है कि किस प्रकार की खबरें इस विषय से संबंधित हैं। जैसे कि हालिया अध्ययन में दिखाया गया है कि नींद की कमी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जिसमें हृदय रोग, मोटापा, और मानसिक स्वास्थ्य विकार शामिल हैं।

उम्र के मुताबिक कितने घंटे की नींद है जरूरी?

अधिकांश विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रति रात 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। हालांकि, यह उम्र के अनुसार बदलता है। यहाँ उम्र के अनुसार आवश्यक नींद के घंटे दिए गए हैं:

उम्रकम से कम नींदअधिकतम नींद
0-3 महीने14 घंटे17 घंटे
4-11 महीने12 घंटे15 घंटे
1-2 साल11 घंटे14 घंटे
3-5 साल10 घंटे13 घंटे
6-13 साल9 घंटे11 घंटे
14-17 साल8 घंटे10 घंटे
18-64 साल7 घंटे9 घंटे
65 साल से अधिक7 घंटे8 घंटे

क्या स्क्रीन टाइम भी नींद की कमी का कारण?

बढ़ते स्क्रीन टाइम का प्रभाव नींद पर पड़ता है। यह सत्य है कि सोने से पहले स्क्रीन का उपयोग नींद के लिए हानिकारक हो सकता है। नीली रोशनी जो स्मार्टफोन्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलती है, वह मेलाटोनिन के स्राव को प्रभावित करती है, जो कि नींद के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन है। इसके अलावा, चिंता पैदा करने वाली सामग्री, जैसे डरावनी फिल्में या नकारात्मक समाचार, नींद को और भी बाधित कर सकती हैं।

स्लीप विशेषज्ञ की सलाह है कि सोने से कम से कम एक घंटे पहले सभी स्क्रीन बंद कर दें और इसके बजाय कुछ हल्का पढ़ने या सॉफ्ट म्यूजिक सुनने का प्रयास करें। यह आपकी नींद को सुधारने में मदद कर सकता है।

यंगस्टर्स को कितने घंटे की नींद चाहिए?

जवानों को हर रात लगभग 8-10 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है, लेकिन अधिकांश को यह नहीं मिल पाती। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 60% मध्य विद्यालय के छात्र और 70% उच्च विद्यालय के छात्र पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं। मिशिगन के हाई स्कूल के छात्रों में यह आंकड़ा और भी अधिक है, जहाँ 80% छात्र नींद की कमी का सामना कर रहे हैं।

युवाओं में नींद की कमी का एक मुख्य कारण उनके मस्तिष्क में होने वाले बायोलॉजिकल परिवर्तन हैं, जो उन्हें देर से सोने के लिए मजबूर करते हैं। इसलिए, भले ही वे थके हुए हों, वे जल्दी सो नहीं पाते।

शराब नींद पर कैसे प्रभाव डालती है?

हालांकि शराब व्यक्ति को जल्दी सोने में मदद कर सकती है, पर यह नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। शराब के सेवन से नींद में व्यवधान पैदा होता है, जिससे अक्सर नींद अधूरी महसूस होती है। सोने से पहले शराब का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है, ताकि यह पूरी तरह से शरीर से बाहर निकल जाए।

नींद की कमी से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?

नींद की कमी से दिमाग पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को कम कर सकती है, निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है और मानसिक स्वास्थ्य विकारों का जोखिम बढ़ा सकती है। निरंतर नींद की कमी से डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

नींद कम लेने के क्या नुकसान हैं?

  • प्रोडक्टिविटी में कमी
  • मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन
  • याददाश्त की समस्याएँ
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी
  • दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे हृदय रोग

ऐसी कौन सी बीमारी है जिससे नींद नहीं आती है?

कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ भी नींद में व्यवधान पैदा कर सकती हैं। इनमें से कुछ हैं:

  • अनिद्रा
  • स्लीप एपनिया
  • चिंता और डिप्रेशन
  • क्रोनिक पेन सिंड्रोम
  • हार्मोनल असंतुलन

किसकी कमी से नींद ज्यादा आती है?

कुछ लोगों को अधिक नींद की आवश्यकता होती है, जो निम्नलिखित कारणों से हो सकती है:

  • आयरन की कमी
  • विटामिन D की कमी
  • थायराइड की समस्याएँ
  • डिप्रेशन
  • अन्य स्वास्थ्य विकार

नींद से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है। यदि आप या आपके जानने वाले इस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

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